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पाकिस्तान से कोई मुस्लिम आता है तो उसे भी नागरिकता दी जाएगी: राजनाथ
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर मंचे हंगामे के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान से यदि कोई मुस्लिम भी आता है तो उसे नागरिकता दी जाएगी।
नई दिल्ली: संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर मंचे हंगामे के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान से यदि कोई मुस्लिम भी आता है तो उसे नागरिकता दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि इसके लिए कानून में प्रवाधन है। राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने पिछले 5-6 सालों में ऐसे 600 पाकिस्तानियों को नागरिकता दी है।रक्षा मंत्री ने सीएए के विरोध के पीछे विदेशी ताकतों के होने का अंदेशा भी जाहिर किया है।
जंगपुरा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, 'हम हिंदू-मुस्लिम के आधार पर राजनीति करने वाले लोग नहीं हैं। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश इस्लामी देश हैं। लेकिन भारत हिंदू देश नहीं है।
भारत पंतनिरपेक्ष, सेक्युलर देश है। यहां किसी का धार्मिक उत्पीड़न नहीं हो सकता है। पाकिस्तान में गैर इस्लामिक लोगों के साथ धार्मिक उत्पीड़न हो सकता है इसलिए हमें यह कानून बनाने की जरूरत पड़ी।
चाहे हिंदू हो, बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई और पारसी हो और उनका वहां धार्मिक उत्पीड़न होता है और भारत में वह जलालत की जिंदगी जीने पर मजबूर हुए हैं तो हम उन्हें नागरिकता देंगे। सोच-समझकर फैसला किया है।'
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'मुस्लिम को भी नागरिकता देने का प्रावधान'
राजनाथ सिंह ने कहा, 'जहां तक मुस्लिम समाज का प्रश्न है। यदि कोई हमारा मुस्लिम भाई पाकिस्तान से आना चाहता है, भारत में रहना चाहता है तो हमारे सिटिजनशिप ऐक्ट में यह प्रोविजन है, कि वह यहां की नागरिकता प्राप्त कर सकता है।
अपने ऐसे 600 मुस्लिम भाइयों को जो पाकिस्तान से आए हैं हमने 5-6 साल में नागरिकता दी है। फिर भी नफरत पैदा करने की कोशिश की जा रही है।'
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विदेशी ताकतों का हाथ
राजनाथ सिंह ने भरोसा दिया कि सीएए कि वजह से किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं जाएगी। उन्होंने सीएए के विरोध के पीछे विदेशी ताकतों के होने का शक भी जाहिर किया।
राजनाथ ने कहा, 'भारत के एक भी नागरिक की नागरिकता नहीं जाएगी। केवल गुमराह किया जा रहा है। मुझे तो लगता है कि इसमें कुछ विदेशी ताकतों का हाथ है। नफरत की स्याही से इतिहास लिखने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए।'
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