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जानिए भगौड़े नीरव मोदी को कैसे मिली ब्रिटेन में एंट्री?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नीरव मोदी को यह वीजा उसके भारतीय पासपोर्ट पर इश्यू किया गया है। इस वीजा के तहत कोई व्यक्ति ब्रिटेन में पढ़ाई कर सकता है, काम कर सकता है या फिर कोई बिजनेस सेट-अप कर सकता है।
नई दिल्ली: नीरव मोदी 'गोल्डन वीजा' लेकर ब्रिटेन में दाखिल हुआ था। हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का खुलासा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि यूके सरकार के बॉन्ड या कंपनी के शेयरों में 2 मिलियन पाउंड का निवेश करने की प्रतिबद्धता पर ब्रिटिश सरकार या वीजा दिया गया।
रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों से पता चला कि वीजा मोदी के भारतीय पासपोर्ट पर जारी किया गया था। जनवरी 2018 से मोदी भारत से बाहर हैं और प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल अधिनियमित एक नए कानून के तहत उन्हें आर्थिक अपराधी घोषित करने के लिए मामला दर्ज किया है।
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क्या है गोल्डन वीजा
गोल्डन वीजा ऐसे इंवेस्टर्स को दिया जाता है जो यूरोपियन यूनियन के बाहर के होते हैं और जो वहां की सरकार के बॉन्ड्स में या वहां की किसी कंपनी के शेयर्स में 20 लाख पौंड (26.48 लाख डॉलर) का निवेश करता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नीरव मोदी को यह वीजा उसके भारतीय पासपोर्ट पर इश्यू किया गया है। इस वीजा के तहत कोई व्यक्ति ब्रिटेन में पढ़ाई कर सकता है, काम कर सकता है या फिर कोई बिजनेस सेट-अप कर सकता है।
20 लाख पौंड का यह निवेश पांच वर्ष तक के लिए लॉक हो जाता है। तब तक निवेशक ब्रिटेन की स्थायी नागरिकता पाने के योग्य होता है। हालांकि अगर निवेशक ने ज्यादा धन निवेश किया है तो उसे नागरिकता जल्दी भी मिल सकती है।
कौन है नीरव मोदी
नीरव मोदी 13 हजार 700 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले के प्रमुख आरोपियों में से एक है। वह देश के टॉप-100 रईसों में शामिल हैं। बताया जाता है कि नीरव मोदी को फायदा पहुंचाने के लिए पीएनबी के अधिकारियों ने गलत तरीकों का इस्तेामाल किया। फिलहाल वह लंदन में रह रहा है। उसे भगोड़ा करार दे दिया गया है।
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