TRENDING TAGS :
सेमीफाइनल में धोनी नहीं हुए थे आउट, अंपायर ने की ये बड़ी गलती!
वर्ल्ड कप 2019 के पहले सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने भारत को 18 रन से हरा दिया। साथ ही फाइनल में जाने का टीम इंडिया का सपना तोड़ दिया। मैच में सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए महेंद्र सिंह धोनी ने रविंद्र जडेजा के साथ मिलकर 116 रन की साझेदारी की।
मैनचेस्टर: वर्ल्ड कप 2019 के पहले सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने भारत को 18 रन से हरा दिया। साथ ही फाइनल में जाने का टीम इंडिया का सपना तोड़ दिया। मैच में सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए महेंद्र सिंह धोनी ने रविंद्र जडेजा के साथ मिलकर 116 रन की साझेदारी की।
जडेजा के कैच आउट होने के बाद धोनी भी रन आउट हो गए थे। सोशल मीडिया यूजर्स ने कुछ स्क्रीन शॉट शेयर किए, जिनके मुताबिक धोनी जिस बॉल पर आउट हुए वह नो-बॉल थी, लेकिन अंपायर ने ध्यान नहीं दिया। इसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है।
यह भी पढ़ें...कर्नाटक: विधायकों के बाद स्पीकर भी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, अदालत ने सुनाया ये फैसला
सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि महेंद्र सिंह धोनी (50 रन) जिस गेंद पर रन आउट हुए थे उसे उसे नो बॉल दिया जाना चाहिए था। ट्विटर यूजर्स कह रहे हैं कि अंपायर ने धोनी के रन आउट के फैसले में पावर प्ले के दौरान फील्डिंग के नियमों को नजरअंदाज किया।
लोगों का कहना है कि तीसरे पावर प्ले में तीस गज के दायरे के बाहर अधिकतकम 5 खिलाड़ी ही बाहर रह सकते हैं, लेकिन धोनी के रन आउट के वक्त 6 खिलाड़ी सर्कल से बाहर थे। हालांकि ये बताया जा रहा कि यह ग्राफिक्स की गलती थी।
यह भी पढ़ें...कभी सोचा है 1 सेकेंड में कितने बच्चे होते हैं पैदा, सामने आई हैरान करने वाली रिपोर्ट
नियमों के मुताबिक एक बल्लेबाज को नो-बॉल पर रन आउट दिया जाता है। यदि एक गेंद पहले ही नो बॉल दी जाती, तो जिस गेंद पर धोनी आउट हुए, वह फ्री हिट होती। ऐसे में यहां सवाल अंपायर्स से हुई चूक का है। वैसे भी ये नो-बॉल गेंदबाज की गलती से हुई नो-बॉल नहीं थी, बल्कि ये तो फील्डिंग पोजिशन में गड़बड़ी वाली नो-बॉल थी।
नियम के अनुसार, जितने खिलाड़ी 30 गज के घेरे में होने चाहिए, उससे कम या ज्यादा होने पर नो बॉल करार दी जाती है। नो बॉल रहने पर रन आउट के अलावा किसी और तरीके से बल्लेबाज आउट नहीं हो सकता। यानी अंपायर ने नो बॉल दी होती, तो भी धोनी रन आउट होते।