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लेखपाल ने दी ऐसी चेतावनी, सदमे में हो गई युवा किसान की मौत
पराली जलाने और फिर उस पर कार्रवाई को लेकर एक किसान इतना दबाव में आ गया उसकी हार्ट अटैक से दर्दनाक मौत हो गई। इस किसान की उम्र महज 26 साल थी और वह बैंक के कर्ज तले भी दबा था।
बाराबंकी: पराली जलाने और फिर उस पर कार्रवाई को लेकर एक किसान इतना दबाव में आ गया उसकी हार्ट अटैक से दर्दनाक मौत हो गई। इस किसान की उम्र महज 26 साल थी और वह बैंक के कर्ज तले भी दबा था। यह किसान अपने परिवार में अकेला कमाने वाला था। किसान प्रदीप की मौत के बाद घर में कोहराम मचा हुआ है। परिजनों का कहना है उनका लड़का काफी दबाव में रहता था क्योंकि परिवार पर बैंक का भी लाखों का लोन है। ऐसे में वह अपना लड़का तो खो ही चुके हैं लेकिन सरकार से मांग करते हैं कि उनका लोन माफ कर दिया जाए।
दबाव में आ गया था किसान
मामला सुबेहा थाना क्षेत्र के गांव बली गेरावा गांव का है। यहां खेत में पराली जलाने की सूचना पर हलका लेखपाल ने किसान को कार्रवाई की धमकी दी। धमकी के चलते किसान को ऐसा सदमा लगा सदमा लगा कि उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद घर में कोहराम मच गया। दरअसल प्रदीप सिंह नाम के किसान के परिवार में पराली जला गई थी। जानकारी होने के बाद मौके पर पहुंचे लेखपाल राजेंद्र प्रसाद ने खेत में जल रही पराली की फोटो खींची और वीडियो बना लिया। इसके बाद उसने इसकी जानकारी किसान प्रदीप सिंह को देते हुए कार्रवाई की बात कही। जिसके चलते किसान काफी दबाव में आ गया।
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ग्राम प्रधान ने कही ये बात
गांव में प्रधान सरजू यादव ने बताया कि वह प्रदीप के साथ लेखपाल से मिलने तहसील पहुंचे। लेखपाल ने प्रदीप सिंह को बताया कि वह कार्रवाई से बचने के लिए खेत की जुताई करा दे। प्रधान ने बताया कि पराली जलाए जाने को लेकर उसे कार्रवाई होने का डर भी दिखाया। इससे किसान प्रदीप सिंह सहम गया। कार्रवाई के नाम से सहमे प्रदीप प्रधान के साथ घर लौट आया और उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। जब तक उसे इलाज के लिए ले जाते रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
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वहीं परिजनों के मुताबिक घर पहुंचते ही थोड़ी देर तक प्रदीप सिंह गुमसुम बैठा रहा। थोड़ी देर बाद उसने सीने में दर्द बात कही। परिजन आनन-फानन प्रदीप को अस्पताल ले जाने लगे लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है वह काफी दबाव में रहता था क्योंकि परिवार पर बैंक का भी लाखों का लोन है। ऐसे में वह अपना लड़का को ही चुके हैं लेकिन सरकार से मांग करते हैं कि उनका लोन माफ कर दिया जाए।
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