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MP Tourism: आइये घूमा दें आपको मध्य प्रदेश , ये हैं यहां की बेहद खूबसूरत ओर शांतप्रिय जगह
MP Tourism: भारत का दिल कहा जाता है मध्य प्रदेश राज्य। यहाँ घूमने की सुंदरता से भरपूर कुछ ऐसी जगह हैं जो आपका ओर आपके परिवार वालों का दिल जीत लेगी। आइये जानते हैं मध्य प्रदेश की कुछ ऐसे जगहों के बारे में।
MP Tourism: घूमने के शौक़ीन हर बार एक नयी जगह जाना पसंद करते हैं। भारत में अलग- अलग जगह की सैर करने दूर- दूर से पर्यटक आते हैं। भारत का दिल कहा जाता है मध्य प्रदेश राज्य। यह प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर राज्य है। यहाँ आपको घूमने के लिए ढेरों खूबसूरत जगह मिलेगी। मध्य प्रदेश में कुछ जगह पर्यटकों के बीच बेहद प्रसिद्द हैं। वही दूसरी ओर कुछ पर्यटक स्थल बहुत खूबसूरती के बाद भी पर्यटकों के बीच थोड़े कम प्रसिद्द हैं। यहाँ घूमने की सुंदरता से भरपूर कुछ ऐसी जगह हैं जो आपका ओर आपके परिवार वालों का दिल जीत लेगी। आइये जानते हैं मध्य प्रदेश की कुछ ऐसे जगहों के बारे में।
1) कुनो राष्ट्रीय उद्यान: कुनो राष्ट्रीय उद्यान भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह उद्यान 1981 में स्थापित किया गया था और 2018 में यह राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा प्राप्त कर लिया। कुनो राष्ट्रीय उद्यान का क्षेत्रफल लगभग 344 वर्ग किलोमीटर है और इसका सभी क्षेत्र पूर्ण रूप से वन से ढका हुआ है। यह उद्यान ध्वजारोहण तालाब, भुरेसिया तालाब, अम्बापानी तालाब जैसे अनेक सुंदर झीलों के लिए प्रसिद्ध है।
कुनो राष्ट्रीय उद्यान का प्रमुख उद्देश्य प्राकृतिक जीव विविधता को संरक्षित करना है। यहां पाए जाने वाले प्रमुख जीवन्त प्रजातियों में बाघ, चीता, चितवन, गौर, चिंकारा, नीलगाय, संबर, लंगूर, बंदर और विभिन्न पक्षियों के समृद्ध प्रदर्शन को देखा जा सकता है। कुनो राष्ट्रीय उद्यान प्रियदर्शी महिला बाघ के अनुसंधान के लिए भी प्रसिद्ध हुआ है। इस उद्यान में उत्तरी वन्य क्षेत्र के बाघों को सबल और स्थायी पॉपुलेशन का निर्माण करने के लिए एक प्रयास के तहत गुजारा किया गया है। कुल मिलाकर, कुनो राष्ट्रीय उद्यान एक प्राकृतिक सौंदर्य का स्थान है जो वन्यजीवों के लिए एक सुरक्षित आवास प्रदान करता है और पर्यटकों को भी खींचता है। यहाँ पर्यटकों को जानवरों के साथ ही विदेशी पौधों की तमाम प्रजातियां देखने को मिलेगी।
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2) केन घड़ियाल सेंचुरी: केन घड़ियाल सेंचुरी भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक प्रमुख घड़ियाल संरक्षित क्षेत्र है। श्योपुर और मुरैना जिले में स्थित इस पार्क की स्थापना 1981 में की गई थी। यह घड़ियालों के लिए एक प्राकृतिक आवास है और उनके संरक्षण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। केन घड़ियाल सेंचुरी का क्षेत्रफल लगभग 45 वर्ग किलोमीटर है और यह सन्दर्भ में भारत में सबसे बड़ी घड़ियाल संरक्षण क्षेत्रों में से एक है। इस सेंचुरी में घड़ियाल के साथ-साथ अन्य प्राकृतिक जीव जंतु भी पाए जाते हैं जैसे कि बाघ, चीता, गौर, चितवन, संबर, नीलगाय और विभिन्न पक्षियों के समृद्ध प्रदर्शन।
सेंचुरी में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए विशेष उपाय अपनाए गए हैं जिससे कि घड़ियालों की संख्या में वृद्धि हो सके और यह संरक्षित हो सके। इसके अलावा, इस सेंचुरी में घड़ियालों के विकास और अनुसंधान के लिए सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। केन घड़ियाल सेंचुरी प्रकृति प्रेमियों, वन्यजीवन सफारी करने वालों, और विज्ञानियों के लिए एक आकर्षक स्थल है, जो भारत की वन्य जीव संपदा को संरक्षित रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
3) घुघुआ फॉसिल राष्ट्रीय उद्यान: घुघुआ फॉसिल राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश, भारत में स्थित एक अद्भुत प्राचीन फॉसिल उद्यान है। शायद ही किसी पर्यटक ने इसके बारे में पहले सुना होगा। डिंडोरी जिले के शाहपुरा में यह पार्क स्थित है। घुघुआ फॉसिल राष्ट्रीय उद्यान में प्राकृतिक रूप से पदार्थों के अवशेष जो कई लाख साल पुराने हैं, पाए जाते हैं। इस उद्यान में खासकर सूखे धाराओं और धाराओं के कई प्रकार के फॉसिल जलवायु के पदार्थ पाए जाते हैं, जो संवेदनशील प्राकृतिक इतिहास के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
इस उद्यान में आपको दिनोसोरों, समुद्री कच्छपों, मछलियों, पेड़-पौधों, और अन्य प्राचीन जीव-जंतुओं के अवशेष देखने का अवसर मिलता है। यहां के फॉसिल अवशेष आधुनिक जैवविज्ञानियों के लिए विशेष रूप से रोचक होते हैं क्योंकि इससे प्राकृतिक विकास और पृथ्वी के इतिहास के बारे में अधिक ज्ञान प्राप्त होता है।घुघुआ फॉसिल राष्ट्रीय उद्यान भारत में एक अनोखा स्थल है जो जीवन के प्राचीन समय के रहस्यों को सुरक्षित रखता है और पर्यटकों को भी अपनी प्राचीन इतिहास की खोज में मदद करता है।
4) पन्ना के मंदिर: मध्य प्रदेश का एक बहुत खूबसूरत शहर है पन्ना जो पर्यटकों के बीच कम प्रसिद्द है। इस शहर में बहुत खूबसूरत मंदिर है जिनके आपको एक बार दर्शन अवश्य करने चाहिए।
1) महामाया देवी मंदिर: महामाया देवी मंदिर पन्ना जिले के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर माँ दुर्गा को समर्पित है और नवरात्रि के दौरान यहां बड़ी धूमधाम से उत्सव मनाया जाता है।
2) बलाजी मंदिर: बलाजी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और यह भक्तों के बीच बड़े प्रसिद्ध है। इस मंदिर का स्थान पन्ना शहर में है।
3) कालीदेवी मंदिर: कालीदेवी मंदिर भगवानी काली को समर्पित है और यह भक्तों के बीच प्रसिद्ध है। इस मंदिर का स्थान पन्ना जिले के हरपलपुर नामक स्थान पर है।
4) शंकर मंदिर: शंकर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह शिवरात्रि के दौरान बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस मंदिर का स्थान पन्ना जिले के अमंगंज नामक स्थान पर है।
5) जैन मंदिर: पन्ना जिले में कई जैन मंदिर भी हैं, जिनमें से कुछ बहुत प्राचीन भी हैं। ये मंदिर जैन धर्मवालों के लिए धार्मिक महत्व रखते हैं।
5) बुरहानपुर: बुरहानपुर मध्य प्रदेश राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित एक जिला है। यह जिला नर्मदा और ताप्ती नदी के बीच बसा हुआ है और मध्य प्रदेश का एक प्रमुख ऐतिहासिक शहर है। यह शहर अपनी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और सैय्यद अर्किटेक्चर से प्रसिद्ध है। इतिहास प्रेमियों के लिए एक एक परफेक्ट जगह है।बुरहानपुर का नाम मुग़ल राजा महमूद शाह के मंत्री बुरहान उल मुल्क के नाम पर रखा गया था, जिसने इसे अपनी राजधानी बना लिया था। इसके पास बागपत नामक एक मशहूर बाग़ भी है जो मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने बनवाया था। इस शहर के पास एक प्रसिद्ध सुफी संत, हजरत निजामुद्दीन बुरहानपुरी का स्थान भी है, जिसे लोग बड़े श्रद्धा भाव से चार्चा करते हैं। बुरहानपुर ऐतिहासिक रूप से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मुग़ल शासक और मराठा सत्रापों के बीच एक प्रमुख संघर्ष के केंद्र था।
6) चंदेरी: यह शहर पर्यटकों के बीच काम मशहूर है लेकिन अपने अंदर बेहद खूबसूरती समेटें हुए है। यहाँ की साड़ी पूरे देश में मशहूर है। इस सुन्दर शहर में झरने, किले, बावड़ी मौजूद हैं। यह एक प्राचीन और ऐतिहासिक शहर है, जिसका अधिकांश इतिहास गुप्तकालीन और मेडीवल काल से जुड़ा हुआ है।
7) असीरगढ़ किला: असीरगढ़ किला सतपुड़ा की खूबसूरत पहाड़ियों के बीच स्थित हैं। 15वीं शताब्दी का यह किला सम्राट असी अहीर द्वारा बनवाया गया था और यह इतिहास प्रेमियों के लिए एक परफेक्ट जगह है। असीरगढ़ किले में विशाल दीवारें, बड़े दरवाज़े, और शानदार महल देखने को मिलते हैं। इस किले का वास्तविक सौंदर्य और भव्यता आकर्षक होते हैं और यह ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण अंश है। असीरगढ़ किले के आस-पास विशाल और सुंदर प्राकृतिक सौंदर्य भी है, जो भ्रमण करने वालों को खींचता है। इस किले के निकट ही छोटे झीलें भी हैं, जो इस स्थान को आनंददायक बनाती हैं।