TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

ट्रंप की यह यात्रा: पूरी दुनिया के लिए कई बड़े संदेश की संकेतक है

जब ट्रंप को चुनाव में जाना है। कहा जा रहा है कि ट्रंप के चुनावी कैंपेन में भारत के इस कार्यक्रम के फुटेज का इस्तेमाल होगा।

Aradhya Tripathi
Published on: 23 Feb 2020 7:37 PM IST
ट्रंप की यह यात्रा: पूरी दुनिया के लिए कई बड़े संदेश की संकेतक है
X

योगेश मिश्रा

हाउडी मोदी। किम छो ट्रंप, नमस्ते ट्रंप। इन दोनों आयोजनों में सिर्फ स्थान बदले हैं। पात्र और उनके लक्ष्य बिल्कुल एक सरीखे हैं। हयूस्टन में भी हाउडी मोदी तब हुआ था जब नरेंद्र मोदी को अगले साल भारत में चुनाव में जाना था। नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम तब हो रहा है जब ट्रंप को चुनाव में जाना है।

कहा जा रहा है कि ट्रंप के चुनावी कैंपेन में भारत के इस कार्यक्रम के फुटेज का इस्तेमाल होगा। ऐसे में यह जिक्र होना कि हाउडी मोदी का जवाब है नमस्ते ट्रंप। हाउडी मोदी हाउ डू यू डू मोदी का मतलब है मोदी जी कैसे हैं। नमस्ते ट्रंप से पहले इस आयोजन का नाम केम छो ट्रंप था। गुजराती भाषा के इस वाक्य का मतलब आप कैसे हैं ट्रंप होता है। हालांकि अब इस आयोजन का नाम नमस्ते ट्रंप कर दिया गया है। 24,25 फरवरी को भारत के दौरे पर आकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप हाउडी मोदी का पार्ट—2 मंचित करेंगे।

बीते आठ माह में पांचवी बार मोदी और ट्रंप की मुलाकात हो रही है। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद भारत का उनका पहला दौरा है। ट्रंप से पहले अहमदाबाद में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, इस इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे पधार चुके हैं। ट्रंप अहमदाबाद के चौथे अंतर्राष्ट्र्रीय अतिथि होंगे। वे एक शो मैन हैं। टीवी होस्ट रहे हैं।

ऐसे में कार्यक्रम में ट्रंप के चुंबकीय असर का दिखाया जाना लाजमी है। यही वजह है कि कार्यक्रम की रूपरेखा रॉक कंसर्ट की तरह तैयार की गई है, जिसमें लोगों का हुजूम होगा चमक-दमक होगी, संगीत नृत्य होगा,नारेबाजी होगी और ट्रंप के लिए विशाल रोड शो का कार्यक्रम रखा गया है। जो कि एयरपोर्ट से साबरमती आश्रम तक का होगा। साबरमती आश्रम भारत स्वतंत्रता संग्राम का बड़ा केंद्र रहा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का आश्रम है। अहमदाबाद में ट्रंप विशाल सरदार वल्लभ भाई पटेल क्रिकेट स्टेडियम का उदघाटन भी करेंगे। जिसकी क्षमता एक लाख दस हजार लोगों की है। यह अपने तरह का दुनिया का बेहतरीन स्टेडियम है। सूत्रों की मानें तो उदघाटन के समय भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली भी उपस्थित रहेंगे।

ये भी पढ़ें- ट्रंप का ये ताज महल: खुद के इस आलीशान धरोहर को क्यों बेच दिया डोनाल्ड ने

सरदार वल्लभ भाई पटेल और साबरमती आश्रम के आस पास 16 रास्तों का पुनर्निमाण किया गया है। तीन घंटे के ट्रंप के अहमदाबाद के कार्यक्रम पर 85 करोड़ रूपए खर्च होंगे। तीस करोड़ रूपए सड़कों के मरम्मत और मोटेरा इलाके के विकास पर अलग खर्च किए जा चुके हैं। शहर को सजाने के लिए साढ़े तीन करोड़ रूपए के फूल खरीदे जाएंगे। 6 करोड़ रूपए शहर को सुंदर बनाए जाने पर खर्च किया जा चुका है।

ट्रंप की सुरक्षा में 25 आईपीएस अफसर, 25 एसीपी स्तर के अफसर,200 पुलिस इंस्पेक्टर, 800 सब इंस्पेक्टर और दस हजार पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। ट्रंप की यात्रा पर खर्च की जारही धनराशि का 40 फीसदी हिस्सा सिर्फ सुरक्षा के मद में जाएगी। एयरपोर्ट से साबरमती आश्रम के बीच पड़ने वाले झुग्गी झोपड़ी को आधा किलोमीटर लंबी और 6-7 फिट उंची दीवार से ढंका जाना विाद का विषय बना हुआ है। 2500 वासिंदों वाली यह झुग्गी झोपड़ी पहले अतिथियों के आने पर पर्दे से छुपा दी जाती थी। ट्रंप आगरा में ताज का दीदार करेंगे। ताज के बगल से बहने वाली यमुना का पानी दूर से बदबू करता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए गंगा का पानी लाकर यमुना में छोड़ा है ताकि ट्रंप को यमुना साफ दिखे।

हयूस्टन में पीएम मोदी 22 सितंबर 2019 को जो कार्यक्रम किया था उसकी टैगलाइन थी- साझा स्वप्न सुनहरा भविष्य। उस समय मोदी ने कहा था अबकी बार ट्रंप सरकार। इस कार्यक्रम में उन्हें यह साबित करना होगा कि ट्रंप के इस दौरे से अमेरिका में रह रहे करीब 43 लाख भातरवंशी अबकी बार ट्रंप सरकार की दिशा में नजर आएंगे।गौरतलब है कि अमेरिका में रहने वाला भारतीय समाज डेमोक्रेट पार्टी को वोट करता है। हालांकि 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में 16 फीसदी भारतीयों ने ट्रंप को मतदान किया था।

ये भी पढ़ें- आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने सरकार पर लगाया बड़ा आरोप, कही ये गंभीर बात

ट्रंप जिस समय भारत आ रहे हैं वह भारत अमेरिकी रिश्तों के लिहाज से बेहद कठिन समय है। दोनों देशों के बीच 160 अरब डॉलर का कारोबार हो रहा है। दोनों देशों के बीच कारोबारी मतभेद है। इसे दूर करना होगा। अमेरिका भारत के पोल्ट्री और डेयरी बाजार में प्रवेश चाहता है। भारत देश में बिकने वाले मेडिकल उपकरणों के कीमतोें को नियंत्रित करता है। वह दबाव बना रहा है कि अमेरिकन टेक्नॅालाजी कंपनियां अपने डेटा स्टोरेज यूनिट भारत में लगाएं, लेकिन बड़े खर्च का हवाला देकर कंपनियं कन्नी काट रही हैं।

ट्रंप की यात्रा इन दोनों के लिए रास्ते खोलने की कोशिश करेगी। भारत भी यह चाहेगा कि पिछले साल अमेरिका ने जो कारोबारी रिययत बंद की है उसे बहाल करे। दवाओं और कृषि उत्पादों के लिए अमेरिकी बाजार खोले। ट्रंप की भारत यात्रा अमेरिका और भारत दोनों के कारोबारी रिश्तों के लिहाज से मील का पत्थर साबित होती है या नहीं। यह भी इस यात्रा की सफलता का पैमाना होगा। इसी के साथ अरबों डॉलर के रक्षा सौदे आर भारतीय नौ सेा के लिए हेलीकॉफटर की बिक्री भी अमेरिकी राष्ट्रपति के एजेंडे का हिस्सा हो सकती है।

लेकिन एक ऐसे समय ट्रंप प्रशासन की ओर से यह कहा जा रहा हो कि— मुझे लगता है कि राष्ट्रपति ट्रंप लोकतंत्र और धार्मिक आजादी को लेकर हमारी साझाी परंपरा के बारे में सार्वजनिक और निश्चित रूप से निजी बातचीत में भी बात करेंगे। वे ये मुददे उठाएंगे। खासकर धार्मिक स्वतंत्रता के मददे पर बात होगी। ट्रंप प्रशासन के लिए यह एक अहम मुददा है। यही नहीं ट्रंप की यात्रा के मददेनजर उनके इस बयान पर भी गौर करने की जरूरत है। जिसमें कहा गया है- भारत ने हमारे साथ अच्छा वर्ताव नहीं किया है, लेकिन मैं प्रधानमंत्री मोदी को बहुत पसंद करता हूं। यही नहीं भारत में कश्मीर से 370 को हटाए जाने, धार्मिक आजादी और सीएए जैसे सवालों पर विपक्ष सड़क पर है, लेकिन इन सवालों पर ट्रंप का मुंह खोलना यात्रा का मजा किरकिरा भी कर सकता है। हालांकि चीन को लेकर मोदी और ट्रंप का स्टैंड एक होना लाजमी है। वन बेल्ट वन रोड और साउथ चाइना सी को लेकर भारत और अमेरिका की चिंताएं एक ही हैं।

ये भी पढ़ें-ट्रम्प के दौरे से पहले पीएम मोदी ने किया ट्वीट, कहा-उत्साहित है देश

अहमदाबाद शहर की आबादी 55 लाख है। जिले की कुल आबादी 72 लाख बैठती है। ऐसे में ट्रंप के स्वागत के लिए उमड़ने वाली भीड़ के आंकड़े जिस तरह ट्रंप बढ़ाते जा रहे हैं उससे यह अंदाजा लगना लाजमी है कि ट्रंप के उम्मीदों के पंख उंची उडान भर रहे हैं। आंकड़ों में यह उड़ान कितनी सच साबित होगी यह तो उनकी यात्रा के बाद ही पता चलेगा। यह भी उनकी यात्रा के समापन के बाद ही पता चलेगा कि कारोबारी रिश्ते कितने आगे बढ़े।

सीएए,370 और धार्मिक स्वतंत्रता जैसे सवाल पर ट्रंप अगर चुप्पी साधकर चले गए तो मोदी सरकार की बड़ी जीत दर्ज की जाएगी। यात्रा की समाप्ति यह भी बता देगी कि ट्रंप का भारत आना महज चुूनावी अभियान का हिस्सा है या दोनों देश एक साथ मिलकर अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ दो—दो हाथ करने का मन बना चुके हैं। इसके लिए ट्रंप को भारत के सरजमीं से आतंकवाद को पनाह देने वाले देश पाकिस्तान को कठोर संदेश देना ही होगा



\
Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

Next Story