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अयोध्या: कृषि विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह संपन्न, 579 छात्रों को मिली डिग्री
अध्यक्षीय भाषण में कुलाधिपति ने उपाधि पाने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई दी तथा उपाधि धारको को समाज व राष्ट्र के प्रति उनके उत्तरदायित्व को स्मरण कराया। उन्होंने उपाधि धारकों को कृषि क्षेत्र में उन्नति लाने का व्रत लेने तथा राष्ट्र के विकास एवं उन्नयन के प्रति दृढ़ संकल्प कराया ।
अयोध्या : आचार्य नरेंद्र कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय के 22वें दीक्षांत समारोह में 579 स्नातक एवं परास्नातक छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान किया गया। इसके साथ यह दीक्षांत समारोह दिनांक 12 मार्च 2021 दिन शुक्रवार को संपन्न हुआ। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलाधिपति व उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने की।
प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय का 22वें दीक्षांत समारोह
अध्यक्षीय भाषण में कुलाधिपति ने उपाधि पाने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई दी तथा उपाधि धारको को समाज व राष्ट्र के प्रति उनके उत्तरदायित्व को स्मरण कराया। उन्होंने उपाधि धारकों को कृषि क्षेत्र में उन्नति लाने का व्रत लेने तथा राष्ट्र के विकास एवं उन्नयन के प्रति दृढ़ संकल्प कराया । उन्होंने कहा कि जब आप दुनिया की वास्तविकताओं का सामना करने के लिए तैयार हो रहे हैं, ऐसे समय में मानव मूल्य व आदर्शों का ध्यान रखते हुए सदैव विवेकपूर्ण शब्दों का प्रयोग करना चाहिए।
सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को लेकर जागरूक
उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों एवं कृषि जगत से जुड़े आगंतुकों को सरकार द्वारा कृषकों के हित में चलाई जा रही योजनाओं को अपनाने तथा कृषकों की कृषि आधारित समस्याओं का तकनीकी निदान करने हेतु कृषि वैज्ञानिकों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अयोध्या द्वारा विकसित प्रजातियो एवं तकनीकी के माध्यम से पूर्वांचल के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के विकास में विश्वविद्यालय का अमूल्य योगदान है। जिसे भविष्य में जारी रखते हुए विश्वविद्यालय कृषि शिक्षा, शोध एवं प्रसार के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि, डॉ० राकेश चंद्र अग्रवाल, उप महानिदेशक (शिक्षा) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली ने कहा कि राज्य कृषि विश्वविद्यालय, सक्षम मानव संसाधन विकसित करने के केंद्र हैं । जो गुणवत्ता युक्त शिक्षा देकर दक्ष एवं योग्य व्यक्तियों के माध्यम से, देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं । कृषि के बदलते हुए परिवेश में योग्य एवं तकनीकी रूप से दक्ष, सुशील एवं प्रगतिशील युवा वर्ग एवं शिक्षित व्यक्ति किसानों के उत्थान एवं देश के कृषि क्षेत्र के विकास की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा ।
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सतत विकास के लिए पेशेवर दक्षता की आवश्यकता
कृषि स्नातकों को इस क्षेत्र में सतत विकास के लिए पेशेवर दक्षता की आवश्यकता है । कृषि विश्वविद्यालय द्वारा रोजगार पर शिक्षा प्रदान कर विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने की ओर अग्रसर किया जा रहा है । वर्तमान में कोविड-19 से उत्पन्न विषम परिस्थितियों में विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा छात्रों को जिज्ञासाओं के अनुरूप नवीनतम तकनीक का अनुसरण कर स्मार्ट क्लास द्वारा शिक्षण कार्य किया जा रहा है । ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से छात्रों को शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई गई है और विगत सत्र में ससमय शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार पाठ्यक्रम पूरा किया गया । जो एक अत्यंत सराहनीय कार्य है ।
किसानों की आय में वृद्धि के लिए बेहतर अवसर दिए जा रहे
विश्वविद्यालय गुणवत्ता युक्त बीज तथा नवीन तकनीकीयों को किसानों तक पहुंचा रहा है । जिससे किसानों को सीधा लाभ पहुंच रहा है। वैश्विक स्तर पर दूध और मांस की बढ़ती मांग को दृष्टिगत रखते हुए कृषि विविधीकरण के अंतर्गत छोटे, सीमांत तथा भूमिहीन किसानों के लिए कृषि एवं कृषि से संबंधित अन्य व्यवसाय जैसे पशुपालन एवं मत्स्य पालन का प्रशिक्षण प्रदान कर किसानों की आय में वृद्धि के लिए बेहतर अवसर प्रदान किए जा रहे हैं । स्वस्थ एवं उत्पादक पशुधन ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ होता है। विश्वविद्यालय पशु चिकित्सा एवं पशुपालन में पूर्वांचल के किसानों के उत्थान में अहम योगदान प्रदान कर रहा है।
कुल 579 छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गई
दीक्षांत समारोह में नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद्र जी को उनकी अनुपस्थिति में मानद उपाधि प्रदान की गई तथा कृषि, उद्यान, सामुदायिक, अभियंत्रण व पशु चिकित्सा एवं पशुपालन पाठ्यक्रमों में स्नातक एवं परास्नातक के कुल 579 छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गई। समारोह के दौरान 6 उपाधि धारकों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक, 11 उपाधि धारकों को कुलपति स्वर्ण पदक तथा 8 उपाधि धारकों को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। कुलाधिपति स्वर्ण पदक पाने वाले समस्त उपाधि धारक छात्राएं रही जो महिला सशक्तिकरण का एक सजीव उदाहरण है । जिसे महामहिम राज्यपाल, उत्तर प्रदेश द्वारा सराहा गया तथा छात्राओं को और आगे बढ़-चढ़कर परिवार, समाज व देश के उत्थान में प्रतिभाग करने हेतु प्रेरित किया।
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आनंदीबेन पटेल ने अमृत महोत्सव कार्यक्रम को लेकर कही यह बात
दीक्षांत समारोह के विशिष्ट अतिथि लाखन सिंह राजपूत, राज्यमंत्री कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, उत्तर प्रदेश सरकार ने समस्त उपाधि धारकों को बधाई दी तथा उन्हें कृषि के क्षेत्र में बड़े आयाम हासिल करने हेतु प्रेरित किया । उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों तथा युवा वर्ग को किसानों के हित में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु आह्वान किया। आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अन्तर्गत कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ,मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं कुलपति द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर राष्ट्रप्रेम एवं राष्ट्रभक्ति की चर्चा की गई।
कुलपति ने दीक्षांत समारोह में समस्त अतिथियों का किया स्वागत
विश्वविद्यालय के कुलपति, डॉ० बिजेंद्र सिंह ने दीक्षांत समारोह में पधारे समस्त अतिथियों का स्वागत किया तथा विगत 1 वर्ष में विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा, शोध एवं प्रसार में किए गए कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया । उन्होंने विश्वविद्यालय को ऊंचाइयों पर पहुंचाने तथा कीर्तिमान स्थापित करने हेतु कार्य करने के लिए वैज्ञानिकों को प्रेरित किया। डॉ० सिंह ने भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार का सहयोग एवं मार्गदर्शन हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया।
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किसानो को अंग वस्त्र आदि पहनाकर किया गया सम्मानित
विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि इस दीक्षांत समारोह के प्रमुख आकर्षण परिषदीय स्कूल के बच्चे रहे जिन्हें कुलाधिपति महोदया द्वारा स्कूल बैग, ज्ञानवर्धक पुस्तकें ,फल- फूल ,पौष्टिक आहार आदि दे कर संवाद करना तथा पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों से आए पद्मश्री एवं प्रगतिशील किसानो को अंग वस्त्र आदि पहनाकर सम्मानित किया गया। सम्मानित किए गए किसान क्रमशः पद्मश्री श्री चंद्रशेखर सिंह- वाराणसी, इंद्रसेन सिंह जौनपुर ,श्रीमती कृष्णावती -बस्ती, अशोक सिंह- बाराबंकी सोहेल आलम- सुल्तानपुर, एवं राजेंद्र वर्मा- अयोध्या थे।
रिपोर्ट : नाथ बख्श सिंह
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