TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

विमान हादसे का खुलासा: हाथ लगे ये अहम सुराग, मिला ब्लैक बॉक्स

रनवे की कुल लम्बाई 2700 मीटर की है और एयर इंडिया के विमान ने 1000 मीटर के बाद टच डाउन किया. उतारते समय विमान की स्पीड सामान्य से ज्यादा थी और इसी वजह से समय रहते विमान रन वे पर रुक नहीं पाया.

Newstrack
Published on: 8 Aug 2020 2:48 PM IST
विमान हादसे का खुलासा: हाथ लगे ये अहम सुराग, मिला ब्लैक बॉक्स
X
plane crash in Kozhikode

नील मणि लाल

दुबई से कोझीकोड आ रही एयर इंडिया की वन्दे भारत फ्लाइट के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों में भारी बारिश, लो विसिबिलिटी और खतरनाक रनवे – ये सभी चीजें शामिल हैं. हालाँकि अब विमान का ब्लैक बॉक्स भी मिल गया है जिससे बहुत सुराग मिल जायेंगे.

कुलपति ने शिक्षकों के साथ की ऑनलाइन बैठक, इन विषयों पर हुई चर्चा

पायलट नहीं देख पाए रनवे

planc crash Kozhikode

पायलटों ने विमान को रनवे पर उतरने की एक कोशिश पहले भी की थी लेकिन भरी वर्षा के कारन उनको रनवे दिखाई ही नहीं पड़ा. दूसरी कोशिश में विमान ने रनवे के एक हजार मीटर अन्दर आ कर टचडाउन किया. लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और विमान फिसलते हुए रनवे के अंत तक चला गया जहाँ 35 फुट गहरी खाई थी. वहीँ जा कर विमान तीन टुकड़ों में टूट गया. विमान को एयरपोर्ट के रनवे नंबर 28 पर उतरना था लेकिन पहली कोशिश नाकामयाब रहने पर पायलट ने रनवे नंबर 10 पर उतरने की कोशिश की.

रनवे की कुल लम्बाई 2700 मीटर की है और एयर इंडिया के विमान ने 1000 मीटर के बाद टच डाउन किया. उतारते समय विमान की स्पीड सामान्य से ज्यादा थी और इसी वजह से समय रहते विमान रन वे पर रुक नहीं पाया. कोझीकोड में भारी बारिश के कारण रनवे पर पानी था जिस कारन ब्रेक लगाने पर भी विमान के पहिये रुक नहीं पाए और विमान फिसलता चला गया. बारिश होने पर रन वे की जांच की जाती है कि रनवे पर पर फिसलन की स्थिति तो नहीं बनी है लेकिन कोझीकोड में इसकी जांच नहीं की गयी. बताया गया है कोझीकोड में रनवे फ्रिक्शन टेस्टिंग व्हीकल उपलब्ध नहीं था.

टेबल टॉप रनवे

Kozhikode plane crash

टेबल टॉप रनवे पहाड़ों या ऊँचाई वाली जगह पर ही बनाई जाते हैं जिनमें रनवे के दोनों सिरों में से कोई एक हिस्सा खाई पर समाप्त होता है. कोझीकोड और मंग्लुरु के अलावा मिजोरम, सिक्किम, शिमला और कुल्लू में रनवे टेबल टॉप बने हुए हैं. इसके अलावा भूटान में पारो और नेपाल के काठमांडू, पोखरा आदि रनवे इसी तरह के हैं. ऐसे रनवे पर लैंडिंग और टेक ऑफ़ दोनों ही जोखिम भरे होते हैं क्योंकि जरा सी असावधानी या कैलकुलेशन में तनिक भी कमी के चलते विमान खाई में गिर सकता है.

जौनपुर का बड़ा विकासः गिरीश चंद्र यादव का दावा, गरीब की सेवा से मिलती है खुशी

2010 हादसा

manglore accident

2010 में एयर इंडिया एक्सप्रेस का ही एक विमान मंगलुरु एयरपोर्ट पर रनवे से आगे निकल गया था और एक घाटी में गिरने पर इसमें आग लग गयी थी. इस हादसे में 158 लाग मारे गए थे. पिछले साल एयर इंडिया एक्सप्रेस की दुबई से आयी एक फ्लाइट मंगलुरु में ही रनवे से फिसल कर मिट्टी में चली गयी थी.

जरा सी असावधानी पड़ती है भारी

पायलट्स के अनुसार, टेबलटॉप रनवे पर लैंडिंग बहुत सावधानी भरा काम होता है जिसमें गलती की कोई गुंजाईश नहीं होती. मंगलुरु हादसे के बाद डीजीसीए ने कोझीकोड हवाईअड्डे में चौड़े विमानों के उतरने पर रोक लगा दी थी. ऐसा इसलिए क्योंकि चौड़े विमानों को रनवे पर लैंडिंग के समय रुकने के लिए ज्यादा दूरी की जरूरत पड़ती है. कोझीकोड का रनवे मंगलुरु से मात्र 400 मीटर लंबा है.

हुआ दर्दनाक हादसा: देख कांप जाएगी आपकी रुह, पीड़ितों के लिए किया ये काम

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story