×

'दीदी' के गढ़ में बोले पीएम मोदी, भारत की होगी 21वीं सदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को कोलकाता के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे ।  पीएम मोदी  ने एक कार्यक्रम में संबोंधित करते हुए कहा कि...

Deepak Raj
Published on: 11 Jan 2020 6:50 PM IST
दीदी के गढ़ में बोले पीएम मोदी, भारत की होगी 21वीं सदी
X

कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को कोलकाता के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे। पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार का ये प्रयास है कि भारत के सांस्कृतिक सामर्थ्य को दुनिया के सामने नए रंग-रूप में रखे, ताकि भारत दुनिया में हैरिटेज टूरिज्म का बड़ा सेंटर बनकर उभरे।

भारत की कला, संस्कृति को संरक्षित करने पर दिया बल

भारत की कला, संस्कृति और अपनी हैरिटेज को 21वीं सदी के अनुसार संरक्षित करने और उनको Reinvent, Rebrand, Renovate और Rehouse करने का राष्ट्रव्यापी अभियान आज पश्चिम बंगाल से शुरु हो रहा है। ये भी तय किया गया है कि देश के 5 Iconic Museums को International Standard का बनाया जाएगा। इसकी शुरुआत विश्व के सबसे पुराने म्यूजियम में से एक, Indian Museum Kolkata से की जा रही है।

नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग

बिप्लॉबी भारत नाम से म्यूज़ियम बने, जिसमें नेताजी सुभाषचंद्र बोस, ऑरबिंदो घोष, रास बिहारी बोस, खुदी राम बोस, देशबंधु, बाघा जतिन, बिनॉय, बादल, दिनेश, ऐसे हर महान सेनानी को यहां जगह मिलनी चाहिए।जब आज़ाद हिंद सरकार के 75 वर्ष पूरे हुए तो लाल किले में ध्वजारोहण का सौभाग्य मुझे खुद मिला। नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग भी बरसों से हो रही थी, जो अब पूरी हो चुकी है।

ये भी पढ़ें-मोदी सरकार के इस मंत्री ने CAA को लेकर विपक्ष पर बोला बड़ा हमला, कही ये बात

ईश्वर चंद्र विद्यासागर जी की 200वीं जन्मजयंति मना रहे हैं

अभी हम सभी ईश्वर चंद्र विद्यासागर जी की 200वीं जन्मजयंति मना रहे हैं। इसी तरह 2022 में जब भारत की आज़ादी के 75 वर्ष होंगे, तब एक और सुखद संयोग बन रहा है। साल 2022 में महान समाज सुधारक और शिक्षाविद राजा राममोहन राय की 250वीं जन्मजयंति आने वाली है।

इतिहास के कुछ अहम पक्षों को नजरअंदाज किया गया

ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि अंग्रेजी शासन के दौरान और स्वतंत्रता के बाद भी देश का जो इतिहास लिखा गया, उसमें इतिहास के कुछ अहम पक्षों को नजरअंदाज कर दिया गया। गुरुदेव ने अपने एक लेख में एक बहुत महत्वपूर्ण उदाहरण भी दिया था आंधी और तूफान का। उन्होंने लिखा था कि “चाहे जितना भी तूफान आए, उससे भी ज्यादा अहम होता है कि संकट के उस समय में, वहां के लोगों ने उस तूफान का सामना कैसे किया”।

भारत को आदि शंकराचार्य, थिरुनावुक्कारासार जैसे कवि संतों का आशीर्वाद मिला। अंदाल, अक्का महादेवी, भगवान बशवेश्वर, गुरु नानक देव जी द्वारा दिखाया गया मार्ग, आज भी हमें प्रेरणा देता है।

ये भी पढ़ें-कांग्रेस का मोदी सरकार पर हमला, जयराम रमेश ने गृह मंत्री पर लगाया गंभीर आरोप

कला और संस्कृति के जरिए जो जनभावनाएं अभिव्यक्त होती हैं

राजनीतिक और सैन्यशक्ति तो अस्थाई होती है, लेकिन कला और संस्कृति के जरिए जो जनभावनाएं अभिव्यक्त होती हैं, वो स्थाई होती हैं।और इसलिए, अपने समृद्ध इतिहास को, अपनी धरोहर को संजोकर रखना, उनका संवर्धन करना भारत के लिए, हर भारतवासी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

हम सभी को स्वामी विवेकानंद जी की वो बात हमेशा याद रखनी है, जो उन्होंने मिशिगन यूनिवर्सिटी में कुछ लोगों से संवाद के दौरान कही थी। स्वामी विवेकानंद ने उन्हें कहा था- “अभी वर्तमान सदी भले ही आपकी है, लेकिन 21वीं सदी भारत की होगी”।



Deepak Raj

Deepak Raj

Next Story