TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

गूंज रहा था जै श्रीरामः 28 साल में रौद्र राम बदल गए आनंद राम में

ये फर्क ध्वंस और निर्माण का था। निर्माण हमेशा से श्रेष्ठ होता आया है आज भी एक बार फिर उसकी श्रेष्ठता साबित हुई। सूक्ष्म रूप से हर हिन्दू का मन अयोध्या में मौजूद रहकर इस क्षण का साक्षी बनकर धन्य हुआ।

Newstrack
Published on: 5 Aug 2020 6:20 PM IST
गूंज रहा था जै श्रीरामः 28 साल में रौद्र राम बदल गए आनंद राम में
X
6 december Ayodhya

लखनऊः एक 6 दिसंबर थी, एक पांच अगस्त। दोनो तारीखों में अयोध्या जयश्रीराम से गुंजायमान थी। एक तारीख में अयोध्या कारसेवकों से पटी थी। तो आज अयोध्या में पूरा विश्व समाया था। हर हिन्दू अयोध्यामय हो गया था। हर हिन्दू मन में अयोध्या थी। अयोध्या का कण कण हर हिन्दू को आत्मसात कर रहा था।

मुझे याद है 6 दिसंबर की सुबह पूरे देश में कारसेवा का ज्वार उमड़ रहा था। सब की जुबां पर एक ही बात थी। अब नहीं तो कभी नहीं। अपमान के ढांचे को तोड़कर भव्य राम मंदिर अब तो बनाना ही होगा। पूरे देश में गूंज रहा था रामलला हम आएंगे, मंदिर यहीं बनाएंगे और याचना नहीं अब रण होगा संघर्ष महाभीषण होगा।

राम मंदिर भूमि पूजन पर ढोल बजाकर झूमे विधायक, कहा- आज पूरा भारत राममय

पूरे देश से कारसेवकों का सैलाब अयोध्या में जमा था। हर गली कूचा जयश्रीराम के उद्घोष से गूंज रहा था। तमाम लोग 30 अक्टूबर और दो नवंबर के नृशंस हत्याकांड से सहमे हुए थे। तो कारसेवक सिर पर कफन बांधकर केसरिया बाने में मर मिटने को आतुर थे।

ayodhya bhoomipoojan jashn ayodhya bhoomipoojan jashn

और ढांचा ध्वंस हो गया। किसने तोड़ा किसने गिराया कैसे गिरा किसी को नहीं पता लेकिन शाम को वहां सिर्फ मैदान था और मलबे का एक ईंट तक नहीं थी। इसके बाद कल्याण सिंह की सरकार बर्खास्त हो गई। पूरे देश में दहशत थी। कुछ जगह जश्न मनाते कारसेवकों से झड़पें भी हुईं।

5 अगस्त का आनंद

लेकिन इस बार 5 अगस्त की तिथि जैसे जैसे करीब आ रही थी लोगों में उत्साह बढ़ता जा रहा था चिरप्रतीक्षित अभिलाषा के पूरे होने की घड़ी आई तो लगा एक क्षण को पूरे देश की धड़कनें रुक गईं। सब की निगाह मोदी के हाथों से होने वाले भूमिपूजन में रखे जाने वाली ईंट पर थी।

bhoomipoojan PmModi bhoomipoojan PmModi

कहीं कोई तनाव नहीं था पूरा देश या यों कहें पूरे विश्व का हिन्दू समुदाय विराजमान रामलला के भव्य मंदिर के भूमिपूजन से आनंदित था। सबके मन में विराजित राम आज प्रफुल्लित थे। किसी को कुछ नहीं मिला लेकिन सबको ये लग रहा था उसे नौ निधियां मिल गईं।

अयोध्या राम मंदिर: भूमिपूजन के संपन्न होने के बाद योगी ने कही ये बात

एक दिन पहले से लोगों ने दिवाली के दिये जलाने शुरू कर दिये थे। आज सब दिवाली मना रहे थे। लेकिन सामाजिक समरसता सब जगह विराजमान थी। ये फर्क ध्वंस और निर्माण का था। निर्माण हमेशा से श्रेष्ठ होता आया है आज भी एक बार फिर उसकी श्रेष्ठता साबित हुई। सूक्ष्म रूप से हर हिन्दू का मन अयोध्या में मौजूद रहकर इस क्षण का साक्षी बनकर धन्य हुआ।

रामकृष्ण वाजपेयी



\
Newstrack

Newstrack

Next Story