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बच्चों संग ट्रैवलः आसान नहीं ये समय, निकलने से पहले जरूर रखें इन बातों का ध्यान
कई बार ऐसे अवसर आते हैं कि मजबूरन बच्चों के साथ यात्रा करनी पड़ती हैं। ऐसे में बच्चों का खास ख्याल रखते हुए कई सावधानियों का ध्यान रखने की जरूरत हैं। तो जानते हैं उनके बारे में।
लखनऊ : कोरोना महामारी के बीच जिंदगी एक बार फिर से पटरी पर लौट आई है। लोग अब अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं। मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा, स्कूल, कॉलेजस, जिम सेंटर्स, सिनेमाघर, होटल्स और रेस्त्रां खोल दिए गए हैं। जबकि बस, रेल और हवाई सेवा भी शुरू हो चुकी है। आमतौर पर जब हम ट्रेवलिंग करते हैं तो उसकी तैयारी काफी पहले से कर लेते हैं। जब बच्चों के साथ ट्रेवल करना हो तो और ज्यादा ध्यान देना पड़ता है।
कोरोना वायरस का खतरा
आजकल कोरोना वायरस का खतरा हर जगह मंडरा रहा है और इससे बचने के लिए लोग कहीं बाहर नहीं जा रहे हैं। इस लोग बेहद कम यात्राएं कर रहे हैं। एक शहर से दूसरे शहर लोग सफ़र कर रहे हैं, खासतौर पर बच्चों को यात्राओं से दूर ही रखा जा रहा हैं। लेकिन कई बार ऐसे अवसर आते हैं कि मजबूरन बच्चों के साथ यात्रा करनी पड़ती हैं। ऐसे में बच्चों का खास ख्याल रखते हुए कई सावधानियों का ध्यान रखने की जरूरत हैं। तो जानते हैं उनके बारे में।
सैनिटाइज कराएं
बच्चे ने भले ही आपके सामने कुछ छूआ न हो लेकिन फिर भी उसके हाथों को बार-बार सैनिटाइज कराएं। बहुत तेज खुशबू वाले सैनिटाइजर का प्रयोग न करें, ये बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है। खुद के हाथों को भी बार-बार सैनिटाइज करें। सैनिटाइजर की शीशी को हाथों में ही रखें।
याद रखें, आप घर पर नहीं हैं। यदि बच्चा रोता है तो उसे चुप कराने के लिए बार- बार उसके चेहरे को न छूएं क्योंकि यात्रा के दौरान यदि हम ट्रेन या बस से लंबी दूरी का सफर कर रहे हैं तो हमें नहीं याद होता है कि हमने क्या- क्या छूआ है। जिस जगह बैठ रहे हैं, उसे एकबार अच्छे से सैनिटाइज जरूर करें।
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बाहर की चीजें ना खरीदें..
बच्चे की जरूरत की सभी छोटी- बड़ी वस्तुएं अपने साथ लेकर चलें। दूध की शीशी, डायपर, दवाइयां, खाना सबकुछ साथ ले लें। घर के बाहर से बच्चे के लिए कुछ भी खरीदना खतरे से खाली नहीं है। ट्रेन या बस से यात्रा कर रहे हैं तो किसी अन्य व्यक्ति से कोई भी सामान न लें, पानी की बोतल भी नहीं।
छोटे बच्चे कुछ नहीं समझते हैं। वे किसी भी वस्तु को छू लेते हैं और हाथों को मुंह में ले लेते हैं या नाक छू लेते हैं। इसलिए बच्चों को हाथों पर ग्लव्स जरूर पहनाएं। वैसे भी ठंड का मौसम है, ग्लव्स पहनाने से बच्चे को ठंड भी नहीं लगेगी। मां भी बच्चे की सुरक्षा के लिए हाथों में ग्लव्स जरूर पहनें।
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बार-बार इन चीजों का इस्तेमाल ना करें
भले ही कितना ही आवश्यक काम क्यों न हो, शिशु को किसी अन्य स्त्री या पुरूष के हाथों में न दें। यदि वॉशरूम भी जाना है तो बच्चे को या तो किसी परिवार के सदस्य को दें और अकेले हैं तो बच्चे को भी साथ लेकर चले जाएं। महामारी के इस दौर में किसी भी व्यक्ति पर विश्वास नहीं किया जा सकता है।