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प्रदेश में अब तक श्रमिकों को लेकर आयीं 1018 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें, 178 अभी रास्ते में
होम क्वारंटीन में रखे गए लोगों के घर के बाहर इस सम्बन्ध में अनिवार्य रूप से पोस्टर लगाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वारंटीन सेन्टर में प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की स्किल मैपिंग की जाए, ताकि होम क्वारंटीन पूरा करने के पश्चात उनके रोजगार की व्यवस्था की जा सके।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अब तक 1018 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें प्रवासी श्रमिकों को लेकर प्रदेश में आ चुकी हैं। 178 ट्रेनें रास्ते में हैं। इसके अलावा, बसों एवं अन्य साधनों से भी प्रवासी /श्रमिक आये हैं। अब तक 21 लाख से अधिक प्रवासी कामगार/श्रमिक सुरक्षित प्रदेश में पहुंच चुके हैं।
उन्होंने निर्देश दिए कि इसी प्रकार आने वाले समय में भी प्रत्येक प्रवासी श्रमिक को सुरक्षित उनके गृह जनपद में घर तक पहुंचाया जाए।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य की सीमा में प्रवेश करते ही प्रवासी श्रमिकों को सबसे पहले भोजन व पेयजल उपलब्ध कराया जाए।
थर्मल स्कैनिंग के बाद स्वस्थ पाए गए प्रवासी श्रमिकों को राशन किट
प्रवासी श्रमिकों की सकुशल प्रदेश वापसी के साथ ही उन्हें क्वारंटीन सेन्टर में सुरक्षित पहुंचाया जाए। क्वारंटीन सेन्टर में इन्हें फूड पैकेट उपलब्ध कराया जाए। थर्मल स्कैनिंग के बाद स्वस्थ पाए गए प्रवासी श्रमिकों को राशन किट उपलब्ध कराते हुए होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जाए।
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उन्होंने कहा कि हर जरूरतमंद को भोजन एवं खाद्यान्न उपलब्ध हो, यह व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि होम क्वारंटीन के दौरान प्रवासी श्रमिकों को एक हजार रुपए का भरण-पोषण भत्ता भी दिया जाए। होम क्वारंटीन किए गए लोगों की सर्विलांस के लिए गठित निगरानी समितियों में आशा वर्कर के साथ अन्य सभी सदस्यों को सक्रिय रखा जाए।
होम क्वारंटीन पूरा करने के पश्चात, रोजगार की व्यवस्था
होम क्वारंटीन में रखे गए लोगों के घर के बाहर इस सम्बन्ध में अनिवार्य रूप से पोस्टर लगाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वारंटीन सेन्टर में प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की स्किल मैपिंग की जाए, ताकि होम क्वारंटीन पूरा करने के पश्चात उनके रोजगार की व्यवस्था की जा सके। इसके तहत पात्र एवं इच्छुक लोगों के जॉब कार्ड तैयार किए जाएं। राज्य में वापस आए प्रवासी नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कर्मियों की ट्रेनिंग कराई जाए।
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