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12000 हार्स पावर का लोकोमोटिव, खींची 5200 टन की मालगाड़ी

भारत सरकार की मेक इन इंडिया स्कीम के तहत एलस्टम कंपनी द्वारा 12000 हार्स पावर के विशुत लोको डब्लू एजी -12 बी का निर्माण किया गया।

Aradhya Tripathi
Published on: 9 Jun 2020 1:19 PM GMT
12000 हार्स पावर का लोकोमोटिव, खींची 5200 टन की मालगाड़ी
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झांसी: ट्रिप शेड झांसी में मंडल रेल प्रबंधक संदीप माथुर द्वारा लोको सं 60023 (डब्लूएजी-12 बी) का अवलोकन किया गया। श्री माथुर ने लोको की डिजाईन, क्रू फ्रेंडली केबिन आदि का जायजा लिया। उन्होंने मालगाड़ी खींचने की इंजन की शक्ति के साथ उसके विभिन्न तकनीकी पहलुओं पर उपस्थित अधिकारीयों के साथ चर्चा की।

लोकोमोटिव में ये हैं खासियत

भारत सरकार की मेक इन इंडिया स्कीम के तहत एलस्टम कंपनी द्वारा 12000 हार्स पावर के विशुत लोको डब्लू एजी -12 बी का निर्माण किया गया। उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मंडल में इस लोको ने 8 जून को गाड़ी संख्या परीक्षा स्पेशल में भीमसेन से पारीछा तक 5200 टन की मालगाड़ी पर सफलता पूर्वक कार्य किया। इस लोको को झांसी ट्रिप शेड में लाकर झांसी मंडल के लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, मैकेनिक स्टॉफ एवं मुख्य लोको निरीक्षकों के प्रशिक्षण हेतु खड़ा किया गया है। इस लोको में दोनों कैब वातानुकूलित हैं। कैब में लोको पायलट एवं सहायक लोको पायलट के कार्य के दौरान गतिविधियों पर नजर रखने के लिये सीसीटीवी एवं वॉयस रिकॉर्डर माइक्रोफोन लगाया गया है।

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इंजन क्रू को अपना सामान रखने के लिये अलग से अलमारी बनाई गयी है। इस लोको में रेल गार्ड की जगह स्टोन थ्रोअर का प्रावधान किया गया है। जो कि रास्ते में यदि रेलवे लाईन पर कोई बड़ा पत्थर या अवरोध पाया जाता है तो स्टोन थ्रोअर उसको रेलवे लाईन से दूर फेंककर इंजन को डिरेलमेंट होने से बचाएगा। इस लोको की क्षमता अधिक होने से झांसी मंडल के उतार-चढ़ाव वाले खड में मालगाड़ियों के संचालन में आने वाली समस्यायें समाप्त होंगी एवं मानूसन के मौसम में बिना बैंकर के हैवी लोड को सूचारू रूप से चलाया जा सकेगा।

बिहार के मधेपुरा में बनाया गया लोको

यह लोकोमोटिव डब्ल्यूएजी 12B 12000 HP अधिकतम 120 किमी प्रति घंटे की गति से चल सकता है। यह लोको लंबी और भारी माल गाड़ियों को मेन लाइन पर और साथ ही डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए आदर्श विकल्प है। भारत में निर्मित होने वाले सभी लोकोमोटिव 90 प्रतिशत से अधिक स्थानीयकरण के साथ, सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ के दृष्टिकोण का एक वास्तविक अवतार है।

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लोकोमोटिव का निर्माण मधेपुरा बिहार के मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड (रेल मंत्रालय के संयुक्त उपक्रम और एम / एस अलस्टॉम मैन्युफैक्चरिंग इंडिया लिमिटेड) द्वारा किया गया है। भारतीय रेल / आरडीएसओ के विशिष्टीकरण मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए आरडीएसओ द्वारा सभी डिजाइनों की समीक्षा की गई है।

132 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर किया परीक्षण

आरडीएसओ द्वारा विभिन्न मंडलों पर उक्त लोको का परीक्षण किया गया। 7 से 18 दिसंबर 2019 तक अंबाला डिवीजन/उत्तर रेलवे में इसका परीक्षण 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार पर किया गया। इसी प्रकार कोटा डिवीजन/डब्ल्यूसीआर में 1 से 12 जनवरी 2020 तक 132 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार पर परीक्षण किया गया। सीसीआरएस ने पांच मार्च 2020 को WAG12B लोकोमोटिव की मंजूरी के लिए रेलवे बोर्ड को सिफारिश की।

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रेलवे बोर्ड द्वारा उक्त लोको को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से संचालन की मंजूरी 28 अप्रैल 2020 को प्रदान की गयी है। लोको के निरीक्षण के दौरान अपर मंडल रेल प्रबंधक अमित सेंगर, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (परि) योगेश कुमार सिंह, वरिष्ठ मंडल विद्युत इजीनियर (टी आर एस)मयंक शांडिल्य, मंडल इंजीनियर (मुख्यालय ) रामेश्वर कुशवाहा,स्टेशन निदेशक राजाराम राजपूत एवं सहायक मडल विद्युत इंजीनियर (परि) महेश कुमार गुप्ता आदि उपस्थित रहे ।

रिपोर्ट- बी.के. कुशवाहा

Aradhya Tripathi

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