TRENDING TAGS :
हिंदुत्व छवि वाली शिवसेना के बगावती सुर, खड़ी हुई जमात-ए-इस्लामी हिंद के साथ
पूरे देश भर में जहां नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है तो वहीं कई ऐसी विरोधी पार्टियां भी हैं, जो इस कानून के खिलाफ लगातार खड़ी है।
मुंबई: पूरे देश भर में जहां नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है तो वहीं कई ऐसी विरोधी पार्टियां भी हैं, जो इस कानून के खिलाफ लगातार खड़ी है। अब इस क्रम में शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत शनिवार को जमात-ए-इस्लामी हिंद द्वारा CAA और NRC के खिलाफ किए जाने वाले एक कार्यक्रम में शामिल होंगे। जमात-ए-इस्लामी हिंद CAA और NRC के खिलाफ ये कार्यक्रम मुंबई, मराठी पत्रकार संघ और एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स के साथ मिलकर कर रहा है।
संजय राउत ने स्वीकार किया निमंत्रण
मामले में जमात-ए-इस्लामी हिंद के मुंबई अध्यक्ष ने बताया कि, राउत ने CAA और NRC के खिलाफ होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। साथ ही उन्होंने इसकी पुष्टि भी कर दी है। संजय राउत के अलावा बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस बीजी कोलसे पाटिल, वरिष्ठ वकील यूसुफ मुछाला और वरिष्ठ वकील मिहिर देसाई भी CAA और NRC के खिलाफ होने वाले कार्यक्रम में अपनी बात रखेंगे।
यह भी पढ़ें: अब ये क्रिकेटर हुआ दिवाना: कहा- जब मैं आपके साथ होता हूं तो अच्छा लगता है
पत्रकार भवन में होगा कार्यक्रम
जमात-ए-इस्लामी हिंद समेत मुंबई, मराठी पत्रकार संघ और एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स द्वारा किये जाने वाला ये कार्यक्रम शनिवार शाम मुंबई के वीटी स्टेशन के पास पत्रकार भवन में होगा। चूंकि शिवसेना पहले नागरिकता संशोधन बिल का लोकसभा में समर्थन कर चुकी है, इसलिए अब संजय राउत के इस कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर सभी की निगाहें इस बात टिकी होंगी कि वो सीएए पर क्या बात रखते हैं।
CAA का लोकसभा में किया था समर्थन
बता दें कि शिवसेना ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल (CAB) का समर्थन किया था, लेकिन राज्यसभा में मतदान के दौरान पार्टी वाकआउट कर गई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में NRC लागू करने से मना कर दिया था। इसके अलावा CAA पर SC के फैसले के बाद निर्णय लेने की बात कही थी। वहीं संजय राउत लगातार CAA और NRC के खिलाफ खड़े रहे हैं।
यह भी पढ़ें: बड़ा सवाल: भारत-नेपाल के बीच बढ़ा विवाद, आखिर ‘कालापानी’ किसका..?