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यूपी: मायावती ने कांग्रेस पर बोला जोरदार हमला, कही ये बड़ी बात
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती लगातार कांग्रेस पर हमलावर है। बसपा सुप्रीमों ने रविवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उसे दोहरे चरित्र वाली पार्टी बताया है।
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती लगातार कांग्रेस पर हमलावर है। बसपा सुप्रीमो ने रविवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उसे दोहरे चरित्र वाली पार्टी बताया है।
मायावती ने कहा है कि महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने वाली कांग्रेस को अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए, क्योंकि शिवसेना अभी भी अपने एजेंडे पर ही चल रही है।
बसपा सुप्रीमों ने रविवार को सुबह ट्विट करके लिखा है कि शिवसेना अपने मूल एजेण्डे पर अभी भी कायम है, इसलिए इन्होंने नागरिकता संशोधन बिल पर केन्द्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर को भी लेकर इनको कांग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है।
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मायावती ने आगे कहा कि इसके बावजूद भी कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के साथ अभी भी बनी हुई है तो यह सब कांग्रेस का दोहरा चरित्र नहीं है तो और क्या है?
अतः कांग्रेस को, इस मामले में अपनी स्थिति जरूर स्पष्ट करनी चाहिये। वरना यह सब इनकी अपनी पार्टी की कमजोरियों पर से जनता का ध्यान बांटने के लिए केवल कोरी नाटकबाजी ही मानी जायेगी।
गौरतलब है कि रेप इन इंडिया वाले बयान पर माफी मांगे जाने की मांग पर शनिवार को राहुल गांधी ने कहा था कि उनका नाम राहुल सावरकर नहीं, राहुल गांधी है और वह मर जायेंगे लेकिन माफी नहीं मांगेगे। इसके बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि वीर सावरकर न केवल महाराष्ट्र बल्कि देश के भी देवता हैं।
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सावरकर का नाम देश के लिए गर्व और गौरव का विषय है: मायावती
उन्होंने कहा कि सावरकर का नाम देश के लिए गर्व और गौरव का विषय है। नेहरू और गांधी की तरह सावरकर ने स्वतंत्रता के लिए अपना बलिदान दिया था। ऐसे हर भगवान को सम्मानित किया जाना चाहिए, इससे कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
जबकि नागरिकता संशोधन विधेयक पर वोटिंग के समय भी शिवसेना ने जहां लोकसभा में बिल का समर्थन किया तो राज्यसभा में गैरहाजिर रह कर बिल को पारित करवाने में भाजपा की मदद की।
इससे पहले बीते शुक्रवार को भी एससी-एसटी आरक्षण पर कांग्रेस के रूख से नाराज हमलावर होते हुुए मायावती ने कहा था कि संविधान के 126वें संशोधन बिल में एसी-एसटी आरक्षण को 10 वर्ष बढ़ाने की व्यवस्था है।
जिसके राज्यसभा में पारित होने में बाधा डाल कर कांग्रेस ने अपनी दलित विरोधी सोच का परिचय दिया है। हालांकि सभापति के आग्रह पर वे सदन में वापस आए और तब विलम्ब से यह बिल पास हो पाया।
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