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Online Media Importance: जानें, ऑन लाइन मीडिया की ज़रूरतें
Online Media Importance: प्रभावशाली डिजिटल कहानी कहने के मूल सिद्धांतों को समझने के लिए डिजिटल मीडिया के साथियों को न्यूज स्टोरी कहने के बड़े मीडिया हाउसेज के तरीके पर गौर करन की जरूरत है और इसके लिए अध्ययन पहली शर्त है।
Online Media Importance: आज कल ऑनलाइन मीडिया के पत्रकारों की एक समस्या है कि खबर लिखते जाने के बाद भी उन्हें पेज व्यू नहीं मिलते। उनका कहना है कि हम मेहनत से लिखते हैं। लेकिन लोग पढ़ते नहीं जबकि सम्पादक को लगता है कि उनके लिखने के तरीके में कमी है। ऐसे में इस समस्या का समाधान कैसे हो। कैसे गंभीर विषय पर लिखी गई स्टोरी को पठनीय बनाया जाए। कैसे पेज व्यू बढ़ाए जाएं। असली बात ये है कि आप ऑनलाइन पर उपलब्ध टूल के साथ एक कहानी कैसे सुनाते हैं, जो आपके पाठकों के लिए आकर्षक, समझने योग्य और यथासंभव शीघ्रता से प्रकाशित होने वाली होनी चाहिए? अगर उस विषय को उठाने में आपने देर कर दी तो आपकी स्टोरी लोगों को रुचिकर नहीं लगेगी।
आज की ताजा खबर की जब बात आती है तो आपके न्यूज़रूम का पूरा ध्यान किसी एक विषय पर केंद्रित होता है। आपको अपने दर्शकों या वीवर्स को तथ्यात्मक और शीघ्रता से अपडेट यानी अद्यतन करने की आवश्यकता होती है।
इंटरैक्टिव लेख
इस मामले में कुछ शीर्ष पत्रकारों का मानना रहा है कि जब तक कोई घटनाक्रम जारी है, तब तक उसके बारे में एक इंटरैक्टिव लेख बनाना संभव नहीं है। अगर आप अन्य मीडिया कंपनियों से अलग होना चाहते हैं। कुछ नया देना चाहते हैं क्योंकि यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो एक ही समय में एक ही कहानी लिखने वाले अन्य सभी आउटलेट की भीड़ में आपकी स्टोरी खो जाएगी।
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डिजिटल कहानी कहने वाले उपकरणों के उपयोग में आसानी के लिए कापी राइटर्स व डिजिटल रिपोर्टर्स को ज्ञात सामग्री को लेकर उसे बेचने की अपनी अंतर्दृष्टि से प्रेरणा लेते हुए आगे बढ़ना चाहिए, जिसमें किसी बड़ी घटना को और अधिक सम्मोहक लाइव स्कूप बनाने, जुड़ाव और साझा करने की क्षमता बढ़ाने के लिए अनुशासन बनाए रखना होता है।
डिजिटल स्टोरी टेलिंग
डिजिटल स्टोरी टेलिंग के गुर को समझने के लिए एक आवश्यक तत्व यह है कि डिजिटल परिवर्तन हमारे कहानियों को कहने के तरीके को कैसे प्रभावित करता है। प्रभावशाली डिजिटल कहानी कहने के मूल सिद्धांतों को समझने के लिए डिजिटल मीडिया के साथियों को न्यूज स्टोरी कहने के बड़े मीडिया हाउसेज के तरीके पर गौर करन की जरूरत है और इसके लिए अध्ययन पहली शर्त है। अगर आपने अपने अध्ययन का दायरा बढ़ा लिया तो छोटे बजट वाले छोटे आउटलेट के लिए यह संभव हो जाएगा।
आप को खुद से ये सवाल करना होगा कि क्या आप में बड़े मीडिया हाउसेज की तरह न्यूज स्टोरी को बनाने का आत्मविश्वास है? इसके बाद डिजिटल स्टोरी टूल्स का उपयोग करना आना चाहिए।
टैग्स की पहचान
आपको टैग्स की पहचान आनी चाहिए और इन्हें सलैक्ट करना चाहिए। इसके बाद आप तय करें कि आप उन्हें सक्रिय करना चाहते हैं या उन्हें अनदेखा करना चाहते हैं। अपने उपयोगकर्ताओं को सीधे संलग्न करें। इसी तरह केवल टैक्स्ट या वीडियो से आपकी स्टोरी कंपलीट नहीं होती। इंटरैक्टिव चित्र, वीडियो या वीआर प्रोडक्शन बनाएं। प्रत्येक न्यूज गढ़ने में आप इसे इंटरैक्टिव बनाने के लिए अलग-अलग बटन जोड़ सकते हैं। वीडियो, टेक्स्ट, ऑडियो, ट्वीट आदि अपलोड करें।
इस दृष्टिकोण का उपयोग करके आप डिजिटल टूल की संभावनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद ले सकते हैं। इस के बाद आप को खुद पर भरोसा करना होगा कि वे - अन्य सभी प्रतिद्वंद्वियों की तरह - इन उपकरणों का उपयोग करने में सक्षम हैं।
पत्रकारों और न्यूज़रूम को ऐसा लगना आम है कि नए डिजिटल प्रारूपों का उपयोग करने में बहुत समय बर्बाद होगा और हमारा बजट इसकी इजाजत नहीं देता है। इस वजह से, वे पारंपरिक प्रारूपों से चिपके रहते हैं। लेकिन पहले से उपलब्ध उपकरणों पर पकड़ बनाने और नई संभावनाओं के प्रति अपनी आंखें खोलने से आप काम करने के बारे में जितना सोचते है, उससे कहीं अधिक आसान और तेज हो जाता है।