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बच्चों के खून में सीसाः खतरे में दुनिया का एक तिहाई बचपन, तत्काल रोकना जरूरी

जिन बच्चों के माता-पिता व्यवसाय में सीसा के साथ काम करते हैं अक्सर उनके कपड़े, बाल, हाथ और जूते पर दूषित धूल घर आ जाती है, इस प्रकार अनजाने में वह अपने बच्चों को विषाक्त सीसे से संक्रमित कर देते हैं।

Newstrack
Published on: 1 Aug 2020 3:21 PM IST
बच्चों के खून में सीसाः खतरे में दुनिया का एक तिहाई बचपन, तत्काल रोकना जरूरी
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unicef

यूनिसेफ और प्योर अर्थ ने सीसे और एसिड बैटरी की रीसाइक्लिंग सहित खतरनाक प्रथाओं को समाप्त करने के लिए तत्काल कार्रवाई किये जाने की जरूरत पर जोर दिया है। यूनिसेफ और प्योर अर्थ की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, सीसे का जहर बड़े पैमाने पर बच्चों को प्रभावित कर रहा है। अपनी तरह की पहली पहली रिपोर्ट कहती है कि तीन में से लगभग एक बच्चे विश्व स्तर पर 80,00 करोड़ बच्चों के खून में पांच माइक्रोग्राम से या इससे अधिक सीसे का जहर है, जिस पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। इन बच्चों में से लगभग आधे बच्चे दक्षिण एशिया में रहते हैं।

कार्यकारी निदेशक हेनरीटा फोर ने कहा कि कुछ शुरुआती लक्षणों के साथ, सीसा चुपचाप बच्चों के स्वास्थ्य और विकास पर संभावित घातक परिणामों के साथ कहर बरपाता है। उन्होंने कहा कि इसके संभावित घातक परिणामों, प्रदूषण की व्यापकता और विनाश को समझते हुए सभी को बच्चों की सुरक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई को प्रेरित किया जाना चाहिए।

जहर का सच

बच्चों के खून में मिल रहा सीसे का जहर संभावित पीढ़ी को कमज़ोर करता है यह बात इंस्टीट्यूट ऑफ़ हेल्थ मेट्रिक्स इवैल्यूएशन (IHME) द्वारा किए गए The Toxic Truth: Children’s exposure to lead pollution undermines a generation of potential से प्रमाणित होती है। इस विश्लेषण को पर्यावरणीय स्वास्थ्य परिप्रेक्ष्य में प्रकाशन के लिए अनुमोदित किया गया है।

अध्ययन यह बताता है कि सीसा एक शक्तिशाली न्यूरोटॉक्सिन है जो बच्चों के दिमाग को अपूरणीय क्षति पहुंचाता है। पांच वर्ष से कम आयु के शिशुओं और बच्चों के लिए यह विशेष रूप से विनाशकारी है क्योंकि यह उनके दिमाग को नुकसान पहुंचाता है इससे पहले कि उन्हें पूरी तरह से विकसित होने का अवसर मिले। इससे बच्चों को आजीवन स्नायविक, संज्ञानात्मक और शारीरिक कमजोरी रहती है।

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रिपोर्ट में कहा गया है कि बचपन में सीसे के जहर के संपर्क में आने का असर मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार संबंधी समस्याओं और अपराध और हिंसा की वृद्धि से जुड़ा हुआ है। बड़े बच्चों को बाद के जीवन में गुर्दे की क्षति और हृदय रोगों के बढ़ते जोखिम सहित गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं।

छीन रहा बच्चों की आर्थिक क्षमता

कम-और मध्यम-आय वाले देशों में सीसे के जहर के संपर्क में आने वाले बच्चों पर लगभग $ 1 ट्रिलियन अमरीकी डालर का खर्च होता है, क्योंकि इन बच्चों की जीवन भर की आर्थिक क्षमता खत्म हो जाती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सीसा-एसिड बैटरी की अनौपचारिक और घटिया रीसाइक्लिंग, कम और मध्यम आय वाले देशों में रहने वाले बच्चों में विषाक्तता पैदा करने में अहम भूमिका अदा करती है, इन देशों ने 2000 के बाद से वाहनों की संख्या में तीन गुना वृद्धि का अनुभव किया है। इन देशों में बुनियादी ढांचे की कमी के चलते वाहन स्वामियों द्वारा पुरानी बैटरी बदलकर नई भरी हुई एसिड बैटरी का 50 प्रतिशत तक का कारोबार होता है।

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इन देशों में बैटरी भरने वाले खुले में बैटरी को तोड़ते हैं, एसिड को गिराते हैं उस पर मिट्टी का लेप करते हैं और खुली भट्टियों में सीसे को पिघलाते हैं जो आसपास के लोगों को जहरीला धुआं देते हैं। इन जगहों पर रहने वाले और काम करने वाले लोगों को पता ही नहीं होता कि सीसा एक शक्तिशाली न्यूरोटॉक्सिन है।

जिन बच्चों के माता-पिता व्यवसाय में सीसा के साथ काम करते हैं अक्सर उनके कपड़े, बाल, हाथ और जूते पर दूषित धूल घर आ जाती है, इस प्रकार अनजाने में वह अपने बच्चों को विषाक्त सीसे से संक्रमित कर देते हैं।



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