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इस महान खिलाड़ी का निधन, तीन बार जीता था ओलिंपिक गोल्ड, देश में शोक की लहर

भारतीय हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर का सोमवार को निधन हो गया। बलबीर सिंह ने 95 साल के थे और मोहाली में अंतिम सांसें लीं। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे

Dharmendra kumar
Published on: 25 May 2020 9:32 AM IST
इस महान खिलाड़ी का निधन, तीन बार जीता था ओलिंपिक गोल्ड, देश में शोक की लहर
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नई दिल्ली: भारतीय हॉकी के दिग्गज खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर का सोमवार को निधन हो गया। बलबीर सिंह ने 95 साल के थे और मोहाली में अंतिम सांसें लीं। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। दिल का दौरा पड़ने के बाद उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिसके बाद से वह वेंटिलेटर पर थे।

मोहाली के फोर्टिस अस्पताल के निदेशक अभिजीत सिंह ने बलवीर सिंह की मृत्यु की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि बलवीर सिंह सीनियर का सुबह 6.30 बजे निधन हुआ। बलबीर सीनियर को आठ मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह 18 मई से वेंटिलेटर पर थे।

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बलबीर सिंह सीनियर ने अंतरराष्ट्रीय डेब्यू 1947 में भारत के श्रीलंका दौरे पर किया था। ओलिंपिक में अपने पहले ही मुकाबले में बलबीर ने लंदन में अर्जेंटीना के खिलाफ छह गोल किए। फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ भी उन्होंने जमकर खेला और दो गोल किए। यह आजाद भारत का पहला ओलिंपिक गोल्ड मेडल था। वह 1948, 1952 और 1956 के ओलिंपिक गोल्ड मैडल जीतने वाली टीम में शामिल थे।

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बलबीर सिंह अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की तरफ से चुने गए आधुनिक ओलंपिक इतिहास के 16 महानतम ओलंपिक खिलाड़ियों में शामिल थे। हेलसिंकी ओलंपिक फाइनल में नीदरलैंड के खिलाफ पांच गोल का उनका रिकार्ड आज भी कायम है । बलबीर सिंह 1975 विश्व कप जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के मैनेजर भी रहे थे। इस टीम की अगुआई अजीत पाल सिंह ने की थी। 1982 में नई दिल्ली में हुए एशियाई खेलों की मशाल जलाने का सम्मान भी बलबीर सिंह को मिला।

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बलबीर सिंह ने पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स काउंसिल और डायरेक्टर ऑफ स्पोर्ट्स, पंजाब के सचिव के पद भी कार्य किया। 1992 में वह पंजाब सरकार से सेवानिवृत हुए। 1997 में उनकी आत्मकथा प्रकाशित हुई। इसका नाम 'द गोल्डन हैटट्रिक' था।

2008 में उकी दूसरी किताब 'The Golden Yardstick: In Quest of Hockey Excellence' आई। 2019 में पंजाब सरकार ने उन्हें महाराजा रणजीत सिंह अवॉर्ड दिया।



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Dharmendra kumar

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