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Sonbhadra News: आंगन में निभाई जा रही थी शादी से पूर्व की रश्में, धमक पड़ी बाल संरक्षण इकाई की टीम

Sonbhadra News: रविवार की दोपहर बाद आंगन में दो दिन बाद रचाई जाने वाली शादी को लेकर रश्में निभाई जा रही थीं, तभी बाल संरक्षण इकाई की टीम एएचटीयू और राबर्सगंज कोतवाली पुलिस की टीम लेकर धमक पड़ी।

Kaushlendra Pandey
Published on: 1 May 2023 3:55 AM IST
Sonbhadra News: आंगन में निभाई जा रही थी शादी से पूर्व की रश्में, धमक पड़ी बाल संरक्षण इकाई की टीम
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(Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: डीएम के निर्देश पर गठित बाल संरक्षण इकाई के टीम की सक्रियता ने रविवार को एक और किशोरी को बालिका वधू बनने से मचा लिया। बाल विवाह का यह मामला जिला मुख्यालय से महज चार किमी की दूरी पर मौजूद परासी गांव में पकडा गया। रविवार की दोपहर बाद आंगन में दो दिन बाद रचाई जाने वाली शादी को लेकर रश्में निभाई जा रही थीं, तभी बाल संरक्षण इकाई की टीम एएचटीयू और राबर्सगंज कोतवाली पुलिस की टीम लेकर धमक पड़ी। अचानक टीम को आया देख, शादी की तैयारी में जुटे परिवारीजनों और नात-रिश्तेदारों में अफरातफरी मच गई। टीम ने मौजूद मिले लोगों से पूछताछ की। लड़की के उम्र से जुड़े साक्ष्य जांचे। नाबालिग उम्र की पुष्टि के बाद, पीड़िता को रेस्क्यू कर विधिक संरक्षण में लेकर बाल गृह बालिका में आवासित कराने के लिए ले आया गया।

बताते हैं कि जिला प्रशासन को किसी माध्यम से सूचना मिली कि जिला मुख्यालय से चंद किमी की दूरी पर मौजूद परासी गांव में नाबालिग की शादी रचाई जा रही है। जैसे ही इसकी जानकारी डीएम चंद्रविजय सिंह के पास पहुंची, उन्होंने जिला बाल संरक्षण अधिकारी राजेश कुमार खैरवार को मौके पर टीम भेजने के निर्देश दिए। इसके बाद वन स्टाप सेंटर केंद्र प्रशासक एवं राबर्टसगंज ब्लाक की नोडल दीपिका सिंह, जिला बाल संरक्षण इकाई से ओआरडब्ल्यू शेषमणि दुबे को एएचटीयू टीम लेकर, राबटर्सगंज कोतवाली से समन्वय स्थापित करते हुए मौके पर पहुंचने का निर्देश दिया गया। उप निरीक्षक अफरोज आलम की अगुवाई वाली पुलिस टीम के साथ पहुंची बाल संरक्षण इकाई की टीम ने मौके पर देखा कि आंगन में शादी पूर्व होने वाली मटमंगरा की रश्म निभाई जा रही थी।

पूछताछ में पता चला कि जिस लड़की की रश्म निभाई जा रही है। उसकी शादी के लिए दो मई को बारात आएगी। माता, पिता से बालिका के उम्र के संबंध में साक्ष्य मांगा तो उसकी जांच में बालिका का उम्र 16 वर्ष होने की पुष्टि हुई। इसे बाल विवाह बताते हुए मता-पिता और परिजनों को कार्रवाई के लिए चेताया गया। उन्हें बाल विवाह के दुष्परिणाम भी बताए गए। बावजूद शादी को लेकर अड़े होने की स्थिति को देखते हुए, पीड़िता को जिला मुख्यालय लाया गया। यहां बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत करने के बाद उसे बाल गृह बालिका में आवासित करा दिया गया।



Kaushlendra Pandey

Kaushlendra Pandey

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