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SHUATS University Case: इस यूनिवर्सिटी में अवैध धर्मांतरण का मामला, पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

SHUATS University Case: यूनिवर्सिटी पर शिक्षा और इलाज की आड़ में अवैध धर्मांतरण का गोरखधंधा चलाने का आरोप है। इस मामले का खुलासा बीते साल अप्रैल में हुआ था।

Krishna Chaudhary
Published on: 6 May 2023 10:49 AM GMT
SHUATS University Case: इस यूनिवर्सिटी में अवैध धर्मांतरण का मामला, पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा
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SHUATS University Case (photo: social media )

SHUATS University Case: प्रयागराज के नैनी स्थित सैम हिंगिबाटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी ऐंड साइंसेज (शुआट्स) में अवैध धर्मांतरण के मामले में यूपी पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। यूनिवर्सिटी पर शिक्षा और इलाज की आड़ में अवैध धर्मांतरण का गोरखधंधा चलाने का आरोप है। इस मामले का खुलासा बीते साल अप्रैल में हुआ था। शीर्ष अदालत में दाखिल अपने हलफनामे में पुलिस ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पुलिस का आरोप है कि लोगों को जबरन ईसाई धर्म में परिवर्तित किया गया है।

अवैध धर्मांतरण मामले में पहली एफआईआर अप्रैल 2022 को फतेहपुर कोतवाली में दर्ज कराई गई थी। इसके बाद 23 जनवरी 2023 को इसी कोतवाली में 2 और नए मामले दर्ज हुए। इस मामले को लेकर शुआट्स यूनिवर्सिटी के कुलपति, उपकुलपति और अन्य अधिकारी संदेह के घेरे में हैं। आरोप है कि इन्हीं के संरक्षण में यूनिवर्सिटी में अवैध धर्मांतरण का काम चल रहा था।

पुलिस ने किए कई चौंकाने वाले खुलासे

सुप्रीम कोर्ट में प्रयागराज पुलिस द्वारा दाखिल हलफनामे में बताया गया कि अवैध धर्मांतरण के लिए विदेशों से फंडिंग होती थी। इस काम में अब तक 34.5 करोड़ खर्च हुए हैं। पुलिस का दावा है कि अमेरिका, जापान, नेपाल, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, इराक समेत कई देशों से इस काम के लिए फंड मिलता था। हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोगों को प्रलोभन देकर ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया गया। उन्हें ईसाई धर्म का प्रचारक बनने पर 25 हजार रूपये वेतन के साथ-साथ बोनस का भी लालच दिया जाता था।

पुलिस का कहना है कि अवैध धर्मांतरण के धंधे में शुआट्स यूनिवर्सिटी के शीर्ष से लेकर निचले स्तर तक के कर्मचारी – अधिकारी शामिल थे। अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों और पढ़ने आए छात्रों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए या तो विविश किया जाता था या फिर उन्हें लालच दी जाती थी। पुलिस ने अपने जवाब में धर्म परिवर्तन कराने वाले पादरी का भी बयान दर्ज किया है। जिसने दूसरे धर्म के लोगों के धर्मांतरण की बात कबूल की है।

विनोद बिहारी लाल,राजेंद्र बिहारी लाल की मुश्किलें बढ़ी

14 अप्रैल 2022 को फतेहपुर के हरिहरगंज स्थित इवेजिकल चर्च में 90 हिंदुओं के सामूहिक धर्मांतरण कराने का मामला सामने आने के बाद बवाल हो गया था। इस मामले में शुआट्स यूनिवर्सिटी के कुलपति राजेंद्र बिहारी लाल और प्रशासनिक अधिकारी विनोद बिहारी लाल समेत अन्य लोगों पर मामला दर्ज हुआ था। कुलपति आरबी लाल अग्रिम जमानत के लिए पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट गए लेकिन वहां उन्हें कोई राहत नहीं मिली। जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की ओर रूख किया।

शीर्ष अदालत ने उनकी याचिका पर यूपी पुलिस को अपना जवाब दाखिल करने को कहा था। पुलिस ने हलफनामा दायर कर यूनिवर्सिटी के कुलपति और निदेशक के इस गोरखधंधे में शामिल होने का दावा करते हुए अदालत से इन्हें किसी तरह की राहत न देने की अपील की। ऐसे में अगर सुप्रीम कोर्ट पुलिस के पक्ष में फैसला सुनाती है तो आर बी लाल और वी बी लाल की गिरफ्तारी तय है।

बता दें कि इस मामले में अब तक 54 लोगों को आरोपित बनाया गया है। इनमें से 15 जेल में हैं, 36 लोगों ने अग्रिम जमानत हासिल कर ली है और तीन फरार चल रहे हैं।

Krishna Chaudhary

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