फिर बजी खतरे की घंटी, कोरोना के नए केस मिलने से ग्रीन जोन की उम्मीद टूटी

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में एक बार फिर खतरे की घंटी बज गई है। कल ही ये जिला कोरोना मुक्त हो गया था, लेकिन सोमवार को पांच नये केस मिलने से एक बार फिर सीतापुर में हड़कंप मच गया है।

Shreya
Published on: 11 May 2020 1:13 PM GMT
फिर बजी खतरे की घंटी, कोरोना के नए केस मिलने से ग्रीन जोन की उम्मीद टूटी
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फिर बजी खतरे की घंटी, कोरोना के नए केस मिलने से ग्रीन जोन की उम्मीद टूटी

सीतापुर: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में एक बार फिर खतरे की घंटी बज गई है। कल ही ये जिला कोरोना मुक्त हो गया था, लेकिन सोमवार को पांच नये केस मिलने से एक बार फिर सीतापुर में हड़कंप मच गया है। सीएमओ डॉ. आलोक वर्मा ने बताया है कि पांच में से तीन केस रेउसा और दो केस बिसवां में पाए गए हैं। यह सभी मजदूर हैं।

37 मजदूरों के लिए गए थे सैंपल

तमाम मजदूर महाराष्ट्र से आए थे। सभी को अलग अलग स्थानों पर क्वारंटीन किए गए थे। कल 37 मजदूरों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। आज आई रिपोर्ट में पांच मजदूर कोरोना संक्रमित पाए जाने से प्रशासन को तगडा झटका लगा है। वहीं कारोबार शुरू होने की दहलीज पर खड़े इसे जिले के लोगों को भी मायूस होना पड़ गया।

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इससे पहले कोरोना के आ चुके हैं 20 मामले

जिले में इससे पहले 20 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इनमें से ज्यादातर तबलीगी जमात से जुडे थे। 13 मामले खैराबाद में पाए गए थे। इस कस्बे को हॉट स्पॉट घोषित कर दिया गया था। इसके अलावा सिधौली के गोपालपुर समेत बिसवां के कुछ हिस्से को भी हॉट स्पॉट घोषित कर दिया गया था।

जिले में कोरोना से नहीं हुई एक भी मौत

राहत की बात ये रही कि इनमें से किसी की भी मौत नहीं हुई। एक-एक कर सभी की हालत खतरे से बाहर होती गई और रविवार को आई अंतिम रिपोर्ट में सभी निगेटिव हो गए थे। इसी के तहत प्रशासन ने लॉकडाउन की उलटी गिनती शुरू कर दी थी। तमाम राहत देने की कवायद जा रही थी लेकिन अब इस कवायद को थाम दिया गया है।

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बड़ी संख्या में मजदूर किए गए हैं क्वारनटीन

अगर अन्य कोई केस नहीं भी मिलता है तो भी कम से कम 14 दिन लग जाएंगे जिले को ग्रीन जोन बनने में। वैसे जिले में बडी संख्या में मजदूर क्वारंटीन किए गए हैं। विगत सप्ताह ट्रेनों से करीब दो हजार श्रमिक आए, जिन्हें स्कूल व अन्य स्थानों पर क्वारंटीन किया गया है। इन सभी की जांच लक्षण पाए जाने पर की जाएगी। अगर सभी निगेटिव आते हैं तभी राहत होगी।

सीएमओ डॉ. आलोक वर्मा का कहना है कि जिन मजदूरों में संक्रमण पाया गया है उनकी हालत ठीक है। लेकिन उन्हें अलग क्वारंटीन किया गया है। इनके साथ जितने मजूदर ठहरे थे उनके स्वास्थ्य की भी निगरानी की जाती रहेगी।

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रिपोर्ट- पुतान सिंह

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