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अमेरिका में CAA और NRC के समर्थन में रैलियां, उमड़े लोग

नागरिकता संशोधन कानून और एनआसरी को लेकर देशभर में विरोध हो रहा है, तो वहीं बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी नागरिक इसके समर्थन में सामने आए हैं। इस कानून के बारे में गलत सूचनाओं और अफवाहों को दूर करने के लिए अमेरिका के कई शहरों में रैलियां निकाल रहे हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 25 Dec 2019 3:10 PM IST
अमेरिका में CAA और NRC के समर्थन में रैलियां, उमड़े लोग
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नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून और एनआसरी को लेकर देशभर में विरोध हो रहा है, तो वहीं बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी नागरिक इसके समर्थन में सामने आए हैं। इस कानून के बारे में गलत सूचनाओं और अफवाहों को दूर करने के लिए अमेरिका के कई शहरों में रैलियां निकाल रहे हैं। संसद में नागरिकता विधेयक पारित होने के बाद से भारत में प्रदर्शन हो रहे हैं। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करने के साथ ही यह विधेयक अब कानून बन चुका है।

इन रैलियों का उद्देश्य कानून से जुड़े भ्रम दूर करना है। रैली के आयोजकों ने मुताबिक इन रैलियों का उद्देश्य कानून के बारे में गलत सूचनाओं और अफवाहों को दूर करना और साथ ही घृणा और झूठ के दुष्प्रचार का विरोध करना है। उन्होंने बताया कि भारतीय-अमेरिकियों ने दिसंबर में सिएटल, 22 दिसंबर को ऑस्टिन और 20 दिसंबर को ह्यूस्टन में भारतीय वाणिज्य दूतावास के सामने सीएए समर्थक रैलियां की।

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अमेरिका के कई शहरों में रैलियां

डबलिन, ओहियो और उत्तर कैरलिना में 22 दिसंबर को रैलियां निकाली गईं। आयोजकों ने बताया कि डलास, शिकागो, सैन फ्रंसिस्को, न्यूयॉर्क सिटी, वॉशिंगटन डीसी, अटलांटा, सैन जोस और अन्य स्थानों पर भी आने वाले सप्ताहों में कई अन्य प्रदर्शन करने की योजना है।

डबलिन ओहियो रैली के एक आयोजक विनीत गोयल ने मुताबिक, हमने सीएए और एनआरसी के बारे में इस्लामिक और वामपंथी संगठनों में फैले भय को दूर करने के लिए यह रैली आयोजित की। साथ ही इस डर को भी दूर करने के लिए रैली की कि सीएए के साथ एनआरसी मुस्लिमों को भारत से निकालने के लिए लाया जा रहा है।

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सिएटल रैली की आयोजकों में शामिल अर्चना सुनील के मुताबिक सीएए और एनआरसी के विरोधियों के पास गलत सूचनाएं हैं और वे तथ्यों पर बात नहीं करना चाहते या तथ्यों को सुनना नहीं चाहते। उत्तर कैरलिना के रालेघ में रैली में 70 से अधिक प्रतिष्ठित डॉक्टरों और सामुदायिक नेताओं ने हिस्सा लिया।

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उन्होंने मांग की कि भारत में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाले प्रदर्शनकारियों को सख्त सजा दी जाए और इन गतिविधियों के पीछे के सरगनाओं को बख्शा न जाए।



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Dharmendra kumar

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