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सूने सचिवालय में हल्की सी आहट: कार्यालय आये योगी के मंत्री, ये रहे नदारद
Newstrack.com ने जब सचिवालय का हाल जानने की कोशिश की तो बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चन्द्र द्विवेदी अपने कार्यालय में कामकाज करते मिले जो कि डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा के साथ बैठक में जाने को तैयार होकर निकल रहे थें।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ। देश के सबसे बडे़ सूबे को चलाने वाला यूपी सचिवालय के सन्नाटे को देखकर यकीन ही नहीं होता कि सुबह से लेकर देर शाम तक गुलजार रहने वाला यह वही सचिवालय है, जहां से प्रदेश की 23 करोड जनता को संचालित किया जाताा है। लाॅकडाउन के चलते पिछले 24 मार्च से बंद पड़ा है। पूरे परिसर में पसरा सन्नाटा अपने आप में सब कुछ बयां कर रहा है।
15 अप्रैल से सचिवालय में आकर काम करने के निर्देश
अभी हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब प्रदेश की जनता की बढ़ती जरूरतों के मद्देनजर 15 अप्रैल से सचिवालय खुलवाकर मंत्रियों से अपने विभागीय कामकाज को निपटाने को कहा तो कुछ मंत्रियों ने तो बैठना शुरू कर दिया, पर सारे मंत्रियों ने अभी अपना कामकाज फिर से नहीं शुरू किया है।
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बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चन्द्र द्विवेदी कार्यालय में कामकाज करते मिले
आज Newstrack.com ने जब सचिवालय का हाल जानने की कोशिश की तो बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चन्द्र द्विवेदी अपने कार्यालय में कामकाज करते मिले जो कि डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा के साथ बैठक में जाने को तैयार होकर निकल रहे थें। वहीं दूसरी तरफ इस बैठक को लेकर डा दिनेश शर्मा के कार्यालय में स्टाफ के आधे कर्मचारी ही उपस्थिति थें।
सचिवालय में ये मंत्री आ रहे काम पर, इनके कार्यालयों में लगा ताला
वित्तमंत्री सुरेश खन्ना अपना काम निबटाकर जा चुके थें। जबकि स्वास्थ्यमंत्री जयप्रताप सिंह के कार्यालय में ताला बंद मिला। आबकारी मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री अपने कार्यालय में वीडियो कांफेसिंग करते मिले जबकि कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही अपना विभागीय कार्य निबटाकर कार्यालय से बाहर निकल रहे थें। उनके यहां भी स्टाफ के गिने-चुने लोग ही उपस्थिति थें।
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मंत्री आशुतोष टंडन, श्रीकांत शर्मा, महेन्द्र सिंह भी पहुंचे सचिवालय
वही सचिवालय में एक क्रम में बैठने वालों में समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री भी कार्यालय में नहीं मिले। जबकि विधि मंत्री बृजेश पाठक के स्टाफ ने बताया कि मंत्री आए थें। उन्होंने कार्यालय में बैठकर फाइले निबटाई और फिर घर चले। इसी तरह होमगार्डस मंत्री चेतन चैहान, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ‘गोपाल जी’ ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, जल संसाधन मंत्री महेन्द्र सिंह भी कार्यालय में बैठे और फिर वापस अपने घर चले गए। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना के स्टाफ ने बताया कि मंत्री जी बुधवार को यहां आए थे और मीटिग करके चले गए।
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स्टाफ को जरूरत के हिसाब से ही बुलाया जा रहा
सचिववालय का आलम यह है कि यहां इन मंत्रियों के स्टाफ को जरूरत के हिसाब से ही बुलाया जा रहा है। लगभग 50 प्रतिशत ही स्टाफ आता है। उन्हेे भी ‘रोटेशन सिस्टम’ से बुलाया जाता है।
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सचिवालय की पार्किंग पूरी खाली
स्टाफ का आलम यह है कि यहां कोई चुपचाप बैठा हुआ, कोई मोबाइल देखता हुआ तो कोई सोता हुआ मिला। कई मंत्रियों के कार्यालय में ताले भी पडे़ मिले। सचिवालय में प्रवेश के लिए खिडकियां बंद पड़ी है। प्रेस रूम बंद है। सचिवालय के सामने जिस स्टैण्ड पर दोपहिया और चार पहिया वाहनों की पार्किंग करने की होड़ रहती थी, वह पूरी खाली पड़ी है।
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