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History of Hastinapur: जानिए क्या है हस्तिनापुर का इतिहास, ये जगह आज भी हैं महाभारत के महान युद्ध गवाह

History of Hastinapur: मेरठ शहर में स्थित, हस्तिनापुर शहर न सिर्फ अपने इतिहास को लेकर प्रसिद्ध है बल्कि इसके अंदर कई रोचक तथ्य भी हैं जो शायद बहुत कम लोगों को पता होंगे आइये वो भी जान लेते हैं।

Shweta Shrivastava
Published on: 28 July 2023 4:11 AM GMT
History of Hastinapur: जानिए क्या है हस्तिनापुर का इतिहास, ये जगह आज भी हैं महाभारत के महान युद्ध गवाह
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History of Hastinapur (Image Credit-Social Media)

History of Hastinapur: मेरठ शहर में स्थित, हस्तिनापुर एक ऐसा शहर है जो महाभारत के महान युद्ध, एक ही परिवार के भाइयों के बीच प्रतिद्वंद्विता की कहानी, भगवान कृष्ण की सर्वोच्चता और कलियुग के आगमन का गवाह है। ये शहर गंगा नदी के तट पर स्थित है और हस्तिनापुर जैनियों के लिए एक महत्वपूर्ण पूजा स्थल है क्योंकि ये वो स्थान है जहाँ तीन जैन तीर्थंकरों का जन्म हुआ था। ये शहर सदियों से जीवित है, लेकिन साथ ही इसने किंवदंती की ताकत को भी बरकरार रखा है। वहीँ ये शहर न सिर्फ अपने इतिहास को लेकर प्रसिद्ध है बल्कि इसके अंदर कई रोचक तथ्य भी हैं जो शायद बहुत कम लोगों को पता होंगे आइये वो भी जान लेते हैं।

हस्तिनापुर का इतिहास

इतिहास के पन्नों पर हस्तिनापुर की कहानी कई तरह से बयां की गयी है। लेकिन इसका नाम आते ही सभी के मन में महाभारत की युद्ध की शंखनाद ही गूँज उठती है। हस्तिनापुर कुरु वंश के राजाओं की राजधानी थी। संपूर्ण महाकाव्य महाभारत इसी हस्तिनापुर शहर में घटित हुआ है। हिंदू पौराणिक कथाओं में हस्तिनापुर का पहला उल्लेख सम्राट भरत की राजधानी के रूप में आता है। संपूर्ण महाभारत दो चचेरे भाइयों पांडवों, या पांडु के पांच पुत्रों (युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव) और कौरवों (कुरु के वंशज), के एक सौ पुत्रों की पारिवारिक प्रतिद्वंद्विता के इर्द-गिर्द घूमती है। धृतराष्ट्र का बेटा दुर्योधन जिनमें सबसे बड़ा था। कौरवों और पांडवों दोनों ने आधुनिक दिल्ली से लगभग पचपन मील (नब्बे किलोमीटर) उत्तर-पूर्व में हस्तिनापुर में अपनी राजधानी के साथ कुरु भूमि के सिंहासन का दावा किया।

हस्तिनापुर का इतिहास उन शासकों के आंसुओं, पीड़ा, खुशी और जोश की गाथा को उजागर करता है जिन्होंने एक के बाद एक हस्तिनापुर पर शासन किया। भरत ने भारद्वाज को राजा नियुक्त किया और उसके बाद राजा हस्ति आये जिन्होंने हस्तिनापुर की स्थापना की। हस्ति के बाद हस्ति के पुत्र अजमीढ़ ने हस्तिनापुर पर शासन किया। हस्तिनापुर का समृद्ध इतिहास इस तथ्य को उजागर करता है कि हस्ति के बाद कुरु सत्ता में आये और उन्होंने हस्तिनापुर पर शासन किया। वो अपने पुत्र जाह्नु को छोड़कर मर गया जो बाद में सिंहासन पर बैठा। जाह्नु के बाद शांतनु ने शासन किया। चित्रांगदा नाम के एक नए शासक ने बाद में कुछ समय तक हस्तिनापुर पर शासन किया और बाद में उनके छोटे भाई विचित्रवीर्य ने उनकी जगह ली। विचित्रवीर्य के बाद ही हस्तिनापुर में बदलाव आया और विचित्रवीर्य के पुत्र पांडु नए राजा बने। पांडु की कम उम्र में मृत्यु हो गई और हस्तिनापुर को फिर से एक नया शासक मिला - धृतराष्ट्र। धृतराष्ट्र के निधन के बाद युधिष्ठिर ने हस्तिनापुर पर शासन किया। युधिष्ठिर के बाद उनके भाई के पुत्र परीक्षित ने राज्य किया। बाद में उनके पुत्र जन्मेजय ने थोड़े समय के लिए हस्तिनापुर पर शासन किया। अंतिम राजा चेमक के निधन के साथ ही चंद्र वंश का अंत हो गया। लेकिन इन धरती से जुड़ा कुछ और भी है जो इसे प्रसिद्ध बनता है।

  • हस्तिनापुर को हिंदू और जैन दोनों के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। इसे तीन जैन तीर्थंकरों का जन्मस्थान माना जाता है।
  • महाभारत का युद्ध कौरवों से जीतने के बाद पांडवों ने यहां शासन किया।
  • महाभारत के अनुसार, राजा धृतराष्ट्र की पत्नी रानी गांधारी से 100 कौरव भाइयों का जन्म इसी शहर में हुआ था।
  • हस्तिनापुर महाभारत से संबंधित स्थलों जैसे विदुर टीला, पांडवेश्वर मंदिर, बारादरी, द्रोणदेश्वर मंदिर, कर्ण मंदिर, द्रौपदी घाट और कामा घाट आदि में फैला हुआ है।

पवित्र स्थानों और ऐतिहासिक महलों के लिए प्रसिद्ध होने के अलावा, हस्तिनापुर अपने वन्यजीव आकर्षणों के लिए भी जाना जाता है।


हस्तिनापुर कैसे पहुंचे

अगर आप हस्तिनापुर घूमना चाहते हैं और महाभारत काल के इस स्थल को अपनी आँखों से देखना चाहते हैं तो आइये जान लेते हैं कि आप यहाँ तक कैसे पहुंचेंगे।

हवाई मार्ग द्वारा:-हस्तिनापुर का निकटतम हवाई अड्डा दिल्ली का आईजीआई हवाई अड्डा है। ये शहर से 136 किमी दूर है आप टैक्सी से यहाँ तक पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग द्वारा:- मेरठ सिटी रेलवे स्टेशन हस्तिनायर से 35 किमी दूर है, आप कैब बुक करके आसानी से यहाँ तक पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग:- आप रिक्शा, ऑटो या बस जैसे सार्वजनिक साधनों से आसानी से हस्तिनापुर पहुंच सकते हैं।

इसके अलावा भी अगर आप हस्तिनापुर घूमना चाहते हैं तो यहाँ और भी कई आकर्षक विजिटिंग स्पॉट्स मौजूद हैं। जैसे- वन्यजीव अभयारण्य जो मैन शहर से 3 किमी दूर स्थित है। इसके अलावा अष्टापद, जम्बूद्वीप जैन तीर्थ,भाई धर्म सिंह गुरुद्वारा,बड़ा दिगंबर जैन मंदिर भी यहाँ आप घूम सकते हैं।

Shweta Shrivastava

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