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UP News: 107 सरकारी अस्पतालों में लगाए गए CCTV कैमरे, डिप्टी सीएम आज करेंगे उद्घाटन
UP Latest News: उत्तर प्रदेश के 107 सरकारी अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। अब अस्पतालों की निगरानी राजधानी लखनऊ में बने इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर से की जाएगी।
UP News: उत्तर प्रदेश के 107 सरकारी अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। अब अस्पतालों की निगरानी राजधानी लखनऊ में बने इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर से की जाएगी। आज यानी कि गुरूवार (24 अगस्त) को यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक उद्घाटन करेंगे। अधिकारियों की माने तो इन कैमरों से देखा जाएगा कि डॉक्टर मरीज को सही समय पर देख रहे हैं या नहीं। दवा काउंटर व पैथोलाजी में जांच समय पर हो रही या नहीं इन सभी चीजों की निगरानी सीसीटीवी कैमरों द्वारा की जाएगी।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशक (प्रशासन) डा. राजागणपति आर ने बताया कि हेल्थ आनलाइन पैरामीटर इवैल्यूएशन को तीन चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में यूपी के 107 सरकारी अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। उन्होने कहा कि बड़े अस्पतालों में 70-70 तक सीसीटीवी कैमरे लगाकर मरीजों को दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं की निगरानी की जाएगी। दूसरे चरण में सभी अस्पतालों का डाटा आनलाइन उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होने कहा कि किस अस्पताल में कितने बेड और कौन-कौन सी दवाएं उपलब्ध है ये सभी जानकारी आनलाइन मिल जाया करेंगी। वहीं, तीसरे चरण में हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से रोगी अपनी समस्याओं का समाधान इस कंट्रोल रूम के माध्यम से करा सकेगें।
अस्पतालों में 16 जगहों पर लगाए गए CCTV कैमरे
जानकारी के मुताबिक यूपी के प्रत्येक सरकारी अस्पतालमें बाह्य रोगी और इमरजेंसी विंग, नर्सिंग स्टेशन, व्हीलचेयर व स्ट्रेचर स्थल, कैंटीन, मुख्य गेट, रोगी लॉबी, ब्लड बैंक, दवा वितरण काउंटर और आपरेशन थिएटर समेत 16 स्थानों में कैमरे लगाए गए हैं, क्योंकि इन्ही स्थानों पर सबसे ज्यादा भीड़ रहती है। कंट्रोल सेंटर में 40 कर्मचारियों की एक टीम अस्पतालों में होने वाली घटनाओं की 24 घंटे निगरानी करेगी।
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30 मिनट में होगा समस्या का समाधान
किसी डॉक्टर के कमरे के बाहर मरीजों की भीड़ लगी हुई है और डॉक्टर चेंबर में नहीं हैं तो कमांड सेंटर से संबंधित अस्पताल के अधीक्षक को मैसेज भेजा जाएगा। मैसेज भेजने के 30 मिनट बाद यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो अगले 30 मिनट बाद अधीक्षक को महानिदेशालय की ओर से स्पष्टीकरण जारी कर दिया जाएगा। अगले दो घंटे में यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो महानिदेशक को मामले की जानकारी देते हुए विभागीय कार्रवाई की जाएगी।