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वरुण गांधी: विरासत में मिली राजनीति, जानिए बीजेपी सांसद से जुड़ी खास बातें
वरुण गांधी का जन्म 13 मार्च 1980 में दिल्ली में हुआ था। वरुण केवल 3 महीने के थे, तभी उनके पिता संजय गांधी का एक हवाई दुर्घटना में निधन हो गया।
लखनऊ: गांधी परिवार के एक उभरते हुए सदस्य और पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी का आज जन्मदिन है। वैसे तो पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र को मेनका गांधी की कर्मस्थली माना जाता है, लेकिन वर्तमान में इस लोकसभा क्षेत्र का दायित्व उनके बेटे वरुण गांधी संभाल रहे हैं। उनका जन्म संजय गांधी और मेनका गांधी के घर हुआ और वे भारत की पूर्व प्रधान मंत्री, इंदिरा गांधी के पोते और भारत के पहले प्रधानमंत्री, जवाहरलाल नेहरू के परपोते हैं।
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3 महीने के थे तभी सर से उठा पिता सा साया
वरुण गांधी का जन्म 13 मार्च 1980 में दिल्ली में हुआ था। वरुण केवल 3 महीने के थे, तभी उनके पिता संजय गांधी का एक हवाई दुर्घटना में निधन हो गया। आज यानी 13 मार्च को उनके जन्मदिन पर हम आपको बताने जा रहे हैं उनके राजनीतिक कैरियर से जुड़ी कुछ खास बातें।
विरासत में मिली राजनीति
बता दें कि वरुण गांधी पीलीभीत सीट से दूसरी बार जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। बीजेपी नेत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी का वर्ष 1983 से पीलीभीत से जुड़ाव है। हालांकि उन्होंने पहला लोकसभा चुनाव 1989 में इसी सीट से लड़ा था। जिसके बाद पीलीभीत जिले को उनकी कर्मस्थली के तौर पर माना जाता है। वर्ष 2009 में लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपनी परंपरागत पीलीभीत संसदीय सीट से अपने पुत्र वरुण गांधी को चुनावी समर में उतारा था। इस चुनाव में वरुण गांधी रिकार्ड मतों के अंतर से सांसद चुने गए थे।
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पीलीभीत सीट से दूसरी बार जीतकर लोकसभा पहुंचे
वहीं मेनका गांधी आंवला सीट से सांसद चुनी गई थीं, लेकिन वर्ष 2014 में वरुण गांधी ने सुल्तानपुर सीट से चुनाव लड़ा, जबकि मेनका गांधी पीलीभीत सीट से सांसद चुनी गईं थी। वर्ष 2019 में वरुण गांधी फिर पीलीभीत से सांसद चुने गए। यहां से दूसरी बार जीतकर लोकसभा पहुंचे। वरुण गांधी अब एक कुशल राजनीतिज्ञ के तौर पर अपनी मां की कर्मस्थली को सहेज रहे हैं।