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लखनऊ में हिंसा करने वाले दंगाइयों से 30 दिन के अंदर वसूली जाएगी इतनी रकम
लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बीते 19 दिसंबर को लखनऊ को हिंसा की आग में झोंंकने वाले उपद्रवी तत्वों पर प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है। लखनऊ के ठाकुरगंज और कैसरबाग क्षेत्र में हुई हिंसा के आरोपियों के खिलाफ एडीएम सिटी पश्चिम की कोर्ट से वसूली आदेश जारी हुआ है।
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जांच में 57 लोग दोषी पाए गए-
इस मामले में मजिस्ट्रेट की जांच में 57 लोग दोषी पाए गए। सभी दोषियों के खिलाफ संपत्ति कुर्क करने कार्रवाई की जाएगी। लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश ने कहा कि हिंसा के दौरान एक करोड़ 55 लाख रुपए के नुकसान की वसूली होनी है। उन्होंने कहा सभी लोगों की पहचान कर ली गई है किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड उपाध्यक्ष के बेटे का नाम भी शामिल-
जानकारी के मुताबिक ठाकुरगंज से 10 और कैसरबाग से 6 आरोपियों को दोषी मानते हुए कुल 69 लाख 48 हजार 900 रुपए हर्जाना तय किया गया है। इनमें शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अबास और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड उपाध्यक्ष कल्बे सादिक के बेटे सिब्तैन नूरी का नाम भी शामिल है।
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तीस दिनों का समय, वर्ना कुर्की-
इन 16 दोषियों से सरकारी और निजी सम्पत्तियों को हुए नुकसान की वसूली की जाएगी। सभी आरोपियों को 30 दिन के अंदर तय धनराशि जमा करनी होगी। यह धनराशि इन सभी से या इनकी सम्पत्ति से संयुक्त रूप से वसूली जा सकती है। आदेश में कहा गया है कि प्रत्येक व्यक्ति पूरे अर्थदंड के लिए व्यक्तिगत रूप से व समस्त समूह सामूहिक रूप से जिम्मेदार हैं।
29 आरोपी, बाकी रिकवरी से बचे-
कैसरबाग में 15 और ठाकुरगंज में 14 लोगों को रिकवरी नोटिस जारी किया गया था। जिसमें सुनवाई के दौरान ठाकुरगंज से चार और कैसरबाग में नौ लोगों पर आरोप साबित नहीं हो पाए। इससे पहले हसनगंज में 21 लाख और परिवर्तन चौक पर हुए नुकसान पर करीब 70 लाख रुपये की रिकवरी नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
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