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क्रिकेट का वसीम जाफर विवाद, कुंबले-मनोज तिवारी क्यों बने ढाल
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद से क्रिकेटर वसीम जाफर सोशल मीडिया पर हमेशा चर्चे में रहते हैं। लेकिन वसीम एक मजहबी विवाद में फंस गए है।
श्वेता पांडेय
नई दिल्ली। वैसे तो क्रिकेट जगत अपने विवादों से हमेशा सुर्खियो बना रहता है। इस समय क्रिकेट जगत में एक और नाम विवादित सूची में शामिल हो गया है। वह नाम है भारत के मशहूर क्रिकेटर वसीम जाफर का। इस विवाद की खास बात है मजहबी तडक़ा। इस विवाद को मजहब से जोडक़र ऐसा किया जा रहा है कि देशप्रेम की भावना से जुड़े इस खेल के खिलाडिय़ों को पहली बार संकीर्ण धर्मांधता से जोड़ा जा रहा है। इससे जहां क्रि केट प्रेमी असहज महसूस कर रहे हैं वहीं खेल में भी मजहब को शामिल करने वाले भारतीय क्रिकेट को पाकिस्तान क्रिकेट वल्र्ड बनाने पर आमादा हो गए हैं।
क्रिकेटर वसीम जाफर संन्यास लेने के बाद चर्चा में
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद से क्रिकेटर वसीम जाफर सोशल मीडिया पर हमेशा चर्चे में रहते हैं। लेकिन वसीम एक मजहबी विवाद में फंस गए है। आप को बता दे कि पिछले मंगलवार को वसीम ने उत्तराखंड के क्रिकेट संघ के कोच पद से इस्तीफा दे दिया। बताया जा रहा है कि बीसीसीआई के उपाध्यक्ष महिम ने वसीम पर आरोप लगाया है कि वह मजहबी गतिविधियों के आधार पर टीम को तोडऩा चाह रहे है। टीम कैम्प के समय वसीम प्रशिक्षण क्षेत्र में मौलिवियों को बुलाते रहे हैं।
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मजहबी गतिविधियों के आधार पर टीम को तोडऩे का लगा आरोप
आरोप लगाने वालों का कहना है कि जब इस बारे में उनसे पूछा गया तो जाफर ने कहा था कि ये जुम्मे की नमाज पढ़ाने आए हैं। हालांकि इस पूरे मामले में अब तक जाफर ने कोई बयान नहीं दिया है। उन पर आरोप यह भी है कि पहले उत्तराखंड क्रिकेट टीम का स्लोगन ‘राम भक्त हनुमान की जय’ हुआ करता था, लेकिन उन्होंने इसे बदल दिया और कहा कि ये धार्मिक है। इसकी जगह जब ‘उत्तराखंड की जय’ स्लोगन रखने का प्रस्ताव आया तो उन्होंने इसमें भी ‘जय’ नाम से आपत्ति जताई। इसके बाद टीम का स्लोगन ‘गो उत्तराखंड’ रख दिया गया।
क्रिकेटर जाफर के समर्थन में उतरे ये क्रिकेटर्स
अनिल कुंबले ने अपने साथी क्रिकेटर जाफर वासीम के समर्थन में अपने ट्विटर एकांउट पर लिखा कि, ‘आपके साथ हूं वसीम. आपने सही किया. दुर्भाग्यशाली खिलाड़ी हैं जिन्हें आपके मेंटर नहीं होने की कमी खलेगी। क्रिकेटर मनोज तिवारी ने अपने ट्विटर हैड़ल पर ट्विट करते हुए लिखा कि, ‘ मैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से अनुरोध करूंगा कि वे इस मुद्दे पर तुरंत ध्यान दें, जिसमें हमारे राष्ट्रीय नायक वसीम भाई को क्रिकेट एसोसिएशन में सांप्रदायिक करार दिया गया था।
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क्या कहना हैं जाफर का
वसीम जाफर के ऊपर मुस्लिम खिलाडय़िों को तरजीह देने के आरोप लगाए गए है. जाफर का कहना है कि इन आरोपों से उन्हें काफी तकलीफ पहुंची है. जो कम्युनल एंगल लगाया जा रहा है जो बहुत ही दुखद है वासीम ने आगे कहा मैं इकबाल अब्दुल्ला का समर्थन करता हूं और उसे कप्तान बनाना चाहता था। यह आरोप सरासर गलत है।