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लखनऊ में 110 साल पुरानी चर्च, क्या आपको पता है यहां हथियार पर नहीं थी मनाही

अगर बात लखनऊ की हो यहाँ कि ऐतिहासिक इमारतों की दुनिया में एक अलग ही पहचान है। नवाबकालीन विभिन्न इमारतें पूरे विश्व में अपनी पहचान रखती है,

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Published on: 23 Dec 2020 1:39 PM GMT
लखनऊ में 110 साल पुरानी चर्च, क्या आपको पता है यहां हथियार पर नहीं थी मनाही
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110 साल पुरानी चर्च: बनने में लगे थे 27 साल, हथियार ले जाने पर नहीं थी मनाही Photo by Ashutosh Tripathi (newstrack.com)

लखनऊ: क्रिसमस आने में बस कुछ ही दिन बचे हैं ऐसे में राजधानी लखनऊ के सभी चर्च रंग बिरंगी रौशनी से सजा दिए गए हैं लेकिन लखनऊ में एक ऐसा चर्च भी है जहां सन्नाटा फैला हुआ है और अगर इस चर्च को यहाँ की सबसे पुरानी चर्च कहें तो ग़लत नहीं होगा। ये चर्च क़रीब 110 पुरानी है।

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ऐतिहासिक इमारतों की दुनिया में एक अलग ही पहचान है

lko-church lko-church Photo by Ashutosh Tripathi (newstrack.com)

अगर बात लखनऊ की हो यहाँ कि ऐतिहासिक इमारतों की दुनिया में एक अलग ही पहचान है। नवाबकालीन विभिन्न इमारतें पूरे विश्व में अपनी पहचान रखती है, तो कई चर्च भी अपने आप में ख़ास पहचान रखते हैं, जी हाँ हम बात कर रहे हैं कैंटोनमेंट में बने 110 साल पुराने ऑल सेंट ग़ैरिसन चर्च की. जिसे ब्रिटेन पर आए इंजीनियरों ने 27 साल में तैयार किया था।

वर्ष 1885 में जब ग़दर की शुरुआत हुए क़रीब दो दशक ही हुए थे, आज़ादी के लिए पूरे देश के साथ-साथ लखनऊ में शोले धधक रहे थे, और पूरे देश में ब्रिटिश फ़ौज की संख्या लगातार बधती जा रही थी। ऐसे में प्रार्थना के लिए उपयुक्त जगह नहीं थी ऐसे में इस चर्च का निर्माण लखनऊ कैंट में किया गया।

lko-church lko-church Photo by Ashutosh Tripathi (newstrack.com)

ब्रिटिश वास्तु के हिसाब से बनायी गयी चर्च 1912 बनकर तैयार हुई, इस चर्च में एक साथ क़रीब पाँच सौ लोग प्रेयर के सकते हैं।

आसमान पर देखने से क्रॉस जैसा आता है नज़र

इस चर्च की ख़ास बात यह है कि अगर इसे आसमान से देखा जाए तो यह क्रॉस के आकार का बाहर आता है और ये कोई मात्रा संयोग नहीं इसे ये आकार देने के लिए इंजीनियर ने काफ़ी मेहनत की।इसी वजह से इस चर्च को बनने में 27 साल लग गए।

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lko-church lko-church Photo by Ashutosh Tripathi (newstrack.com)

हथियार के साथ होती थी प्रार्थना

ये चर्च एक और वजह से खासी चर्चा में रहती थी कि ये भारत की एकमात्र चर्च थी जहां आप हथियार लेकर जा सकते थे। यहाँ आपको हथियार रखकर प्रेयर करने पर कोई मनाही नहीं थी, जिसकी सीधी वजह थी अक्सर यहाँ क्रांतिकारी हमले हुआ करते थे, जिस वजह से ब्रिटिश सरकार ने यहाँ हथियार लाने की खुली छूट दे रखी थी। हथियार रखने के लिए यहाँ ख़ासतौर पर लकड़ी के मेज बनायी गयी थी जिसने ताला लगाने की भी सुविधा था, प्रेयर करते समय लोग अपने हथियार इसी में रखते थे।

रिपोर्ट- आशुतोष त्रिपाठी

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