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जेल में आत्महत्या: 16 साल के कैदी ने लगाई फांसी, प्रशासन पर लगे आरोप

वहीं सवाल यह उठता है कि जब 6 बजे बेरिक में सारे कैदी बंद कर दिए जाते हैं तो फिर रात में यह कैदी बेरिक से बाहर कैसे आया और उसने किस तरह फांसी लगा ली।

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Published on: 24 Aug 2020 6:27 PM IST
जेल में आत्महत्या: 16 साल के कैदी ने लगाई फांसी, प्रशासन पर लगे आरोप
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Prisnor Death In Jail

इटावा: ज़िला जेल में औरैया निवासी एक कैदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिवार वालों ने जेल प्रशासन पर हत्या करने का आरोप लगाया। जेल प्रशासन के अनुसार रात 11 बजे बेरिक के बाहर एक कैदी जो छेड़खानी के मामले में सज़ा में दस अगस्त को बंद किया गया था। उसने फांसी लगा ली। वहीं सवाल यह उठता है कि जब 6 बजे बेरिक में सारे कैदी बंद कर दिए जाते हैं तो फिर रात में यह कैदी बेरिक से बाहर कैसे आया और उसने किस तरह फांसी लगा ली।

परिजन लगा रहे जेल प्रशासन पर हत्या का आरोप

वहीं शव लेने के लिए परिजन सुबह से चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उन्हें नहीं दी जा रही है। वहीं घरवालों ने एक और बड़ा आरोप लगाया कि उनके बच्चे की उम्र आधार कार्ड के मुताबिक मात्र 15 साल की है। फिर कैसे इसको बच्चों वाले जेल की बजाय ज़िला जेल भेज दिया गया। घर वालों ने जेल प्रशासन पर पैसे के लेनदेन को लेकर मारपीट कर जान से मार देने का भी आरोप लगाया है। औरैया जिले का रहने वाला पंकज 14 दिन पहले छेड़खानी के मामले में इटावा ज़िला जेल भेजा गया था।

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District Jail Etawa District Jail Etawa

कल रात 2 बजे पंकज के घर वालों को सूचना दी जाती है कि उनके बेटे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। सूचना पर जिला जेल पहुँचे पंकज के परिजनों ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। पंकज के पिता अनिल ने बताया कि कल दोपहर में उन्हें बताया गया था कि बेटे की तबियत सही नहीं है। खर्चा-पानी लेकर जेल आ जाओ। फिर रात में अचानक आत्महत्या की खबर दी जाती है।

परिजनों का आरोप 16 वर्ष के बच्चे को बच्चा जेल में क्यों नहीं रखा गया

Prisnor Death In Jail Prisnor Death In Jail

जब सुबह औरैया से परिजन पहुंचते हैं तो उनसे कोई भी जेल प्रशासन का अधिकारी मिलने नहीं आता और न ही यह जानकारी दी जाती है कि बेटे का शव आखिर है कहां। वहीं पंकज के पिता ने पंकज का आधार कार्ड दिखा कर बताया जिसमें पंकज की जन्मतिथि 2004 लिखी हुई है। जिसके आधार पर पंकज अभी मात्र 16 वर्ष का हुआ है। फिर उसे बच्चा जेल की बजाय ज़िला जेल में क्यों रखा गया। जहां खूंखार सजायाफ्ता कैदी सज़ा काट रहे हैं।

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वहीं जब इस बारे में जेल अधीक्षक राज किशोर सिंह से कुछ बोलने को कहा गया तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया। जेलर मीडिया के सवालों से बचते नज़र आए और जांच की बात कहकर चलते नज़र आए। इससे पहले भी कुछ महीनों पहले जेल के अंदर एक कैदी की मारपीट से मौत हो चुकी है। तो वहीं जेल 2 कैदी फरार भी हो चुके हैं। जिनकी अभी तक कोई जानकारी नही मिल सकी है।

रिपोर्ट- उवैश चौधरी



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