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राहुल के वीडियो पर BJP का पलटवार, कहा- कोई ज्ञान नहीं है, लेकिन...
एनआरसी और डिटेंशन सेंटर को लेकर बीते कुछ समय से देश में सियासत तेज हो गई है। अब इस मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने डिटेंशन कैंप के दावों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को झूठा बताया, तो अब बीजेपी ने इस पलटवार किया है।
नई दिल्ली: एनआरसी और डिटेंशन सेंटर को लेकर बीते कुछ समय से देश में सियासत तेज हो गई है। अब इस मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने डिटेंशन कैंप के दावों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को झूठा बताया, तो अब बीजेपी ने इस पलटवार किया है।
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कांफ्रेंस कर राहुल गांधी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को जानना कुछ नहीं है, लेकिन बोलना सबकुछ है। किसी भी विषय पर राहुल गांधी को कोई ज्ञान नहीं है, लेकिन हर विषय पर बोलना है। संबित ने कहा कि इनकी दिक्कत न तो एनपीआर है, न सीएए है। इनकी परेशानी एक है कि ये चाय वाला कैसे प्रधानमंत्री बन गया।
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि 20 अक्टूबर 2012 को असम की कांग्रेस सरकार ने श्वेत पत्र जारी किया था। इसमें पेज 38 में लिखा है कि केंद्र सरकार ने असम सरकार को यह निर्देश दिया है कि आप डिटेंशन सेंटर सेट कीजिए। उन्होंने कहा कि 13 दिसंबर 2011 को केंद्र सरकार ने एक प्रेस रिलीज में कहा था कि 3 डिटेंशन कैंप असम में खोले गए हैं। 2011 में केंद्र में कांग्रेस सरकार थी।
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'डिटेंशन सेंटर और एनआरसी में कोई संबंध नहीं'
संबित पात्रा ने कहा कि गुवाहटी हाईकोर्ट में हुए एक केस के मुताबिक कोर्ट ने माना है कि 2009 में जो पत्रक उस समय के गृह मंत्रालय ने जारी किया था, उसके अंदर डिटेंशन सेंटर और उसमें लोगों को रखने के नियम हैं। कोर्ट स्पष्ट कहता है कि ये सब तब के गृह मंत्रालय के मुताबिक हुआ था। उन्होंने कहा कि भारत के लोग बुद्धिमान हैं। वे एक झूठे और एक काम करने वाले के बीच अंतर करना जानते हैं।
पात्रा ने कहा कि डिटेंशन सेंटर बनाने और एनआरसी के बीच कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि डिटेंशन कैंप उन विदेशियों के लिए है, जो अवैध रूप से भारत में हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए है कि वे कहीं गायब न हो जाएं। यह उनके मूवमेंट को नियंत्रित करने के लिए सिर्फ एक कारावास केंद्र है।
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बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा कि राहुल गांधी समय-समय पर विदेश जाते रहते हैं। एक बार उन्हें वीज़ा लिमिट से ज्यादा वहां पर रुकना चाहिए और देखना चाहिए कि किस तरह उनकी पहचान की जाती है और फिर वापस भेजने से पहले कैसे उन्हें डिटेंशन सेंटर में डाला जाता है। तब वह सीख पाएंगे कि कैसे दूसरे देश अवैध घुसपैठियों के साथ डील करते है।
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इसके अलावा अमित मालवीय ने भी एक प्रेस रिलीज भी जारी की है। उन्होंने लिखा कि 2011 में असम की कांग्रेस सरकार ने एक प्रेस रिलीज़ जारी की थी, जिसमें 362 अवैध घुसपैठियों को डिटेंशन कैंप में भेजने की बात कही गई थी। सिर्फ इसलिए कि भारत ने आपको नकार दिया है, अब क्या आप नफरत से इसे नष्ट करने में जुट जाएंगे? बता दें कि 2011 में असम में कांग्रेस की सरकार थी और तरुण गोगोई राज्य के मुख्यमंत्री थे।