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Unhappy Relationship: जब आप किसी रिश्ते में नाखुश हों तो ऐसे में क्या करें, आइये जानें क्या होगा आपका अगला कदम
Unhappy Relationship: अगर आपको भी लगता है कि आप किसी ऐसे रिश्ते में हैं जहाँ आप खुश नहीं हैं तो ऐसे में आपका अगला कदम क्या होगा ये अहम् है। आज हम आपको कुछ ऐसे पॉइंटस बताने जा रहे हैं जिसमे आप ऐसे रिश्ते में क्या करें वो हम आपको बताएँगे।
Unhappy Relationship: अगर आपको भी लगता है कि आप किसी ऐसे रिश्ते में हैं जहाँ आप खुश नहीं हैं तो ऐसे में आपका अगला कदम क्या होगा ये अहम् है। आज हम आपको कुछ ऐसे पॉइंटस बताने जा रहे हैं जिसमे आप ऐसे रिश्ते में क्या करें वो हम आपको बताएँगे। एक रिश्ता दो लोगों की एक लंबी जर्नी बन जाता है जो एक साथ अच्छे और बुरे समय से गुजरते हैं और उस पर समान रूप से काम करते हैं। हालाँकि, रिश्ते में समय और भावनाओं को लगाने के बाद भी, कभी-कभी हमें लग सकता है कि हम जिस व्यक्ति के साथ हैं उससे हम खुश नहीं हैं।
जब आप किसी रिश्ते में नाखुश हों तो क्या करें
थेरेपिस्ट मारिया जी सोसा ने रिश्तों में नाखुशी और ऐसी स्थितियों में क्या करना है, इस बारे में बात करते हुए लिखा, "क्या आपने महसूस किया है कि ऐसे रिश्तों में आपके ज़हन में अक्सर आता है कि अब आगे क्या?" इसके साथ ही मारिया ने आगे कुछ बातें बताईं जो हम तब कर सकते हैं जब हम किसी रिश्ते में नाखुश हों। आइये जानते हैं वो क्या हैं।
बातचीत करें: किसी रिश्ते में दुख और अधिकांश समस्याओं को संबोधित करने का पहला कदम इसके बारे में बात करना है। हमें अपने साथी के साथ उन चीजों के बारे में स्पष्ट बातचीत करनी चाहिए जो आपस के दुख का कारण बन रही हैं और इसपर विचार विमर्श करें कि क्या किया जा सकता है। साथ ही इसपर भी चर्चा होनी चाहिए कि रिश्ते को किस तरह से बेहतर बनाया जाये।
सबकुछ सही से फिट नहीं हो रहा : हमें इस तथ्य पर भी विचार करना चाहिए कि कभी-कभी लोग अच्छे हो सकते हैं, लेकिन हमारे लिए उपयुक्त नहीं होते। हमें ये जानने की जरूरत है कि कब चीज़ों को यूँ ही जाने दें और कब नए सिरे से इसकी शुरुआत करें।
जरूरतें: रिश्तों में, सबसे बड़ी गलतियों में से एक है कि हम ये सोचते हैं कि हमारी खुशी और जरूरतें हमारे पार्टनर की जिम्मेदारी हैं। हालाँकि, सच्चाई ये है कि केवल हम ही उस पर नियंत्रण रखते हैं। तो इस सोच का त्याग करिये और आगे बढिये।
दृष्टिकोण: अगर प्रयास करने के बाद भी चीजें अच्छे के लिए काम नहीं करती हैं, तो ये समय एक नए दृष्टिकोण को आजमाने और बाहरी मदद मांगने का है।
क्षमता: कभी-कभी हमें ये विचार करना चाहिए कि हमारा पार्टनर हमें वो देने में सक्षम नहीं है जिसकी हमें ज़रूरत है या हमारी अपेक्षाओं को उस तरह से पूरा करने में सक्षम नहीं है जैसा हम चाहते हैं।
नियम: हर रिश्ते के अपने नियम होते हैं। जब हम कुछ चीजों पर सख्त हो जाते हैं, तो हम सकारात्मक पहलुओं को खो देते हैं। ये एक ब्राइटर साइड पर ध्यान देने का समय है।
उतार-चढ़ाव: हमें ये भी विचार करना चाहिए कि हर रिश्ते में चुनौतियाँ और अच्छे समय का उचित हिस्सा भी शामिल होता है, और हमें हर समय संघर्ष करने के बजाय साथ चलना चाहिए।