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आजम की शातिर बहन: बंगले के लिए किया बड़ा फर्जीवाड़ा, अब नहीं बचेंगी
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां के खासमखास अधिकारी रहे श्रीप्रकाश सिंह ने लखनऊ नगर आयुक्त पद पर रहते हुए बंगला आवंटन के फर्जीवाडे को अंजाम दिया था।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के फायरब्रांड नेता मोहम्मद आजम खां के खासमखास अधिकारी रहे श्रीप्रकाश सिंह ने लखनऊ नगर आयुक्त पद पर रहते हुए बंगला आवंटन के फर्जीवाडे को अंजाम दिया था। आजम खां की बहन निकहत के फर्जी आवेदन पर बंगला आवंटित करने वाले एसपी सिंह ने अब भाजपा का दामन थाम रखा है। शायद यही वजह है कि बंगला आवंटन को गुपचुप तरीके से रद करने की कवायद में जुटी भाजपा सरकार अब इस बात पर गौर करने के लिए भी तैयार नहीं है कि रामपुर में सरकारी अध्यापिका पद पर तैनात निकहत को राजधानी लखनऊ में 2004 में पहले मकान और तीन साल के अंदर 11 कमरों वाला बंगला कैसे मिला।
आजम खान की बहन के बंगला आवंटन में फर्जीवाड़ा
पूर्व नगर विकास मंत्री का खासमखास बनने के लिए लखनऊ के नगर आयुक्त श्रीप्रकाश सिंह ने 2004 में ही फर्जी तरीके से बंगला आवंटन की बुनियाद रखी थी। उन्हें इस फर्जीवाडे का फायदा भी अगले कुछ सालों में ही मिला जब आजम खां ने नगर विकास विभाग का सर्वेसर्वा बनाकर उन्हें सबसे ताकतवर नौकरशाह का रुतबा दे डाला।
Newstrack.Com को मिले मकान के दस्तावेज
Newstrack.Com को मिले दस्तावेज के अनुसार आजम खां की बहन को मकान आवंटन के फर्जीवाडे की शुरुआत 2004 में हुई जब प्रदेश में मुलायम सिंह यादव की अगुवाई में बनी सरकार में नगर विकास मंत्री के पद पर आजम खां आसीन थे और लखनऊ नगर आयुक्त का पदभार श्री प्रकाश सिंह पर था। आवंटन के आधार का पहला आवेदन पत्र ही फर्जी तरीके से तैयार किया गया।
मकान आवेदन के लिए निकहत अफलाक मे किया झूठा दावा
आजम खां की बहन निकहत अफलाक जो उन दिनों भी रामपुर के सरकारी स्कूल कमरलका जूनियर हाईस्कूल में शिक्षिका के तौर पर कार्यरत थीं। उनके नाम से मकान आवंटन का आवेदन नगर निगम में किया गया। इस आवेदन में बताया गया कि वह मकान संख्या 63 राजीव नगर पानी गांव, इंदिरा नगर में किराये पर रहती हैं। उनके पास अपना कोई मकान नहीं है, इसलिए उन्हें दो कमरे का मकान आवंटित कर दिया जाए। उनके इस आवेदन के आधार पर नगर निगम की ओर से जो मकान संख्या 10/4 रिवर बैंक कालोनी का जो आवंटन पत्र जारी हुआ उस पर नगर आयुक्त प्रकाश सिंह के हस्ताक्षर अत्यंत स्पष्ट हैं।
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रिवर बैंक कालोनी के दो मकान किए कब्जे में
इस आवंटन के कुछ महीने बाद निकहत अफलाक के एक अन्य प्रार्थनापत्र पर नगर निगम ने 20 दिसंबर 2005 को रिवर बैंक कालोनी का मकान जी-11 आवंटित कर दिया। जानकारों के अनुसार इस तरह उनके कब्जे में रिवर बैंक कालोनी के दो मकान हो गए क्योंकि पहले मकान का कब्जा भी उन्होंने छोडा नहीं।
बसपा सरकार में भी नहीं हुई जांच
इसके बाद 2007 में विधानसभा चुनाव होने वाले थे तो 20 अप्रेल 2007 को नगर निगम ने उन पर मेहरबानी करते हुए भवन संख्या जी-11 के स्थान पर भवन संख्या ए-2/1 आवंटित कर दिया। नया मकान पांच हजार वर्गफुट हिस्से में 11 कमरों वाला था। इस मकान का आवंटन होने के बाद पूरे पांच साल तक बहुजन समाज पार्टी की सूबे में सरकार रही लेकिन किसी ने आजम खां की बहन को आवंटित मकान के बारे में पूछा तक नहीं।
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आजम के चहेते अफसर एसपी सिंह शामिल
अगले पांच साल तक प्रदेश में अखिलेश यादव की अगुवाई वाली सरकार रही जिसमें एक बार फिर आजम खां को नगर विकास मंत्री बनने का मौका मिला और इस बार उन्होंने बंगला आवंटन का फर्जीवाडा शुरू करने वाले नौकरशाह एसपी सिंह को अपना सिपहसालार बना लिया। वही एसपी सिंह अब रिटायर होने के बाद भाजपा के नेता बन चुके हैं।
रिटायर होने के बाद भाजपा के नेता बने एसपी सिंह
नगर निगम लखनऊ के अधिकारी भी निकहत अफलाक के नाम पर आवंटित बंगला खाली कराने की कवायद कर रहे हैं लेकिन शिकायतकर्ता मुस्तफा हुसैन ने जो जानकारी मुहैया कराई है उसमें ज्यादातर को छुपा लिया। नगर निगम और शासन में बैठे अधिकारी यह जानने की कोशिश भी नहीं कर रहे हैं कि क्या वाकई आजम खां की बहन निकहत अफलाक ने ही मकान आवंटन के लिए आवेदन किया था। अगर ऐसा है तो सरकारी नौकरी में रहते हुए उन्हें लखनऊ में मकान की क्या जरूरत थी और इस दौरान क्या उन्होंने शिक्षा विभाग से आवास भत्ता हासिल किया है।
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सरकारी नौकरी में रहते हुए मकान कब्जाया
अगर उन्होंने आवेदन नहीं किया तो आवेदन पत्र पर किसके हस्ताक्षर हैं और फर्जीवाडे में नगर निगम के तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका कितनी है। इन सारे सवालों के जवाब मिलने बाकी हैं लेकिन इतना तय है कि राजनीति में ईमानदारी और नैतिकता की दुहाई देने वाले आजम खां भी भरे पानी में डुबकी लगाकर मछली निगलने वालों की जमात में ही शामिल हैं।
अखिलेश तिवारी
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