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पाकिस्तान की दुल्हन ने मांगा ऐसा हक मेहर, सब के खड़े हो गए कान
पख्तूनख्वा में अक्सर निकाह के दौरान हक मेहर के तौर पर दुल्हन पक्ष की ओर से दूल्हा पक्ष से 10 से 20 लाख रुपये तक मांगे जाते हैं। समझा जा रहा है कि नायला की इस पहल से इन परंपराओं को तोड़ने में मदद मिलेगी,
इस्लामाबाद : शादी में लड़कियों के बहुत अरमान होते हैं। जिसे संजोकर वो अपने सपने पूरे करती है।दुनिया में ऐसे कई लोग हैं, जो अक्सर पुरानी परंपराओं को तोड़कर कुछ नया करने की कोशिश में रहते हैं। कई बार उनकी तारीफ होती है तो कई बार आलोचना भी होती है। एक ऐसा ही मामला इन दिनों सुर्खियों में है। इस दुल्हन ने अपनी शादी में ‘मेहर’ के रूप में पैसों की डिमांड ना कर किताबों की मांग की है।
हक मेहर
आज के इस नए दौर में लड़कियों को निकाह के समय हक मेहर में ज्यादातर रुपये ही दिए जाते है। इसकी कोई हद नहीं कि कौन कितने रुपये देता है। कोई लाखों में देता है तो कोई महज चंद रुपयों में ही अपना यह काम निपटा लेता है। मेहर लेने का मामला सामने आया है एक महिला ने मेहर के तौर पर ऐसी चीज मांग ली जिससे हर कोई हैरान है।
जानिए मामला
यह मामला पाकिस्तान में की एक दुल्हन का है जो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रही है। इस दुल्हन ने निकाह के दौरान हक मेहर में कुछ ऐसा मांगा कि लोग उसकी तारीफ करते नहीं थक रहे और उसे 'ट्रेंड सेटर' बता रहे हैं। यह मामला पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा का है, जहां 14 मार्च को हुए निकाह में दुल्हन नायला शुमाल साफी ने हक मेहर में एक लाख रुपये की किताबें मांग ली।
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निकाह की प्रचलित रस्म के मुताबिक, नायला के सामने जब निकाहनामा पेश किया गया और उनसे पूछा गया कि मेहर में उन्हें क्या और कितना चाहिए तो उन्होंने फौरन एक लाख रुपये की किताबें मांग लीं। नायला, उन्हें सोचने के लिए 10-15 का समय भी दिया गया और कहा कि वह फिर से सोचकर बताएं। लेकिन बहुत सोचने के बाद भी हक मेहर के तौर पर उनके दिमाग में कुछ और नहीं आया।
एक लाख रुपये की किताबें
नायला के कहने पर दूल्हा पक्ष ने उसकी यह बात मान ली और निकाहनामे में लिखा गया कि हक मेहर की जगह एक लाख रुपये की किताबें लिखी गईं। नायला का निकाह सज्जाद जोनदून से हुआ है, जिन्होंने पश्तो में अपनी पीएचडी पूरी कर ली है और यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं, जबकि नायला इस समय पीएचडी कर रही हैं। उनका मानना है कि इस पहल से खैबर पख्तूनख्वा में मेहर के तौर पर अधिक रकम मांगने की प्रथा खत्म हो जाएगी।
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दुल्हा पक्ष से 10 से 20 लाख रुपये तक मांगे
बताया जाता है कि खैबर पख्तूनख्वा में अक्सर निकाह के दौरान हक मेहर के तौर पर दुल्हन पक्ष की ओर से दूल्हा पक्ष से 10 से 20 लाख रुपये तक मांगे जाते हैं। समझा जा रहा है कि नायला की इस पहल से इन परंपराओं को तोड़ने में मदद मिलेगी, जिसकी शुरुआत उन्होंने अपने हक मेहर में एक लाख रुपये की किताबें मांगकर की हैं।
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एक वीडियो संदेश में नायला ने कहा कि इसका मकसद हक मेहर के तौर पर अधिक रकम की मांग जैसी परंपरा को तोड़ना है तो किताबों और पढ़ाई की अहमियत भी बताया है, ताकि हर कोई इनकी कद्र करें। उन्होंने इस दौरान पाकिस्तान की माली हालत का भी जिक्र किया और संदेश दिया कि इसकी वजह से आम लोगों को किन परेशानियों से गुजरना पड़ता है। सोशल मीडिया पर इसकी लोग खूब तारीफ कर रहे हैं।
क्या है मेहर
मेहर वो रकम होती है जो किसी लड़की का होने वाला शौहर उसको तोहफे के तौर पर देता है। यह रकम लड़की खुद तय करती है। मेहर तय किए बिना निकाह नहीं होता। मेहर को लड़की से न तो वापस लिया जा सकता है और ना ही माफ़ करने के लिए उस पर दबाव डाला जा सकता है। लड़की अगर यह रक़म बाद में लेने के लिए तैयार अपनी मर्ज़ी से है तो ठीक वरना इस रकम को अदा किये बिना आप उसके साथ शौहर बीवी की हैसियत से नहीं रह सकते।