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छात्रों को झटका: 75 फीसदी परीक्षार्थी नहीं दे सके JEE एग्जाम, भड़की सीएम ममता
ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए दावा किया कि मंगलवार को हुई JEE की परीक्षा में पश्चिम बंगाल के केवल 25 फीसदी कैंडिडेट्स ही शामिल हो सके और इसके लिए केंद्र का अहंकार जिम्मेदार है।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोरोना वायरस के बीच JEE-NEET की परीक्षा कराने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। ममता बनर्जी ने कहा कि मेडिकल और इंजीनियरिंग के एंट्रेंस एग्जाम में प्रदेश के 75 फीसदी छात्र भाग नहीं ले पा रहे हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए दावा किया कि मंगलवार को हुई JEE की परीक्षा में पश्चिम बंगाल के केवल 25 फीसदी कैंडिडेट्स ही शामिल हो सके और इसके लिए केंद्र का अहंकार जिम्मेदार है।
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बेहद मुश्कलि में हैं छात्र- ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि छात्र बेहद मुश्किल में हैं। उनमें से कई जेईई की परीक्षा में शामिल नहीं हो सके हैं। इसलिए हमने केंद्र से आग्रह किया था कि सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाए या फिर मामले की फिर से समीक्षा की जाए ताकि कोई भी छात्र इससे वंचित ना रह सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने छात्रों के लिए सभी व्यवस्था की थी, लेकिन मंगलवार को महज 1,167 बच्चों ने परीक्षा दी जबकि कुल चार हजार 652 छात्रों को इसमें शामिल होना था।
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अगर कुछ और दिन पेपर टल जाता तो क्या गलत हो जाता?
ममता बनर्जी ने कहा कि यानी पश्चिम बंगाल में केवल 25 प्रतिशत छात्रों ने ही जेईई की परीक्षा दी, जबकि 75 फीसदी एग्जाम में शामिल नहीं हो पाए। हमने निर्देश (केंद्र सरकार के) मुताबिक व्यवस्था की थी। ममता बनर्जी ने केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि अगर पेपर को कुछ दिन और टाल दिया जाता तो क्या गलत हो जाता? इतना अंहकार क्यों है? आप (केंद्र) इतने जिद्दी क्यों हैं? उन्होंने पूछा कि आपको स्टूडेंट्स के भविष्य को बर्बाद करने का हक किसने दिया है?
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सुप्रीम कोर्ट ने दी थी इजाजत
बता दें कि JEE-NEET परीक्षा को आयोजित कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी हरी झंडी दिखा दी थी। जिसके बाद केंद्र सरकार ने इन परीक्षाओं को तय समय पर ही करवाने का फैसला किया। हालांकि देशभर में लाखों छात्रों और कई राजनीतिक पार्टियों ने इस फैसले का विरोध किया था और परीक्षा को स्थगित करने की भी मांग की थी।
इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर परीक्षाएं टालने का अनुरोध भी किया गया था। ममता बनर्जी ने केंद्र से उन लोगों के बारे में पुनर्विचार करने की गुजारिश की जो परीक्षा नहीं दे सके हैं।
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