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ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद अब 'प्रियंका गांधी' का इस्तीफा
वैसे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में यह भी चर्चा है की कांग्रेस की हार के बाद ज्योतिरादित्य ने इस्तीफ़ा दे दिया है लेकिन इस हार की जिम्मेदारी प्रियंका की भी बनती है। ऐसे में नैतिकता के आधार पर उन्हें भी इस्तीफ़ा देना चाहिए। उन्हें भी कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
लखनऊ: कांग्रेस के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कर्नाटक में जहां जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार पर खतरा मंडरा रहा है तो वहीं कांग्रेस में लगातार इस्तीफे का दौर जारी है। बता दें कि पार्टी से अब तक कई दिग्गज नेता इस्तीफ़ा दे चुके हैं। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद जहां राहुल गांधी ने इस्तीफ़ा दे दिया है तो वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया, हरीश रावत और कमलनाथ जैसे नेता भी इस्तीफ़ा दे चुके हैं।
प्रियंका गांधी वाड्रा और राज बब्बर इस्तीफ़ा दे सकते हैं
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ऐसे में अब कयास लगाए जा रहे हैं कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस मामलों की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा और प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर भी इस्तीफ़ा दे सकते हैं। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी और राज बब्बर की भी बनती है। यह जिम्मेदारी और बढ़ती है जब राहुल गांधी अमेठी से ही हार गए हो। इसलिए अब सबकी निगाहें इसपर टिकीं हैं कि क्या प्रियंका भी इस्तीफ़ा देने वाली हैं?
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वैसे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में यह भी चर्चा है की कांग्रेस की हार के बाद ज्योतिरादित्य ने इस्तीफ़ा दे दिया है लेकिन इस हार की जिम्मेदारी प्रियंका की भी बनती है। ऐसे में नैतिकता के आधार पर उन्हें भी इस्तीफ़ा देना चाहिए। उन्हें भी कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। हालांकि, पार्टी में कई नेता और कार्यकर्ता ऐसे भी हैं, जिनका मानना है कि प्रियंका ने भले ही इस बार चुनाव प्रचार किया हो। मगर उन्हें असल में 2022 के चुनाव प्रचार की कमान मिली।
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प्रियंका ने भी अपनी बैठकों में इसके बारे में साफ किया था कि हम 2019 मजबूती से लड़ेंगे लेकिन हमारा बड़ा फोकस 2022 का विधानसभा चुनाव है। ऐसी सूरत में उनके इस्तीफे की गुंजाइश कम ही बचती है। लोग मानते हैं कि अब उत्तर प्रदेश में दूसरे प्रभारी की तैनाती नहीं होगी और सारा काम प्रियंका खुद देखेंगी।