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CAA हिंसा: सेना प्रमुख की इस बात को सुनकर बिना गोली के ही मर जायेंगे दंगाई
एनआरसी और सीएबी को लेकर जारी विरोध और देश के कई विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन पर भी आर्मी चीफ बिपिन रावत ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने किसी यूनिवर्सिटी का नाम लिए बिना कहा, 'नेतृत्व क्षमता वह नहीं है जो लोगों को गलत दिशा में लेकर जाती हो।
नई दिल्ली: एनआरसी और सीएबी को लेकर जारी विरोध और देश के कई विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन पर भी आर्मी चीफ बिपिन रावत ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने किसी यूनिवर्सिटी का नाम लिए बिना कहा, 'नेतृत्व क्षमता वह नहीं है जो लोगों को गलत दिशा में लेकर जाती हो।
आज हम सब बड़ी संख्या में यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में छात्रों की अगुआई में कई शहरों में भीड़ और लोगों को हिंसक प्रदर्शन करते देख रहे हैं। यह नेतृत्व क्षमता नहीं है।'
एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भीड़ को दंगे के लिए भड़काना कोई लीडरशीप नहीं है।' जनरल रावत ने इस हिंसक प्रदर्शन में कॉलेज और यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के शामिल होने पर भी सवाल उठाए।'
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नेता वो नहीं होते हैं जो लोगों को गलत दिशा में ले कर जाए:बिपिन रावत
बिपिन रावत ने कहा, 'नेता वो नहीं होते हैं जो लोगों को गलत दिशा में ले कर जाए।' जैसा कि हम देख रहे हैं कि बड़ी संख्या में कॉलेज और यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं।' ये सब हिंसा कर रहे हैं सरकारी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं।' ये कोई लीडरशिप नहीं है।''
बताते चले कि हिंसा को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार को चिंता जताई थी।' प्रधानमंत्री ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए कहा था।''
यूपी में कुछ लोगों ने विरोध प्रर्दान के नाम पर हिंसा की। वे खुद से सवाल पूछें कि क्या उनका यह रास्ता सही था? जो कुछ जलाया गया क्या वह उनके बच्चों के काम नहीं आने वाला था?'पीएम मोदी ने कहा था, 'हिंसा में जिन लोगों की मृत्यु हुई, जो लोग जख्मी हुए उनके परिवार पर क्या बीती होगी।'
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5558 लोगों को हिरासत में लिया गया
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा में अब तक 213 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने बताया कि 23 दिसंबर तक 5558 लोगों को हिरासत में लिया गया, जबकि 925 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। अलग-अलग इलाकों में हिंसा के बाद मेरठ और अलीगढ़ में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
मेरठ के लिसाड़ी गेट इलाके के 400 शस्त्र लाइसेंस रिन्युअल पर रोक लगा दी गई है। बवाल में लाइसेंसी हथियार प्रयोग करने का अंदेशा है। प्रशासन अब लाइसेंसी हथियार रखने वालों से हर एक गोली का हिसाब मांग रहा है।
इसके साथ ही वीडिया और फोटो के आधार पर लोगों को चिन्हित किया जा रहा है। वहीं, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कैंपस के बाहर भारी फोर्स की तैनाती की गई है। दरअसल, यूनिवर्सिटी कैंपस के बाहर नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ कुछ लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। एहतियातन पुलिस की तैनाती की गई है।
सोशल मीडिया पर नजर
विरोध प्रदर्शन के चलते पिछले दिनों उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंसा देखी गई थी। वहीं, अब पुलिस ने इस मामले में 16761 सोशल मीडिया पोस्ट को आपत्तिजनक पाया है। इसके अलावा पुलिस ने हिंसा में शामिल 110 लोगों को नोटिस भी जारी किया है।
लखनऊ हिंसा मामले में पुलिस एक्शन में है और लगातार कार्रवाई को अंजाम दे रही है। इसके चलते पुलिस सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों की भी धरपकड़ करने में जुट गई है। पुलिस ने लखनऊ हिंसा मामले में ट्विटर पर 7513, फेसबुक पर 9076 और यूट्यूब पर 172 सोशल मीडिया पोस्ट समेट कुल 16761 पोस्ट को चिन्हित किया है।
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