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अपने घर में भारत ने हमेशा बनाया है इंग्लैंड पर दबदबा, जानिए अब तक का रिकाॅर्ड
1961-62 में इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर आई थी और इस दौरे के आखिरी टेस्ट मैच में भारत ने पहली पारी में 428 रन बनाए थे। नवाब मंसूर अली खान पटौदी (103) और एम जयसिम्हा (86) ने शानदार पारियां खेली थीं।
नीलमणि लाल
नई दिल्ली: कोरोना संकट के बीच भारत में अब इंटरनेशनल क्रिकेट की वापसी हो गयी है। इंग्लैंड की क्रिकेट टीम भारत दौरे पर है और पहला टेस्ट मैच खेला जा रहा है। भारत और इंग्लैंड की क्रिकेट टीमों का आपस में पुराना इतिहास रहा है और अपने घर में भारत ने इंग्लैंड पर दबदबा ही बनाया है। तो आईये जानते हैं भारत में इंग्लैंड के साथ खेले गए कुछ ख़ास मैचों के बारे में।
नवाब पटौदी और सलीम दुर्रानी
1961-62 में इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर आई थी और इस दौरे के आखिरी टेस्ट मैच में भारत ने पहली पारी में 428 रन बनाए थे। नवाब मंसूर अली खान पटौदी (103) और एम जयसिम्हा (86) ने शानदार पारियां खेली थीं। इंग्लैंड अपनी पहली पारी में 281 रन बना सका था। भारत के लिए सलीम दुर्रानी ने बढ़िया गेंदबाजी की और छह विकेट लिए थे। अंतिम पारी में इंग्लैंड को 338 रनों का लक्ष्य मिला था, लेकिन वे 209 रन ही बना सके थे।
स्पिनर्स का जलवा
1973- 74 की सीरीज के दूसरे टेस्ट में भारतीय टीम पहली पारी में 210 रन ही बना सकी थी। स्पिनर बी.चंद्रशेखर और प्रसन्ना ने जबरदस्त स्पिन गेंदबाजी की जिसमें चंद्रशेखर ने 65 रन दे कर 5 विकेट और एरापिल्ली प्रसन्ना ने 33 रन दे कर 3 विकेट चटकाए। इन्होने इंग्लैंड की पहली पारी 174 पर समेट दी थी। दूसरी पारी में भारत 155 रन ही बना सका था और इंग्लैंड को जीत के लिए 192 रनों का लक्ष्य मिला था। लेकिन आखिरी परी में बिशन सिंह बेदी (63/5) और चंद्रशेखर (42/4) की फिरकी की बदौलत भारत ने 28 रनों से मैच अपने नाम किया था।
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भारत ने बनाया दूसरा सबसे बड़ा स्कोर
2008 - 09 दौरे के पहले टेस्ट में इंग्लैंड ने पहली पारी में 316 रन बनाए थे और इसके जवाब में भारत पहली पारी में 241 रन बना सका था। मैच जीतने के लिए भारत को 387 रनों का लक्ष्य मिला। वीरेन्द्र सहवाग (68 गेंद पर 83 रन) ने भारत को धुंआधार शुरुआत दिलाई थी और गौतम गंभीर (66) ने उनका अच्छा साथ दिया। सचिन तेंदुलकर (103 नाबाद) और युवराज सिंह (85 नाबाद) ने भारत को जीत दिलाई थी।
इंग्लैंड की बड़ी जीत
2006 के दौरे पर एंड्र्यू फ्लिंटॉफ की कप्तानी में इंग्लैंड टीम आई थी। सीरीज के तीसरे टेस्ट में फ्लिंटाफ की टीम ने 212 रनों की जीत हासिल की थी। पहली पारी में इंग्लैंड ने एंड्रूयू स्ट्रॉस (128) और ओवैश शाह (88) की बदौलत 400 रन बनाए जिसके जवाब में भारतीय टीम पहली पारी में 279 रन ही बना सकी। इंग्लैंड ने भारत को अंतिम पारी में 313 रनों का लक्ष्य दिया लेकिन भारतीय टीम बुरी तरह लड़खड़ा गई और सिर्फ 100 के स्कोर पर सिमट गई थी। इंग्लैंड ने 212 रन की बड़ी जीत दर्ज की।
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पीटरसन ने दिलाई शानदार जीत
वर्ष 2012 - 13 के दौरे के दूसरे टेस्ट की पहली पारी में भारत ने 327 रन बनाए थे जिसमें चेतेश्वर पुजारा (135) ने शानदार पारी खेली थी। जवाब में इंग्लैंड ने एलिस्टर कुक (122) और केविन पीटरसन (186) की बदौलत 413 रन बना डाले। मोंटी पनेसर (81/6) और ग्रीम स्वान (43/4) ने धारदार स्पिन गेंदबाजी करके भारत को दूसरी पारी में 142 पर समेट दिया था। 57 रनों के लक्ष्य को इंग्लैंड ने बिना कोई विकेट गंवाए हासिल कर लिया।
पिछले दौरे में बुरी हार
अपने पिछले दौरे में इंग्लैंड को भारत में 0-4 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी। ऐसे में कप्तान जो रूट हर हाल में इतिहास बदलना चाहेंगे। इंग्लैंड का आखिरी बार भारत दौरा 2016-17 में हुआ था। पांच मैचों की टेस्ट सीरीज विराट कोहली की कप्तानी में मेजबान टीम ने 4-0 से जीती थी। उस सीरीज में इंग्लैंड टीम की कप्तानी एलेस्टर कुक कर रहे थे। उस सीरीज में भारत की ओर से विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा और मुरली विजय ने दो-दो शतक लगाए थे। वहीं गेंदबाजी में अश्विन और जडेजा ने क्रमशः 28 और 26 विकेट लेकर सीरीज जीतने में अहम भूमिका निभाई थी।
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एलेस्टर कुक की कप्तानी में साल 2012 ने इंग्लैंड ने भारत को 2-1 से हराया था। उस सीरीज में कप्तान कुक ने तीन शतकों की मदद से सर्वाधिक 562 रन बनाए थे। वहीं भारत के चेतेश्वर पुजारा ने एक दोहरे शतक की मदद से 438 रन बनाए और दूसरे सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। दूसरी तरफ गेंदबाजी में प्रज्ञान ओझा और ग्रीम स्वान ने सबसे ज्यादा 20-20 विकेट लिए थे।
2008 में खेली गई दो मैच की टेस्ट सीरीज भारतीय टीम ने 1-0 से जीती थी। पहले चेन्नई टेस्ट में भारत ने चौथी पारी में 387 रनों का सफल पीछा कर छह विकेट से जीत दर्ज की थी। इसके बाद दूसरा मोहाली टेस्ट ड्रा रहा था। उस सीरीज में गौतम गंभीर ने सबसे ज्यादा 361 रन बनाए थे। दूसरी तरफ गेंदबाजी में जहीर खान, हरभजन सिंह और ग्रीम स्वान ने सर्वाधिक आठ-आठ विकेट लिए थे।
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साल 2006 में तीन मैचों की सीरीज 1-1 से बराबरी पर रही थी। बल्लेबाजों में राहुल द्रविड़ सबसे ज्यादा 309 रन बनाने वाले बल्लेबाज बने थे, जबकि गेंदबाजी में अनिल कुंबले ने सर्वाधिक 16 विकेट लिए थे। नागपुर में खेला गया पहला टेस्ट ड्रा रहा था। इसके बाद दूसरे मोहाली टेस्ट में भारत ने नौ विकेट से जीत दर्ज करके बढ़त बनाई। हालांकि, तीसरे मुंबई टेस्ट में इंग्लैंड ने 212 से जीत दर्ज की थी।
साल 2001 में खेली गई तीन मैचों की टेस्ट सीरीज भारत ने 1-0 से जीती थी। मोहाली में खेले गए पहले टेस्ट में दीपदास गुप्ता के शतक और अनिल कुंबले की घातक गेंदबाजी से भारत ने 10 विकेट से जीत दर्ज की थी। इसके बाद अहमदाबाद और चेन्नई में खेले गए अगले दो मैच ड्रा रहे थे। उस सीरीज में सचिन तेंदुलकर ने सर्वाधिक 307 रन और अनिल कुंबले (19 विकेट) सबसे सफल गेंदबाज बने थे।
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