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क्या बीजेपी के साथ हैं राज ठाकरे! नहीं ​दिया भाई उद्धव को समर्थन

राज ठाकरे की पार्टी मनसे अकेली पार्टी नहीं है, जिसने उद्धव सरकार की ओर से लाए गए बहुमत परीक्षण के प्रस्‍ताव पर हुई वोटिंग से अलग रही। MNS के अलावा ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और भाकपा (भारतीय कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी) के भी विधायकों ने न तो पक्ष में और न ही विपक्ष में वोट डाला।

Shivakant Shukla
Published on: 30 Nov 2019 4:41 PM IST
क्या बीजेपी के साथ हैं राज ठाकरे! नहीं ​दिया भाई उद्धव को समर्थन
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मुंबई: महाराष्‍ट्र में जहां एक तरफ शनिवार को विधानसभा के विशेष सत्र में उद्धव ठाकरे की सरकार ने 169 विधायकों के साथ विश्‍वासमत हासिल कर लिया है। वहीं दूसरी तरफ विधानसभा के इस विशेष सत्र में उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई राज ठाकरे की पार्टी ने विश्‍वासमत प्रक्रिया में हिस्‍सा ही नहीं लिया।

उद्धव सरकार ने विपक्षी BJP के बहिष्‍कार के बीच बहुमत प्रस्‍ताव जीत लिया है। इस बीच, विधानसभा में ट्रस्‍ट वोट को लेकर लाए गए प्रस्‍ताव पर वोटिंग के दौरान उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई राज ठाकरे की पार्टी ने अपने भाई को समर्थन नहीं दिया। राज ठाकरे की पार्टी महाराष्‍ट्र नवनिर्माण सेना (MNS-मनसे) के एकमात्र विधायक ने किसी भी पक्ष में वोट नहीं डाला।

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मनसे के अलावा इन पार्टियों ने भी नहीं दिया समर्थन

राज ठाकरे की पार्टी मनसे अकेली पार्टी नहीं है, जिसने उद्धव सरकार की ओर से लाए गए बहुमत परीक्षण के प्रस्‍ताव पर हुई वोटिंग से अलग रही। MNS के अलावा ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और भाकपा (भारतीय कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी) के भी विधायकों ने न तो पक्ष में और न ही विपक्ष में वोट डाला।

लगाए जा रहे थे ये कयास

मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शपथ ग्रहण में हिस्‍सा लेने के लिए चचेरे भाई राज ठाकरे को भी न्‍योता दिया गया था। पारिवारिक कार्यक्रमों को छोड़ दें तो यह पहला मौका था जब दोनों भाई सार्वजनिक मंच था जिस पर दोनों एक साथ नजर आए थे। इसके बाद सियासी गलियारों की दोनों भाइयों के बीच राजनीतिक सुलह के कयास लगाए जाने लगे थे।

हालांकि, ट्रस्‍ट वोट के दौरान मनसे के तटस्‍थ रहने से इन कयासों पर विराम लगता दिखाई दे रहा है। तो ऐसे में ये सवाल उठता कि क्या राज ठाकरे बीजेपी के साथ हैं?

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