×

सितंबर में खुलेंगे स्कूल: सस्पेंस बरकरार, अभिभावकों की ये है राय

कोरोना संकट के बीच स्कूल खुलने पर असमंजस्य की स्थिति बनी हुई है। सितंबर में स्कूल खोले जाने को लेकर अधिकतर अभिभावक तैयार नहीं है।

Shivani
Published on: 11 Aug 2020 9:36 AM GMT
सितंबर में खुलेंगे स्कूल: सस्पेंस बरकरार, अभिभावकों की ये है राय
X
majority parents oppose school reopening from september

लखनऊ: कोरोना संकट के बीच भले ही सरकार ने कई बंदिशों को हटा कर पहले की तरह काम को दोबारा शुरू कर ने की इजाजत दे दी हो लेकिन स्कूल खुलने पर अभी भी असमंजस्य की स्थिति है। कहा जा रहा है कि सितंबर में स्कूलों को खोला जा सकता है हालाँकि कोरोना संकट के कारण छात्रों की पढ़ाई को हो रहे नुकसान के बावजूद अधिकतर अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर तैयार नहीं है। उन्होंने स्कूल खुलने की स्थिति से असहमति जताई।

कोरोना संकट के कारण स्कूल बंद, चल रही ऑनलाइन क्लासेज

भारत में कोरोना महामारी के चलते स्कूलों को बंद कर दिया गया और बच्चों की पढ़ाई के नुकसान को देखते हुए ऑनलाइन क्लास चलाने के निर्देश दिए। लेकिन ये व्यवस्था सिर्फ शहरों में बड़े स्कूलों तक ही सीमित है। ज्यादातर ग्रामीण इलाकों के स्कूलों, छोटे स्कूलों और गरीब बच्चों के लिए इंटरनेट के जरिये ऑनलाइन पढ़ाई काफी मुश्किल हैं।

शिक्षा मंत्रालय की बैठक, स्कूल खुलने और बच्चों की पढ़ाई पर हुई चर्चा

ऐसे में सरकार अनलॉक 4 के साथ स्कूलों को खोलने के बारे में भी विचार कर रही है। इस बाबत शिक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति ने सोमवार को बैठक की। जिसमें स्कूल-कॉलेज खोलने और परीक्षाओं को दोबारा आयोजित कराए जाने जैसे मुद्दों पर विचार हुआ। इस दौरान स्कूल बंद होने के चलते बच्चों को मिड डे मील भी न मिल पाने को लेकर चिंता जताई गयी।

ये भी पढ़ें- संपत्ति पर बड़ा ऐलान: बेटियां हमेशा बेटियां रहती हैं, बेटे शादी तक

हालाँकि बैठक में अधकारियों ने इस समय स्कूल खोलने की योजना को सही नहीं समझा। स्कूल खोलने का फैसला स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह और सभी राज्यों के फीडबैक के आधार पर ही लिए जाने की बात कही गयी।

जारी रहेगी ऑनलाइन क्लासेज

फिलहाल अभी स्कूलों को दोबारा खोलने पर फैसला नहीं हुआ, ऐसे में ऑनलाइन क्लासेज की व्यवस्था जारी रहेगी। बता दें कि ये व्यवस्था चौथी क्लास और उससे ऊपर वाले छात्रों के लिए ही है।

ये भी पढ़ें- मोदी का तगड़ा फार्मूला: अब ऐसे बचेगा अपना भारत, इन राज्यों को मिला सुझाव

वहीं समिति ने शिक्षा मंत्रालय को सुझाव दिया कि स्कूलों में नर्सरी से तीसरी क्लास तक बच्चों को ऑनलाइन न पढ़ाया जाए। वहीं चौथी से सातवीं क्लास तक के बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस में सीमित स्तर पर पढ़ाया जाने और आठवीं क्लास से बारहवीं क्लास के बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज के जरिए पूरी पढ़ाई कराये जाने की सलाह दी गयी।

लैपटॉप मोबाइल की सुविधा न होने पर ऐसे हो पढ़ाई:

इसके अलावा समिति ने ये भी सुझाव दिया कि ऑनलाइन क्लासेज के लिए छात्रों और अभिभावकों के पास लैपटॉप और मोबाइल फोन जैसी सुविधाएँ न होने पर उन्हें कम्युनिटी रेडियो से पढ़ाया जाए। इसके तहत गरीब परिवारों को रेडियो-ट्रांजिस्टर देकर कम्युनिटी रेडियो के माध्यम से पढ़ाने के विकल्प पर विचार किया जाए।

अभिभावक स्कूल खुलने पर बच्चों को भेजने को नहीं तैयार:

वैसे तो अभी स्कूल खुलने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है लेकिन अभिभावक भी इसपर असहमत हैं। स्कूल खुलने को लेकर हुए हालिया सर्वे के मुताबिक, मौजूदा हालात में ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं हैं।

ये भी पढ़ें- भारत में वैक्सीन कब: पता चल गया दिन, मिली ये बड़ी खुशखबरी

सर्वे में अभिभावकों से पूछा गया कि 15 सितंबर से स्कूल खुलते हैं तो उनकी क्या राय है, इसपर देश के अलग अलग हिस्सों से 25,000 से अधिक लोगों ने प्रतिक्रिया दी। 58% लोगों ने इस पर इंकार किया तो वहीं 33% लोग स्कूल खुलने के पक्ष में दिखे। 9 प्रतिशत लोगों ने कोई स्पष्ट राय व्यक्त नहीं की।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Shivani

Shivani

Next Story