Telangana Election 2023: इस बार दो सीटों पर उतरे हैं KCR,दोनों सीटों पर भाजपा और कांग्रेस ने की घेराबंदी, कड़े मुकाबले में फंसे CM

Telangana Election 2023: तेलंगाना के मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति (BRS) के मुखिया के चंद्रशेखर राव (KCR) इस बार दो विधानसभा सीटों पर किस्मत आजमाने के लिए मैदान में उतरे हैं। मजे की बात यह है कि इन दोनों सीटों पर ढाई सौ से अधिक उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में उतरे हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 14 Nov 2023 7:42 AM GMT
Telangana Chief Minister K Chandrasekhar Rao- Congress President Revanth Reddy
X

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव- कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी: Photo- Social Media

Telangana Election 2023: तेलंगाना के मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति (BRS) के मुखिया के चंद्रशेखर राव (KCR) इस बार दो विधानसभा सीटों पर किस्मत आजमाने के लिए मैदान में उतरे हैं। मजे की बात यह है कि इन दोनों सीटों पर ढाई सौ से अधिक उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में उतरे हैं। इस कारण समीकरण भी काफी उलझा हुआ नजर आ रहा है।

भाजपा और कांग्रेस की ओर से इन दोनों सीटों पर केसीआर को कड़ी चुनौती मिल रही है। तेलंगाना राज्य के गठन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले केसीआर ने पिछला विधानसभा चुनाव गजवेल विधानसभा सीट से जीता था। इस बार उन्होंने गजवेल के अलावा कामारेड्डी विधानसभा सीट से भी नामांकन दाखिल किया है।

कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष को उतारा

तेलंगाना में केसीआर को मजबूत पकड़ वाला सियासी नेता माना जाता रहा है । मगर इस बार कांग्रेस ने पूरे राज्य में केसीआर को कड़ी चुनौती पेश कर दी है। कांग्रेस ने केसीआर को उनके गढ़ में ही घेरने की रणनीति भी तैयार की है। कामारेड्डी विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने केसीआर के खिलाफ अपने प्रदेश अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी को चुनावी अखाड़े में उतार दिया है। इस विधानसभा क्षेत्र में केसीआर के खिलाफ 102 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है।

ये भी पढ़ें: Mahua Moitra: क्या महुआ मोइत्रा में कायम है ममता बनर्जी का भरोसा ?, पार्टी में मिली बड़ी जिम्मेदारी

अधिकांश निर्दलीय उम्मीदवारों ने कामारेड्डी फार्मर ज्वाइंट एक्शन कमेटी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। इस कमेटी की ओर से कामारेड्डी नगर निगम समिति की उस नीति का विरोध किया जा रहा है जिसके तहत किसानों की जमीनें ली गई है। किसानों की ओर से किया जा रहा विरोध केसीआर के लिए बड़ी मुसीबत बनता दिख रहा है।

कांग्रेस प्रत्याशी ने बढ़ाई केसीआर की मुश्किलें

कामारेड्डी में 2018 के चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद शब्बीर अली ने बीआरएस को कड़ी टक्कर दी थी। मौजूदा समय में बीआरएस के गंपा गोवर्धन यहां से विधायक है। केसीआर ने इस बार गंपा गोवर्धन को टिकट देने के बजाय खुद यहां से लड़ने का फैसला किया है। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर बीआरएस को कड़ी टक्कर दी थी और इस बार भी केसीआर चक्रव्यूह में फंसे हुए दिखाई दे रहे हैं।

गजवेल सीट पर भी हो रहा कड़ा मुकाबला

दूसरी ओर गजवेल विधानसभा सीट पर भी केसीआर को कड़ी चुनौती मिल रही है। भारतीय जनता पार्टी ने इस विधानसभा सीट पर उनके खिलाफ अपने विधायक एटाला राजेंदर को चुनावी अखाड़े में उतारा है। वे पहले बीआरएस में रह चुके हैं और इस चुनाव क्षेत्र में उन्हें अच्छा समर्थन हासिल है।

कांग्रेस ने इस सीट से थुमकुंटा नासा रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस तरह इस चुनाव क्षेत्र में भी दिलचस्प मुकाबला हो रहा है और केसीआर को घेरने में भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों की ओर से कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही है।

बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरने की तैयारी

तेलंगाना में बेरोजगारी, एग्जाम में देरी और पेपर लीक की वजह से सिविल सर्विस परीक्षा कराने में सरकार की असफलता का मुद्दा लंबे समय से विवाद का कारण रहा है। इस मुद्दे को लेकर बेरोजगारों की ओर से युवा उम्मीदवार केसीआर को चुनौती देने के लिए मैदान में उतरे हैं।

कई लोगों की यह भी मांग हैं कि तेलंगाना को अलग राज्य बनाने के लिए चलाए गए आंदोलन में जान गंवाने वालों के परिवारों को सरकारी नौकरी दी जाए। इस आंदोलन में केसीआर ने प्रमुख भूमिका निभाई थी । मगर इस मुद्दे पर वे चुप्पी साधे हुए हैं।

ये भी पढ़ें: Uttarkashi Tunnel Accident Update: आज शाम या कल सुबह तक सभी मजदूरों को निकाल लिया जाएगा, SDRF सचिव का बड़ा बयान

गजवेल को माना जाता है केसीआर का गढ़

वैसे गजवेल विधानसभा क्षेत्र को केसीआर का गढ़ माना जाता रहा है। वे लगातार तीसरी बार गजवेल सीट से चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरे हैं। पिछली बार 2018 के चुनाव में केसीआर की लहर चली थी और उन्हें 1.25 लाख यानी 60.45 फीसदी वोट मिले थे।

2018 के विधानसभा चुनाव में केसीआर ने इस सीट पर 58,000 वोटों से जीत हासिल की थी। इससे पहले 2014 में उन्होंने 19,391 वोटों के अंतर से चुनाव जीता था। इस तरह 2018 के विधानसभा चुनाव में केसीआर की जीत का मार्जिन बढ़ गया था मगर 2023 में उनके लिए कड़े मुकाबले की बिसात बिछ गई है।

तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 30 नवंबर को होने वाली है। एक चरण में होने वाले इस मतदान के बाद राज्य के चुनाव नतीजे 3 दिसंबर को अन्य राज्यों के साथ घोषित किए जाएंगे। माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के चुनाव से खाली होने के बाद भाजपा और कांग्रेस का पूरा फोकस तेलंगाना पर ही होगा।

Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

Next Story