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Amazing Ice Hotel में रात गुजारना मुश्किल, फिर रोज आते हैं हजारों लोग, जानें क्यों
सर्दियों के बाद पिघलकर पानी बन जाता है और नदी में मिल जाता है। स्वीडन के इस होटल को आइस होटल के नाम से जानते हैं। हर साल सर्दियों में बनने वाला यह होटल पांच महीने बाद पिघल कर नदी में मिल जाता है।
जयपुर: सर्द मौसम और बर्फीली वादियां हर किसी की पहली पसंद होती है। सर्दियों का मौसम अधिकांश लोगों को बहुत पसंद आता है, इसलिए लोग सर्द मौसम का आनंद लेने के लिए ऐसे डेस्टिनेशन पर जाना पसंद करते हैं, जहां बर्फबारी होती है। उत्तर भारत में इन दिनों कड़ाके की ठंड है और पर्यटक इस मौसम का लुत्फ उठाने के लिए कोरोना के बीच में भी यहां आ रहे हैं।
इस देश में ये अनोखा होटल
किसी पर्यटन स्थल पर जाने के बाद लोग आलिशान होटल में ठहरना पसंद करते हैं। अगर आप घूमने के शौकीन हैं तो जाहिर सी बात है कि आप कई होटलों में ठहरे होंगे, लेकिन क्या कभी आपने बर्फ के होटल में रात गुजारी है या वहां रुकने का अनुभव लिया है। जी हां, सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन यह सच है बर्फ का होटल। दुनिया का एक ऐसा देश भी है जहां बर्फ का अनोखा होटल बना है और यह पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
हर साल बनता है ये होटल
बर्फ से बना यह अनोखा आइस होटल स्वीडन में मौजूद है और इसकी खासियत है कि यह हर साल सर्दियों में बनकर तैयार होता है और सर्दियों के बाद पिघलकर पानी बन जाता है और नदी में मिल जाता है। स्वीडन के इस होटल को आइस होटल के नाम से जानते हैं। हर साल सर्दियों में बनने वाला यह होटल पांच महीने बाद पिघल कर नदी में मिल जाता है।
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30 सालों से ज्यादा समय से बन रहा
इस यूनिक होटल को बनाने की परंपरा साल 1989 से चली आ रही है और इस साल भी इस अनोखे होटल को बनाया गया है, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर कोविड-19 गाइडलाइन्स का भी खास तौर पर पालन किया जा रहा है। इस अनोखे होटल को टॉर्न नदी के तट पर बनाया गया है और इसके निर्माण में करीब ढाई हजार टन बर्फ का इस्तेमाल किया गया है।
अंदर और बाहर का नजारा इतना खूबसूरत
बता दें कि हर साल अक्टूबर महीने में इसका निर्माण कार्य शुरू होता है और दुनिया भर के कलाकार इस होटल को बनाने के लिए आते हैं। इस होटल के अंदर और बाहर का नजारा इतना खूबसूरत होता है कि पर्यटक यहां खींचे चले आते हैं, ताकि इस खूबसूरत होटल में वो अपने फुर्सत के लम्हों को यादगार बना सकें।इस होटल में आने वाले पर्यटकों के ठहरने के लिए कई कमरों का निर्माण किया जाता है। हालांकि इस होटल में रहना किसी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि कमरों के भीतर का तापमान करीब माइनस 5 डिग्री सेल्सियस तक रहता है।
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एक दिन का किराया इतना
बताया जाता है कि अक्टूबर में निर्माण कार्य शुरू होने के बाद इस होटल में पर्यटकों के आने का सिलसिला अप्रैल तक चलता है। इसके बाद यहां की बर्फ पिघलने लगती है। यहां हर साल करीब 50 हजार पर्यटक आते हैं और इस होटल में एक रात रुकने के लिए पर्यटकों को 17 हजार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं।