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India's Mini Africa: गुजरात में ‘मिनी अफ़्रीका' नहीं देखा होगा आपने, आइये जाने यहां का रिवाज, धर्म और इतिहास

India's Mini Africa: आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे भारत का मिनी अफ्रीका कहा जाता है।

Akshita Pidiha
Published on: 30 July 2023 1:28 PM GMT (Updated on: 31 July 2023 2:40 PM GMT)
Indias Mini Africa: गुजरात में ‘मिनी अफ़्रीका नहीं देखा होगा आपने, आइये जाने यहां का रिवाज, धर्म और इतिहास
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India's Mini Africa (Photo Courtesy- Social Media)

India's Mini Africa: भारत में विविधता है, ये सभी जानते हैं। हर धर्म के लोग यहां रहते हैं। पर ये बात बहुत ही कम ओग जानते हैं कि भारत में पिछले 750 सालों से अफ़्रीकी मूल के हज़ारों लोग यहां रह रहे हैं। यह जगह गुजरात राज्य (Gujarat) के जंबूर गांव (Jambur) में है। आज देश में अफ़्रीकी मूल के सिद्धी समुदाय के लोगों की कुल जनसंख्या 50 हज़ार के क़रीब है। इस गाँव को मिनी अफ्रीकी (Mini Africa) कहा जाता है।

ये अफ्रीकी मूल की बंतु समुदाय से ताल्लुक़ रखते हैं। इनमें से अधिकतर लोगों ने इस्लाम धर्म को अपना लिया है। जबकि कुछ कुछ हिंदू और ईसाई धर्म को मानने लगे हैं।

गुलाम बनाकर लाए गए थे भारत

इनकी कहानी अब जानते हैं। आज से क़रीब 750 साल पहले पुर्तगाली (Portuguese) इन्हें अपने काम के लिए गुलाम बनाकर भारत लाए थे। तभी से सिद्धी जनजाति के ये लोग गुजरात में रह रहे हैं। ये भले ही सालों से भारत में रह रहे हों पर भारत ने पूरी तरह से इन्हें अपना नागरिक नहीं माना है।

एक इतिहास यह भी कहता है कि जूनागढ़ के नवाब इन समुदाय के लोगों को भारत में लाये थे। दरअसल, जब नवाब अफ़्रीका गए थे तब उन्हें वहां एक अफ़्रीकी महिला से प्यार हो गया। उसके बाद जब यह महिला भारत आई, तो अपने साथ 100 गुलामों को भी लाई थी। उसके बाद से यहां अफ्रीकी लोग आते गए और बसते गए।

भारत ने अबतक नहीं अपनाया इन्हें

इस समुदाय के लोग भारत के साथ-साथ पाकिस्तान में भी रहते हैं। इन्हें 'सिद्दी मुसलमान' (Siddi Muslim) भी कहकर बुलाया जाता है। पर आज भी इन सिद्दी समुदाय को इनके हक़ का नहीं मिला है। इनका कहना है कि इन्होंने भारत को अपना लिया है, पर भारत ने अभी तक इन्हें नहीं अपनाया है। जिसकी वजह से इन्हें आज भी भेदभाव का सामना करना पड़ता है। इनका विकास नहीं हो रहा है। आज़ादी के इतने साल बाद भी इनके अपने घरों के दस्तावेज़ भी इनके पास नहीं हैं। आज भी यहां के लोग मिट्टी के टूटे घरों में रहने के लिए मजबूर हैं। ये मज़दूरी करने के लिए आज भी मजबूर हैं।

पर गुजरात का यह गांव अब पर्यटन स्थल हो गया है। यहाँ के लोग गुजराती में बात करते हैं। ये सिर्फ़ अपने धर्म में ही शादी करते हैं। इसलिए भी ये लोग आज भी अफ्रीकी ही दिखते हैं। अब ये समुदाय गुजरात के अलावा गोवा और कर्नाटक और हैदराबाद में भी जा बसे हैं। ये लोग अफ्रीकी मूल की परम्पराओं के साथ साथ भारतीय और गुजराती परम्परा को भी मानते हैं। इनके अपने अफ्रीकी कल्चर हैं। साथ ही ये अफ्रीकी जनजाति के डांस को ख़ुशी के माहौल में करते हैं।

Akshita Pidiha

Akshita Pidiha

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