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राहुल गांधी चाहते थे राज्यसभा जाएं रणदीप सुरजेवाला, ऐसे बिगड़ा गेम
17 राज्यों में राज्यसभा की 55 सीटों के लिए होने वाले चुनाव के लिए कांग्रेस ने गुरुवार को 12 प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया। कांग्रेस ने हरियाणा से खाली हो रही सीट पर दो बार मुख्यमंत्री रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पुत्र दीपेंद्र सिंह हुड्डा को राज्यसभा का टिकट दिया है।
नई दिल्ली: 17 राज्यों में राज्यसभा की 55 सीटों के लिए होने वाले चुनाव के लिए कांग्रेस ने गुरुवार को 12 प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया। कांग्रेस ने हरियाणा से खाली हो रही सीट पर दो बार मुख्यमंत्री रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पुत्र दीपेंद्र सिंह हुड्डा को राज्यसभा का टिकट दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला को राज्यसभा भेजना चाहते थे। इसके साथ कुमारी शैलजा का नाम भी राज्यसभा के लिए चल रहा है। राज्यसभा चुनाव के लिए टिकट को लेकर 10 जनपथ पर मीटिंग हो रही थी। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में राहुल गांधी नाराज हो गए, लेकिन इसके बावजूद दीपेंद्र हुड्डा को टिकट दे दिया गया।
हरियाणा की सीट के लिए जारी विवाद की वजह से ही उम्मीदवारों के नाम के ऐलान में देरी हुई।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ दीपेंद्र हुड्डा
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सूत्रों का कहना है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पार्टी आलाकमान को साल 2016 के राज्यसभा चुनाव की याद दिलाई, उस समय 12 विधायकों ने शीर्ष नेतृत्व के आदेश की अवहेलना की थी। हुड्डा ने यह साफ किया कि अगर सुरजेवाला या कुमारी शैलजा में से किसी को टिकट दिया जाता है, तो पार्टी के विधायक विद्रोह कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने 2016 के चुनाव का अतीत दोहराए जाने के खतरे की बात कही।
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मध्य प्रदेश में बगावत से जूझ रही कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने हरियाणा में भी यह मोल लेने से बचना चाहा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे को टिकट दे दिया। इस तरह भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने बेटे को टिकट दिलाने में कामयाब हो गए। बता दें कि साल 2016 के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने हरियाणा से आरके आनंद को राज्यसभा का टिकट दिया था।
सोनिया गांधी के साथ कुमारी शैलजा
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आरके आनंद को मिली हार
साल 2016 के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार आरके आनंद का मुकाबला बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा से था। कांग्रेस के 12 विधायकों के वोट गलत इंक का इस्तेमाल करने की वजह से अमान्य हो गए। इससे सुभाष चंद्रा चुनाव जीत गए।