TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

रक्षा बंधन 2020: इस रानी को हुमायूं ने दिया था ऐसा वचन है, पढ़कर रो देंगे आप

यह त्यौहार भाई बहन के रिश्ते और बंधन को मजबूत बनाता है। इसे उत्तरी भारत में कजरी पूर्णिमा या कजरी नवमी भी कहा जाता है। रक्षा बंधन एक विशेष मुहूर्त या शुभ समय पर मनाया जाता है अन्यथा इसे अशुभ माना जाता है।

Newstrack
Published on: 31 July 2020 7:38 PM IST
रक्षा बंधन 2020: इस रानी को हुमायूं ने दिया था ऐसा वचन है, पढ़कर रो देंगे आप
X
raksha bandhan

लखनऊ: रक्षा बंधन अर्थात सभी भाई-बहनों के बीच एक दूसरे की रक्षा का एक वचन है। यह रक्षा बंधन भारत में मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध हिंदू त्यौहार है। रक्षा बंधन का मतलब रक्षा का सूत्र माना जाता है। यह सावन के महीने के पूर्णिमा दिवस पर मनाया जाता है। रक्षाबंधन त्यौहार भाई बहनों के बीच प्यार और शांति को बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। इसको मानाने के लिए कई तरह की कहानियां प्रसिद्ध है।

विशेष मुहूर्त या शुभ समय पर मनाया जाता है

रक्षा बंधन जिसे राखी भी कहा जाता है। यह त्यौहार भाई बहन के रिश्ते और बंधन को मजबूत बनाता है। इसे उत्तरी भारत में कजरी पूर्णिमा या कजरी नवमी भी कहा जाता है। रक्षा बंधन एक विशेष मुहूर्त या शुभ समय पर मनाया जाता है अन्यथा इसे अशुभ माना जाता है। भारत में इसे सभी धर्म के लोग धूमधाम से मनाते है। रक्षा बंधन हिंदू धर्म के मुख्य त्योहारों में से एक है। यह उत्सव देश के अलग-अलग हिस्सों में उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह भाई बहन के बंधन को मजबूत करने के लिए जाना जाता है। इसे सभी उम्र के भाई बहन मनाते है।

रक्षा बंधन क्या है?

यह एक विशेष हिंदू त्यौहार है जिसे भारत और नेपाल जैसे देशों में भाई और बहन के बीच प्यार का प्रतीक बनाने के लिए मनाया जाता है। रक्षा बंधन का अवसर श्रवण के हिंदू चंद्र कैलेंडर महीने के आखरी दिन मनाया जाता है जो आमतौर पर अगस्त में पड़ता है। रक्षा बंधन का त्यौहार भाई और बहन के बीच कर्तव्य का प्रतीक माना जाता है। यह अवसर पुरुषों और महिलाओं के बीच किसी भी तरह के भाई-बहन के संबंधों का जश्न मनाने के लिए जाना जाता हैं।

ये भी देखें: इंटरनेट की कछुआ स्पीड से दम तोड़ रहा है डिजिटल इंडिया

बहन अपने भाई के हाथ में बांधती है राखी

रक्षा बंधन एक ऐसा त्यौहार है जिसे मुख्य रूप से भारत के उत्तरी और पश्चिमी हिस्से के लोगों द्वारा मनाया जाता है। अन्य हिस्सों के लोग भी इस त्योहार को उसी आस्तिकता से मनाते है। हालांकि रक्षा बंधन मनाने का तरीका हर क्षेत्र में अलग-अलग हो सकता है। इस दिन बहन अपने भाई के हाथ में राखी बांधती है और भाई उसे ख़ुशी से उपहार देता हैं, दोनों एक दुसरे कि लम्बी उम्र कि दुआ करते है और भाई बहन कि रक्षा करने कि कसम खाता है।

राखी क्या है?

राखी एक पवित्र धागा है। भारतीय परंपरा में राखी के धागे को लोह से मजबूत माना जाता है क्योंकि यह आपस में प्यार और विश्वास की परिधि में भाइयों और बहनों को दृढ़ता से बांधता है। परंपराओं के अनुसार, बहन दिया, रोली, चावल और राखी के साथ पूजा थाली तैयार करती है। वे देवी की पूजा करती है उसकी पूजा अपने भाई की कलाई पर राखी से संबंध रखती है। दूसरी तरफ भाई अपने प्यार को वादे के तौर पर व्यक्त करते है की वे हमेशा अपनी बहन के पक्ष में रहेंगे और हर स्तिथि में उसकी रक्षा करेंगे।

ये भी देखें: सुशांत पर बड़ी खबर: बिहार DGP के नेतृत्व में बैठक, सभी आला अधिकारी मौजूद

प्राचीन काल से इस त्योहार को उसी तरीके से और परंपरा से मनाया जाता आ रहा है। चूँकि जैसे जैसे लोगों की जीवनशैली बदल रही है वैसे ही इस पवित्र त्यौहार को मानाने की परंपरा बदलती जा रही है। इसलिए आज, इस उत्सव को व्यापक रूप से मनाया जा रहा है। माता-पिता के लिए रक्षा बंधन का त्यौहार परिवारिक पुनर्मिलन के जैसा है क्योंकि उन्हें खुशी होती है जब वे अपनी संतान के बीच प्यार और उनको एकजुट देखते है।

इस दिन स्वादिष्ट भोजन, मिठाई आदि पकाया जाता है और परिवार के लोग अन्य शुभचिंतकों और रिश्तेदारों में उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और एक दुसरे के साथ अपने व्यक्तिगत अनुभवों को बांटते हैं।

रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है?

रक्षाबंधन क्यों मनाते है? रक्षा बंधन भाई और बहन के बीच प्यार जगाने के लिए मनाया जाता है। रक्षा बंधन का त्यौहार सदियों से चला आ रहा है। इस विशेष त्यौहार की शुरूआती कैसे हुई और raksha bandhan मनाने के पीछे कई कहानियां है। आईये जानते है।

ये भी देखें: गजब की बकरा मंडी: लाखों की भीड़, सोशल डिसटेंसिंग की उड़ाई जा रही धज्जियां

रक्षा बंधन की कहानी - रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूं

कहानी उस समय की है जब मध्यकालीन युग में राजपूत और मुस्लिमों के बीच संघर्ष चल रहा था। रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूं की यह कहानी पढ़कर आपकी आंखों में आंसू आ जायेंगे। रानी कर्णावती चित्तौड के राजा की विधवा पत्नी थी ऐसे में वो अकेली अपने राज्य की रक्षा कैसे कर सकती थी। कहा जाता है, इस दौरान उन्होंने खुद को और अपनी प्रजा को सुल्तान बहादुर शाह (जोकि गुजरात का शासक था) से बचाने के लिए सम्राट हुमायूँ से मदद मांगी और उन्हें एक राखी भेजी।

उस राखी को पाकर हुमायूँ ने रानी कर्णावती को बहन का दर्जा दिया और उसके राज्य को सुल्तान बहादुर शाह से सुरक्षा दी। तब से या इससे भी पहले की कई और कहानियां है जिनसे राखी, रक्षा बंधन के त्यौहार की शुरूआत हुई। इसके अलावा और भी कई कहानियां है जिनसे रक्षा बंधन की शुरूआत हुई। आपको बता दें कि ये कहानी रक्षा बंधन से सबसे ज्यादा जुडी हुई है और अधिकतर लोग इसी को रक्षाबंधन मनाने का कारण मानते है।

ये भी देखें: सौरव गांगुली के पहले क्रिकेट गुरु का निधन, क्रिकेट संघ ने जताया दुख

ऐसे मनाया जाता है रक्षा बंधन

रक्षा बंधन के दिन बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती है और हाथ की कलाई पर राखी बांधती है। अपना प्यार व्यक्त करती है। वह अपने भाई की रक्षा के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती है। बदले में भाई अपनी बहन को मिठाई या एक अच्छा उपहार देता है और उसे शुभकामनायें देता है। साथ ही बहन कि हमेशा मदद और रक्षा करने का वादा करता हैं।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story