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सपा के पास कहां से आए इतने पैसे, सबसे अमीर पार्टी कैसे बनी?
एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि समाजवादी पार्टी क्षेत्रीय दलों में सबसे अमीर पार्टी है। साल 2018 में भी सपा सबसे अमीर पार्टी थी।
क्षेत्रीय दलों में देखा जाए तो समाजवादी पार्टी (सपा) सबसे ज्यादा अमीर पार्टी है। एक रिपोर्ट ने इस बात का खुलासा हुआ है। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने साल 2016-17 और 2017-18 के आंकड़ों से विभिन्न क्षेत्रीय दलों की कुल संपत्ति की जानकारी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक समाजवादी पार्टी (SP) के पास कुल 583.29 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
सबसे अमीर पार्टी में सपा-
ये संपत्ति सभी क्षेत्रीय दलों की कुल संपत्ति का 46 फीसदी है। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी क्षेत्रीय दलों की सबसे अमीर पार्टी है और दूसरे नंबर पर डीएमके है। डीएमके के पास कुल 191.64 करोड़ रुपये की संपत्ति है। ये संपत्ति सभी क्षेत्रीय दलों की कुल संपत्ति का 15 फीसदी हिस्सा है।
इसके बाद तीसरे नंबर पर एआईएडीएमके का नंबर आता है। इसके पास कुल 189.54 करोड़ रुपये की संपत्ति है। वहीं चौथे नंबर पर टीडीपी पार्टी का नाम आता है, इसके पास कुल 100 करोड़ की संपत्ति है। इस सभी के अलावा 8 दूसरे क्षेत्रीय पार्टियों ने 10 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति की जानकारी दी है। वहीं आम आदमी पार्टी 13वें नंबर पर आती है। इसने कुल 6 करोड़ की संपत्ति का ऐलान किया है।
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साल 2016-17 में कुल 39 क्षेत्रीय पार्टियों ने अपनी संपत्ति के बारे में जानकारी दी थी। पार्टियों के पास कुल 1,267.81 करोड़ रुपये की संपत्ति की जानकारी थी। साल 2017-18 में 41 क्षेत्रीय पार्टियों ने अपनी संपत्ति की जानकारी दी थी। इनके पास कुल 1,320.06 करोड़ रुपए की संपत्ति थी।
क्षेत्रीय दलों में सबसे अमीर पार्टी है सपा-
इन दो सालों में जेडीयू की संपत्ति में तीन गुना इजाफा हुआ है। जेडीयू की संपत्ति 3.46 करोड़ रुपये बढ़कर 13.78 करोड़ रुपये हो गई है। वहीं टीआरएस की संपत्ति 14.49 बढ़कर 29.04 करोड़ और जेडीएस की संपत्ति 7.61 करोड़ बढ़कर 15.44 करोड़ रुपये हो गई है।
एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि समाजवादी पार्टी क्षेत्रीय दलों में सबसे अमीर पार्टी है। साल 2018 में भी सपा सबसे अमीर पार्टी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, 2016-17 में सपा की संपत्ति 571 करोड़ रुपये और 2017-18 में 2.13 फीसदी बढ़कर 583 करोड़ रुपये हो गई।
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तो ऐसे आते हैं पार्टियों के पास पैसा-
समाजवादी पार्टी की तरह ही अन्य क्षेत्रीय दलों को चंदे से सबसे ज्यादा पैसे आते हैं। बड़े-बड़े व्यवसायी और कारोबारी इन पार्टियों को फंडिग करते हैं। वहीं पार्टी के सदस्य भी चंदे में बेहद पैसा देते हैं। कई बार क्षेत्रीय दलों पर गलत तरीके से फंड जमा करने के आरोप भी लगते रहते हैं।
इस तरह की एक मामला सामने आया था। जहां पर एक शख्स के समाजवादी पार्टी के खाते में पैसा जमा कराने की बता सामने आई थी। 2012 में चुनाव के दौरान सुदीप सेन ने 3 बार डेढ़ करोड़ रुपये समाजवादी पार्टी के खाते में जमा किए थे। इससे पहले सुदीप सेन की पत्नी ने भी 2011-14 के बीच 9 बार 25-25 लाख रुपये, एक बार 15 लाख, 2 बार 10-10 लाख, एक बार 6 लाख, एक बार 5 लाख और उससे पहले 2 बार 2-2 लाख रुपये जमा कराए थे। इनके पार्टी को फंड करने की खबर काफी चर्चे में थी।
बता दें कि सुदीप सेन कोलकाता में एक कल्चरल इंस्टीट्यूट चलाते थे। साल 2013 में अखिलेश यादव की सरकार में वो यूपी के टूरिज्म कॉरपोरेशन का चैयरमैन बनाए गए थे। जिसके बाद आरोप लगे कि इसी वजह से दंपत्ति ने सपा के फंड में इतने पैसे जमा कराए थे।
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