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इस खिलाड़ी ने ब्रिस्बेन टेस्ट में किया डेब्यू, सिर्फ एक कान से देता है सुनाई

भारतीय खिलाड़ी वाशिंगटन सुंदर ने दिसंबर 2017 में श्रीलंका के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिकेट में वन डे और टी 20 में डेब्यू किया था। आपको बता दें कि सुंदर सिर्फ एक ही कान से सुन पाते हैं। सुंदर ने अपनी इस कमजोरी के बारे में एक इंटरव्यू में जिक्र कर चुके हैं।

Shraddha Khare
Published on: 15 Jan 2021 6:44 AM GMT
इस खिलाड़ी ने ब्रिस्बेन टेस्ट में किया डेब्यू, सिर्फ एक कान से देता है सुनाई
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IND vs AUS: इस खिलाड़ी ने ब्रिस्बेन टेस्ट में किया डेब्यू, सिर्फ एक कान से देता सुनाई photos (social media)

नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया के कप्तान टिम पेन ने भारत के खिलाफ ब्रिस्बेन के गाबा में खेले जा रहे चौथे और आखिरी क्रिकेट टेस्ट में टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया। आपको बता दें कि इस टेस्ट में भारत के दो खिलाड़ियों ने अपना टेस्ट डेब्यू किया। पहले खिलाड़ी टी नटराजन भारत के 300 वें टेस्ट खिलाड़ी बने। वहीं दूसरे खिलाड़ी वाशिंगटन सुंदर को रविचंद्रन अश्विन ने टेस्ट कैप सौंपी और इसके साथ भारत के 301 वें खिलाड़ी बने।

वाशिंगटन सुंदर एक कान से ही सुन पाते

भारतीय खिलाड़ी वाशिंगटन सुंदर ने दिसंबर 2017 में श्रीलंका के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिकेट में वन डे और टी 20 में डेब्यू किया था। आपको बता दें कि सुंदर सिर्फ एक ही कान से सुन पाते हैं। सुंदर ने अपनी इस कमजोरी के बारे में एक इंटरव्यू में जिक्र कर चुके हैं। बाएं हाथ से बल्लेबाजी और दाहिने हाथ से गेंदबाजी करने वाले सुंदर जब 4 साल से थे तब परिवार वालों को इनकी इस समस्या के बारे में पता चला। उनका कई अस्पतालों में इलाज चला लेकिन इस बीमारी को ठीक नहीं किया जा सका। इस परेशानी से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन इन्होंने इसे अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया।

भारत टीम में कैसे जगह बनाई

वाशिंगटन सुंदर ने क्रिकेट पर अपना पूरा ध्यान लगाया और 2016 में तमिलनाडु की रणजी में अपनी जगह बनाई। इसके बाद अंडर -19 में वर्ल्ड कप और फिर आईपीएल में भी अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे। इसके बाद इन्होंने भारतीय टीम में भी अपनी जगह बनाई। आपको बता दें कि इन्होंने भारत के लिए अब तक 1 वनडे और 26 टी 20 मैच खेले हैं।

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फील्डिंग के दौरान उनके साथी काफी मदद करते

सुंदर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि फील्डिंग के दौरान उनके साथियों को उनकी इस दिक्कत से काफी परेशानी होती है, लेकिन वह कभी इसके लिए शिकायत नहीं करते। मेरे साथी मेरी कमजोरी को लेकर कुछ नहीं बोलते बल्कि मेरी मदद ही करते हैं।

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