Sambhara Ashapura Mata G Temple: पचपदरा की सांभरा आशापुरा देवी, जाने इसका इतिहास और रहस्य

Sambhara Ashapura Mata G Temple History: भारत के राजस्थान राज्य के बालोतरा जिले में पचपदरा एक छोटा सा शहर है। यह एक तहसील मुख्यालय है, जो बाड़मेर जिले से आता है। यह शहर पचपदरा झील के लिए काफी मशहूर है

Sarojini Sriharsha
Published on: 16 July 2023 11:04 AM GMT
Sambhara Ashapura Mata G Temple: पचपदरा की सांभरा आशापुरा देवी, जाने इसका इतिहास और रहस्य
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Sambhara Ashapura Mata G Temple History (Photo - Social Media)

Sambhara Ashapura Mata G Temple History: भारत के राजस्थान राज्य के बालोतरा जिले में पचपदरा एक छोटा सा शहर है। यह एक तहसील मुख्यालय है, जो बाड़मेर जिले से आता है। यह शहर पचपदरा झील के लिए काफी मशहूर है और यहां नमक संग्रह किया जाता है। यहां के लोग मोरली नामक झाड़ी से झील में नमक का उत्पादन करते हैं। उत्कृष्ट क्वालिटी का होने के कारण यह नमक विश्व प्रसिद्ध है। पचपदरा के नमक को यहां के स्थानीय लोग कोसिया कहते हैं।

भारत में समुद्र के किनारे अनेक स्थानों पर नमक बनता है। आज से करीब सौ साल पहले यानी ब्रिटिश शासन काल तक मारवाड़ में 90 स्थानों पर नमक बनता था। उस समय पूरे उत्तर भारत में राजस्थान के पचपदरा का नमक ही प्रयोग होता था । पचपदरा की धरती खोदने पर 5-6 फुट से 13 फुट तक गाढ़ा नमकीन पानी मिलता है जिसे सुखाकर नमक बनाया जाता है। पचपदरा का नमक विशेष स्वाद व गुण वाला माना जाता है जिसकी आपूर्ति खासकर ब्रिटिश शासन काल में मेवाड़, मारवाड़, हाड़ौती, मालवा, सागर आदि में की जाती थी।

पचपदरा के लोगों का मानना है कि नमक की खेती यहां पर सांभरा आशापुरा देवी के आशीर्वाद का फल है। मां आशापुरा, शाकम्भरी देवी का ही रूप है, जो चौहानों सहित अन्य कई गोत्रों की कूलदेवी मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि यहां आने वाले हर भक्त की आशा पूरी होती है। इसलिए मां शाकम्भरी का नाम बाद में आशापुरा माता पड़ गया। पचपदरा का पूरा नमक का इलाका इसी सांभरा देवी की देन है। समय समय पर देवी का वरदान साबित होता है। इसी इलाके के लिए आज से पचास साल पहले किसी भक्त को देवी ने सपने में कीमती खदान का वरदान दिया था । जिसे यहां के लोग निर्माणाधीन तेल शोधक रिफाइनरी मान रहे हैं।

इस मंदिर के प्रांगण में मोर, तोता , हिरण, नीलगाय जैसे पशु पक्षियों का झुंड देखा जा सकता है। नवरात्रि के दौरान यहां बड़ा मेला का आयोजन होता है।

कैसे पहुंचें पचपदरा में सांभरा आशापुरा देवी मंदिर

यहां पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा जोधपुर है। जोधपुर से करीब 100 किमी की सड़क मार्ग NH 25 से यहां पहुंचा जा सकता है। बालोतरा यहां का निकट रेलवे स्टेशन है जो जोधपुर, जयपुर से जुड़ा है। वैसे तो यहां बरसात कम होती है, लेकिन विगत वर्षों में अच्छी बारिश से इलाका हराभरा दिखाता है और सर्दियों का मौसम खासकर सुहावना होता है। ठहरने के लिए इस इलाके में कई अच्छे होटल भी हैं। यहां से करीब 25 किमी की दूरी पर जैन समाज का प्रसिद्ध तीर्थस्थल नाकोडा जी का मंदिर है जहां दुनिया भर से लोग आते हैं।

अगर आप राजस्थान की यात्रा पर निकल रहे हैं तो जोधपुर, जैसलमेर के साथ यहां की यात्रा करना ना भूलें।

Sarojini Sriharsha

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