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Yuksom Sikkim: भारत का स्विट्ज़रलैंड कहा जाने वाला गावं युकसोम का पर्वतीय सौंदर्य देख मंत्रमुग्ध हो जायेगे आप
Famous Places Yuksom Sikkim: युकसोम सिक्किम राज्य में स्थित हिमालय की चोटियों पर एक छोटा सा गांव है। यह स्थान पश्चिमी सिक्किम के गोरक्षनाथ पहाड़ के पादों पर स्थित है और पहाड़ी इलाके की सुंदरता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। आइये जानते है युक्सोम के इतिहास और प्राकृतिक दर्शनीय स्थलों के बारे में।
Famous Places Yuksom Sikkim: आप अगर घूमने के शौक़ीन है और सुन्दर, शांत पहाड़ियों के बीच शहर के शोर शराबे से दूर , प्राकृतिक सौंदर्य का मज़ा लेना चाहते है तो सिक्किम राज्य में स्थित युकसोम गांव एक बेहतरीन जगह है। युकसोम सिक्किम राज्य में स्थित हिमालय की चोटियों पर एक छोटा सा गांव है। यह स्थान पश्चिमी सिक्किम के गोरक्षनाथ पहाड़ के पादों पर स्थित है और पहाड़ी इलाके की सुंदरता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। युकसोम एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और भारतीय हिमालय के आदिवासी जनजातियों के लोगों की संस्कृति और परंपराओं को दर्शाने का एक प्रमुख केंद्र है। सिक्किम के इस गांव को भारत का स्विट्ज़रलैंड के नाम से भी जाना जाता है।
युकसोम नेशनल पार्क के पास स्थित है जो संरक्षित वनस्पति और जीव जंतुओं को संरक्षित करने का महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां कई प्रकार के पक्षी, जंगली सांप, हिरण, बाघ, लेपर्ड आदि देखे जा सकते हैं। युक्सोम में चलने के लिए कई पहाड़ी ट्रेकिंग मार्ग हैं जो पर्यटकों को प्राकृतिक सुंदरता और आदिवासी संस्कृति का आनंद लेने का अवसर देते हैं।
युकसोम सिक्किम का एक प्रमुख धार्मिक स्थल भी है, जहां पहाड़ी इलाके के बाहरी और आंतरिक यात्रियों को आकर्षित करने के लिए गंग्योंग महादेव मंदिर स्थित है। युकसोम छोटा और शांतिपूर्ण गाँव है जहां आप प्रकृति के साथ गहरी जुड़ाव अनुभव कर सकते हैं और सिक्किम की स्थानीय जीवनशैली और संस्कृति को जान सकते हैं।
युकसोम का इतिहास
सिक्किम राज्य में स्थित युकसोम का इतिहास बहुत ही प्राचीन है। यह सिक्किम राज्य का एक बहुत महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान है। युकसोम को सिक्किम की पहली राजधानी और पहला राजसीते घटनाओं का साक्षी माना जाता है। युकसोम का नाम "थ्रोवोंग तर" था, जो गोरक्षनाथ पहाड़ के आसपास स्थित था। 1642 ईस्वी में, तंगसक नामक भूपति ने सिक्किम के पहले चोगचेन नामक छोटे राज्य की स्थापना की थी और युकसोम को उसकी राजधानी बनाया था। यह भूपति द्वारा सिक्किम में राजवंश की शुरुआत थी और युक्सोम इसका महत्वपूर्ण केंद्र था।
सन् 1642 में, तंगसक नामक भूपति के नेतृत्व में सिक्किम में एक महत्वपूर्ण घटना हुई, जिसे "युक्सोम आधिकारिकीकरण" कहा जाता है। इस आधिकारिकीकरण के बाद से सिक्किम में चोगचेन राजवंश का स्थान स्थायी हो गया और युक्सोम उसकी राजधानी बन गया।
युकसोम ने सिक्किम के आधिकारिक और राजनीतिक केंद्र के रूप में अपनी प्रमुखता बनाई। 17वीं शताब्दी में युक्सोम में एक महत्वपूर्ण धर्मिक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें श्रीपद लबशांग लामा को मुख्य धर्मगुरु घोषित किया गया।
युक्सोम ने इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखा है, और यहां के संग्रहालय और पुरातत्विक स्थलों में उसकी धरोहर को संजोए गए हैं। आज युक्सोम एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहां पर्यटक इसके ऐतिहासिक महत्व, प्राकृतिक सौंदर्य और स्थानीय संस्कृति का आनंद ले सकते हैं।
युक्सोम के प्रमुख दर्शनीय स्थल
1) ताशिदिंग मोनास्ट्री: युकसोम गांव में स्थित यह एक प्रसिद्द मोनास्ट्री है। ताशिदिंग मोनास्ट्री का निर्माण 1717 ईस्वी में महाराजा चड़गुल नयानमा नामक सिक्किमी राजा द्वारा किया गया था। यह मोनास्ट्री न्यूचे लामा नामक बौद्ध धर्मगुरु के निर्देशन में बनाया गया था। ताशिदिंग मोनास्ट्री को सिक्किमी बौद्धों के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है। ताशिदिंग मोनास्ट्री का प्रमुख आयोजन वर्ष में एक बार होता है जिसे ताशिदिंग चम चम नामक त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर भगवान बुद्ध के आदेश पर प्रदर्शन करने वाले नृत्य और संगीत की कई प्रकार की प्रदर्शनियां होती हैं।
2) खांगचेंजोंगा राष्ट्रीय उद्यान: खांगचेंजोंगा राष्ट्रीय उद्यान सिक्किम राज्य का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है। यह उद्यान हिमालय के पश्चिमी सिक्किम में स्थित है और सिक्किम के खांगचेंजोंगा पहाड़ी क्षेत्र को दर्शाता है। यह उद्यान अपनी वन्यजीव संपदा, प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। खांगचेंजोंगा राष्ट्रीय उद्यान को 1977 में संघीय राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित किया गया था और 2016 में यह एक वर्ल्ड हेरिटेज साईट घोषित किया गया। यह उद्यान केंद्रीय और स्थानीय वन्यजीव संरक्षण प्राधिकरण द्वारा प्रबंधित किया जाता है।
खांगचेंजोंगा राष्ट्रीय उद्यान भूमिका निभाता है वन्यजीवों, पक्षियों, पुष्पों और वनस्पतियों के बहुमूल्य संसाधनों के रूप में। यहां पर्यटक खुदरा, वन्य जीवन और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं। इसमें भालू, सियार, स्नो लेपर्ड, मुस्क दीर्घशिंष, तिब्बती मार्कहोर, रेड पांडा, दुर्गा, अनेक प्रकार के पक्षी, पहाड़ी फूल और गहरे जंगल में विश्राम करने के लिए विश्राम स्थल शामिल हैं। यहां कई ट्रेकिंग मार्ग हैं जैसे गोचला ट्रेक, ग्रीन लेक ट्रेक, डब्ल्यूएस ब्लू शिप ट्रेक आदि जो पर्यटकों को खांगचेंजोंगा पहाड़ों की शान्तिपूर्णता, बागीचों, झरनों और हिमप्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेने का अवसर देते हैं।
3) काथोक झील: यह झील गंगटोक शहर से लगभग 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। काथोक झील एक प्राकृतिक झील है और इसे वन्यजीवों के पर्यावास की मान्यता प्राप्त है। यह झील पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है और इसकी सुंदरता और पर्यावरणीय महत्व के कारण मशहूर है। काथोक झील का समुद्रतल स्तर लगभग 4000 मीटर है और यह गहराई में बसी हुई है। यह झील एक सुंदर आवास स्थल है जहां आप शांति और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं। यहाँ पर्यटक बोटिंग, यात्रा, मछली पकड़ने और वन्यजीव देखने के लिए आते हैं। यहाँ कई प्रकार के पक्षी, मछली और जीव-जंतु पाए जाते हैं और यहाँ का मौसम आरामदायक रहता है।
4) कंचनजंघा वॉटरफॉल: कंचनजंघा वॉटरफॉल सिक्किम में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह वाटरफॉल दार्जीलिंग के निकट स्थित है और यह सिक्किम के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। कंचनजंघा वॉटरफॉल गंगटोक से लगभग 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यह वॉटरफॉल नामकाम के एक पहाड़ी नदी से बहता है और यह कांचेंजंगा पर्वत मार्ग में स्थित है। यह जलप्रपात वन्यजीवों का आवास है और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए मशहूर है।
इसके अलावा पर्यटकों के लिए अन्य सुन्दर दर्शनीय स्थल भी है जिनकी सुंदरता देख आप मंत्रमुग्ध हो जायेगे।