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अमिताभ बच्चन और मुकेश अंबानी के घरों पर लाइटिंग किस का कमाल, नहीं जानते तो यहां पढ़ें
देश में शायद ही कोई ऐसी जगह हो। जहां चंदननगर की लाइटिंग ने अपना जलवा न बिखेरा हो। प्रियंका चोपड़ा की २०१८ में जब जोधपुर में शादी हुई थी तब जोधपुर के उम्मेद भवन पैलेस को चंदननगर की लाइटिंग से ही रोशन करके दुल्हन की तरह सजाया गया था।
लखनऊ। बंगाल के हुगली जिले का छोटा सा शहर चंदननगर आज अपनी आलोक सज्जा के लिए देश दुनिया में मशहूर है। यहां की लाइटिंग से बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन का घर जलसा ही नहीं, मुकेश अंबानी की गगनचुम्बी इमारत भी रोशन हो चुकी है। एक समय यह शहर फ्रांसिसियों का उपनिवेश हुआ करता था।
देश में शायद ही कोई ऐसी जगह हो। जहां चंदननगर की लाइटिंग ने अपना जलवा न बिखेरा हो। प्रियंका चोपड़ा की २०१८ में जब जोधपुर में शादी हुई थी तब जोधपुर के उम्मेद भवन पैलेस को चंदननगर की लाइटिंग से ही रोशन करके दुल्हन की तरह सजाया गया था।
इस काम को चंदननगर के सुप्रीम कुमार पाल उर्फ बाबूपाल ने अंजाम दिया था। चंदननगर में लोग उन्हें बाबू दा के नाम से जानते हैं। उन्होंने अपने दम पर यह मुकाम हासिल किया है। वह आज तमाम लोगों को रोजगार मुहैया कर रहे हैं।
बारातों की गैस लाइट यहीं बनी
शायद आपको यह बात पता हो कि पहले बारात में मजदूर सिर के ऊपर गैस लाइट के लालटेन लेकर चला करते थे। ये मिट्टी के तेल से जलते थे। इनकी उत्पत्ति यहीं से हुई थी।
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बाबू दा चंदननगर के बोरो चापातल्ला इलाके में रहते हैं। इसी इलाके में उनका वर्कशॉप भी है। चंदननगर में इनके अलावा १५० और लाइट आर्टिस्ट और भी हैं। बाबू पाल की तीन पीढिय़ां लोहा व्यवसाय से जुड़ी थीं। वह अपना पुश्तैनी कारोबार नहीं करना चाहते थे। इनके एक मित्र ने उन्हें लाइटिंग के बारे में जानकारी दी और फिर वे इसी ओर मुड़ गये।
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देश में ही नहीं विदेश में भी है पूछ 1998 में उन्हें दुबई में हुए शॉपिंग फेस्टिवल के लिए काम करने मौका मिला। उन्होंने वहां भारतीय संस्कृति की थीम पर प्रकाश--सज्जा की थी। इसी तरह इटली के दूतावास को भी आलोकित किया। दक्षिण अफ्रीका में भी काम किया है